नई दिल्ली. अब एम्पलॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) के लाभार्थी ESI स्कीम के तहत सभी 735 जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं. आगामी 1 अप्रैल से इन सभी जिलों में इन सदस्यों को स्वास्थय से जुड़ी सेवाएं मिलनी प्रारंभ हो जाएंगी. वर्तमान में यह सुविधा पूरी तरह से केवल 387 जिलों में ही मिलती है. इसके अलावा 187 जिलों में आंशिक सेवाएं मिलती हैं. जबकि, 161 जिलों में ESIC सदस्यों को कोई स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलती है.
ESIC के तहत सदस्यों को हेल्थ सेंटर्स और टाइअप वाले अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं. ESIC अब प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानी ABPMJAY के तहत अपने सभी सदस्यों को स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं मुहैया करात है. कुछ महीने पहले ही इसे लेकर एक सहमति बनी है.
ESIC के स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य एस पी तिवारी ने कहा, ‘बुधवार को हुई बैठक में स्टैंडिंग कमिटी ने ABPMJAY के तहत प्रबंधन के लिए प्रस्तावित बजट को मंजूरी दे दी है ताकि देशभर के सभी जिलों में 1 अप्रैल 2021 से इंश्योर्ड व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.’
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के साथ समझौता
तिवारी ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशल सेंटर (TUCC) के भी सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि नई जगहों पर मेडिकल केयर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ESIC ने नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (Nation Health Authority) के साथ एक समझौती पत्र पर हस्ताक्षर किया है. इससे ESIC लाभार्थियों को ABPMJAY के पैनल वाले अस्पतालों में स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं मिल सकेंगी.
इस व्यवस्था के तहत, ESIC लाभार्थी देशभर में मौजूद सभी ABPMJAY अस्पतालों में सेवांए प्राप्त कर सकेंगे. इसके अलावा ABPMJAY लाभार्थियों को भी ESIC अस्पतालों में स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं मिल सकेंगी. बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी ने 221वें बैठक में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने अनुमान को रिवाइज किया. अगले वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान भी तय किया गया.
कई अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जाएंगी
कमिटी ने हरियाणा के बवल, उत्तर प्रदेश के बरेली, हरियाणा के बहादुरगढ़, तमिलनाडु के त्रिपुर और आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में 100 बेड वाले अस्पताल बनाने के लिए भी बजट को मंजूरी दी है. इसके अलावा बुटीबोरी, नागपुुर में 200 बेड का अस्तपताल भी बनाया जाएगा. नंदनगर, इंदौर के अस्पतालों में बेड की संख्या 500 तक किया जाएगा. बिहार के फुलवारी और पटना में 50 बेड के अस्पताल को 100 बेड का बनाया जाएगा.
क्या है ESIC स्कीम?
प्रति महीने 21,000 रुपये या इससे कम सैलरी प्राप्त करने वाले इंडस्ट्रियल वर्कर्स ESIC स्कीम के अंतर्गत आते हैं. हर महीने उनकी सैलरी का एक हिस्सा कटता है, जिसे ESIC के मेडिकल बेनिफिट के तौर पर डिपॉजिट किया जाता है. वर्कर्स की सैलरी से हर महीने 0.75 फीसदी और नियोक्ता की तरफ से 3.25 फीसदी प्रतिमाह ESIC किटी में जमा होता है.