वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोपहर 12:30 बजे करेंगी प्रेस कॉन्फ्रेंस, देश की आर्थिक स्थिति की देंगी जानकारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) दोपहर 12:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. इस दौरान वित्त मंत्री, देश की आर्थिक स्थिति के बारे में बताएंगी

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नई दिल्ली. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) आज दोपहर 12:30 बजे देश की आर्थिक स्थिति के बारे में बताएंगी. इससे पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जनवरी-मार्च 2021 यानी चालू वित्त वर्ष के अंतिम और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव (GDP Growth Positive) में देखने को मिल सकती है. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने यह भी अनुमान लगाया कि चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ शून्य से 9.5 फीसदी नीचे रह सकती है.

आपको बता दें कोरोना काल में केंद्र सरकार ने दो वित्तीय पैकेज का ऐलान किया था. सबसे पहले 16 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PMGKP) और फिर इसके बाद करीब 21 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया गया. दूसरे राहत पैकेज में फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी के फैसलों को भी शामिल किया गया.

भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बुरा वक्त हुआ खत्म?-एचडीएफसी लिमिटेड के सीईओ केकी मिस्त्री का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बुरा वक्त पीछे छूट चुका है और आर्थिक सुधार की गति उम्मीद से अधिक तेज है. उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही के दौरान विकास दर पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले बेहतर रह सकती है.

उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना लचीलापन साबित किया है. होम लोन का कारोबार करने वाली वित्तीय कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के सीईओ केकी मिस्त्री ने शनिवार को अखिल भारतीय प्रबंधन संघ की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम ये बातें कहीं. केकी मिस्त्री ने कहा कि अनुकूल ब्याज दरों का दौर आगे भी जारी रहेगा और आर्थिक गतिविधियों में गति तेज होने और मुद्रास्फीति के दबाव बढ़ने के बाद ही दरें बढ़ेंगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्याज दरें अपने निचले स्तर पर आ चुकी हैं.

क्या रेटिंग एजेंसियों का मानना- वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी शून्य से 9.6 फीसदी रह सकती है. वहीं एडीबी ने भी चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.घरेलू रेटिंग एजेंसी CARE रेटिंग ने भी अपने रिपोर्ट में कहा है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ शून्य से 8-8.2 फीसदी राह सकता है.

वहीं, फिंच रेटिंग एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ शून्य से 10.5 फीसदी नीचे रह सकती है. इंडिया रेटिंग और रिसर्च ने भी -11.8 फीसदी जीडीपी का अनुमान लगाया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की जीडीपी -11.5 फीसदी रहे का अनुमान लगाया है.

इन इंडिकेटर्स से मिल रहा आर्थिक रिकवरी का संकेत
वित्त मंत्रालय ने बताया कि रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कमाई 13.5 फीसदी बढ़ी है. इस प्रकार बिजली की मांग 4.2 फीसदी बढ़ी है. ट्रैक्टर की बिक्री में इजाफा हुआ है. बेहतर मॉनसून के साथ ग्रोथ के अन्य इंडिकेटर्स जैसे पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग, 8 कोर सेक्टर्स के इंडेक्स, ई-वे बिल्स, निर्यात, खरीफ की बुवाई, कार्गो ट्रैफिक और पैसेंजर वाहनों की बिक्री आदि में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इन सब बातों से मंत्रालय को भरोसा है कि अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के असर को कम करने के फैसलों का लाभ मिलने लगा है.

जीएसटी कलेक्शन से मिल रहा व्यापारिक गतिविधियां तेज होने का संकेत
मंत्रालय ने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के असर को कम करने के लिए और लोगों की जीविका बेहतर करने के लिए सरकार सभी संभावनाओं पर काम कर रही है. आम लोगों का जीवन बेहतर करने के लिए वित्त मंत्रालय कोई भी फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगा. इसमें कहा गया कि लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से ढील देने के बाद अर्थव्यवस्था अब रफ्तार पकड़ने लगी है. ​व्यापारिक गतिविधियों के शुरू होने का असर अब दिखने लगा है. सितंबर महीने में 95,480 करोड़ रुपये के जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) से ही इस बात के संकेत मिल रहे हैं. यह साल-दर-साल आधार पर सितंबर महीने में 4 फीसदी बढ़ा है.

 

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