वित्त मंत्री आज कर सकती हैं किसानों के लिए बड़ा ऐलान, मिल सकती है ये सौगात

वित्त मंत्री ने बुधवार को पहले चरण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूती देने के लिये करीब 6 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की.

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नई दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस (Coronavirus) की मार से उबारने के लिये आर्थिक पैकज की प्रधानमंत्री की घोषणा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. वित्त मंत्री आज कृषि सेक्टर और उससे जुड़ी गतिविधियों को लेकर ऐलान कर सकती हैं. वित्त मंत्री ने बुधवार को पहले चरण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूती देने के लिये करीब 6 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव, ढ़ांचा गत और आवास क्षेत्र की परियोजनाओं को पुरा करने लिए ठेकेदारों और डेवलपर को बिना हर्जाने के छह माह का अतिरिक्त समय देने, टीडीएस और टीसीएस कटौती की दर में चौथाई कमी करने, आयकर रिटर्न जमा करने का समय नवंबर तक बढ़ाने , ईपीएफओ अंशदान में सहूलियत की भी घोषणा की.

किसानों के लिए क्या हो सकता है खास
पीएम किसान सम्मान योजना के विस्तार पर फैसला हो सकता है. इसके अलावा किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर भी ऐलान होने की उम्मीद है. पिछले 6 साल में जो रिफॉर्म हुए, उनके चलते आज भारत की अर्थव्यवस्था अधिक सक्षम व समर्थ बनी है. रिफॉर्म्स के दायरे को व्यापक करते हुए नई हाइट पर ले जाना है. ये रिफॉर्म खेती से भी जुड़े होंगे ताकि किसान सशक्त हो और भविष्य में कोरोना संकट जैसे किसी अन्य आपदा में खेती के कामकाजों पर कम असर हो. समय की मांग है कि भारत हर स्पर्धा में जीते, ग्लोबल सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभाए. इसे देखते हुए आर्थिक पैकेज में कई प्रावधान हैं.

बता दें कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. बुधवार को उसकी पहली किस्त का ब्योरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया. इसमें छोटे उद्योगों में काम करने वालों पर राहत दी है.

वित्त मंत्री ने MSME सेक्टर के लिए की ये बड़ी घोषणाएं
वित्त मंत्री ने इस पैकेज में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार (एमएसएमई सेक्टर) के उद्योग के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं. इस पैकेज में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार (एमएसएमई सेक्टर) के उद्योग को 3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त लोन का प्रावधान शामिल किया गया है. इस कर्ज को सरकार की गारंटी हासिल होगी. यह इस सेक्टर को बांटे गए कुल लोन का करीब 20 फीसदी है. MSME समेत अन्य कारोबारों के लिए 3 लाख करोड़ रु के कोलेट्रल फ्री ऑटोमेटिक लोन का ऐलान किया गया है. कर्ज की समयसीमा 4 वर्ष की होगी. पहले वर्ष मूलधन नहीं चुकाना होगा.

जो एमएसएमई, कुटीर उद्योग इस वक्त संकट का सामना रहे हैं, उनके लिए 20000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें लगभग 2 लाख से ज्यादा एमएसएमई, कुटीर उद्योग को फायदा मिलने वाला है. फंड ऑफ़ फंड्स के जरिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले और विस्तार करने की इच्छा रखने वाले एमएसएमई को 50000 करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन किया जाएगा. इससे अच्छा काम करने वाले एमएसएमई को आकार और क्षमता बढ़ाने का अवसर मिलेगा.

25 लाख से 1 करोड़ ​तक का निवेश करने वाली और 5 करोड़ तक का कारोबार करने वाली यूनिट अब माइक्रो यूनिट कहलाएगी. 10 करोड़ तक तक निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार करने वाले को अब स्मॉल और 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली यूनिट मीडियम यूनिट कहलाएगी. ईमार्केट लिंकेज के साथ व्यापार मेले में शामिल होने के लिए कदम उठाए जाएंगे. सरकारी कंपनियों या पीएसयू में एमएसएमई का जो बकाया होगा, उनका पेमेंट 45 दिन में कराने का प्रयास होगा ताकि जल्द से जल्द उन्हें लाभ मिल सके.

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