कांग्रेस शासित पंजाब ने तोड़ा धान खरीदने का रिकॉर्ड, बीजेपी शासित यूपी फिसड्डी, बिहार जीरो!

देश की कुल धान खरीद का 70 फीसदी हिस्सा अकेले कांग्रेस शासित पंजाब का, यूपी और बिहार जैसे धान उत्पादक सूबों में किसान परेशान

नई दिल्ली. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था को बचाने के लिए सबसे ज्यादा आंदोलन कांग्रेस शासित पंजाब (Punjab) में हो रहा है. यहीं सरकारी रेट पर किसानों (Farmers) से धान खरीदने का रिकॉर्ड भी बन रहा है. जबकि उसके मुकाबले धान उत्पादक यूपी और बिहार (Bihar) जैसे सूबे इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहे हैं. हालांकि, यहां के सत्ताधारी नेता जब किसानों के हित के लिए लच्छेदार भाषण देना शुरू करते हैं तो ऐसा लगता है कि उनसे अच्छा कोई और है ही नहीं. लेकिन आंकड़े झूठ नहीं बोलते. वही बताते हैं कि हकीकत क्या है.

अक्टूबर के अंत तक देश भर में 204.59 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद (Paddy Procurement) की गई है. जिसमें से अकेले पंजाब (Punjab) की हिस्सेदारी 142.81 लाख मीट्रिक टन है. जो कि कुल खरीद का 69.80 प्रतिशत है. पंजाब 2019-20 में भी कुल 162.33 लाख मिट्रिक टन धान खरीदकर इस मामले में पहले नंबर पर था. जबकि यूपी और बिहार जैसे राज्य नहीं के बराबर धान खरीद रहे हैं, जिससे वहां के किसान परेशान हैं. यूपी के किसान अपना धान लेकर हरियाणा की मंडियों में पहुंच रहे हैं. एफसीआई के मुताबिक बीजेपी शासित हरियाणा में 29 अक्टूबर तक 46.30 लाख टन धान खरीदा गया है. इसकी खरीद 26 सितंबर से चल रही है.

Gunny crisis before purchasing paddy in Durg district chhattisgarh

इस बार 1,888 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी पर धान की खरीद हो रही है.

एमएसपी पर धान का भुगतान

धान की खरीद से अब तक लगभग 17.23 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ मिला है. उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार 38,627.46 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपए और 1888 रुपए प्रति क्विंटल है.

कितना है धान खरीद का लक्ष्य?

उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य की एजेंसियां चालू मौसम के दौरान रिकॉर्ड 742 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करेंगी. जबकि पिछले साल 627 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी. खरीफ 2020-21 के लिए खरीद केंद्रों की संख्या भी 30,709 से बढ़ाकर 39,122 कर दी गई है.

यूपी तीसरा बड़ा उत्पादक, लेकिन खरीद में फिसड्डी

एपिडा (APEDA) के मुताबिक पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद यूपी देश का तीसरा सबसे बड़ा धान उत्पादक राज्य है. यहां देश का 11.75 फीसदी धान पैदा होता है लेकिन खरीद के मामले में यह सबसे पीछे रहता है. किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह के मुताबिक यूपी ने अब तक मुश्किल से 4 लाख टन ही धान खरीदा है जो बताता है कि यहां के सत्ताधारियों का किसानों को लेकर माइंडसेट कैसा है.

ऐसे में किसान यहां मजदूर ही बनेगा

साल 2019-20 में भी यूपी में सिर्फ 56.57 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद हुई थी. बिहार में तो अब तक सुशासन बाबू की सरकार ने इसकी खरीद ही नहीं शुरू की है. 29 अक्टूबर तक यहां धान का एक भी दाना नहीं खरीदा गया था. पिछले साल नीतीश कुमार की सरकार ने महज 20.3 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था. ऐसे में यहां के किसान आगे चलकर मजदूर नहीं बनेंगे तो क्या बनेंगे?

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.