बैन के बाद सरकार ने टिकटॉक समेत सभी ऐप्स से मांगा 80 सवालों का जवाब

TikTok समेत कई चीनी ऐप्स बैन करने के बाद अब केंद्र सरकार ने इन ऐप्स को 80 सवालों की एक लिस्ट भेजी है. इन ऐप्स की पेरेंट कंपनी और सब्सिडियरी कंपनी और चीन की एजेंसियों व कानून संबंधी सवाल पूछे गये हैं. डेटा शेयरिंग के बारे में भी जानकारी मांगी गई है.

नई दिल्ली. हाल ही में केंद्र सरकार ने कई चाइनीज ऐप्स पर प्रतिबंध (Chinese Apps Banned in India) लगा दिया था. सरकार के आदेश के बाद गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) और iOS ऐप स्टोर से इन्हें हटा लिया गया था. अब केंद्र सरकार ने इन कंपनियों को 80 सवालों की एक लिस्ट भेजी है. इन सवालों के जरिए केंद्र सरकार जानना चाहती है कि इन कंपनियों के मालिक किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध तो नहीं रखते हैं या चीन के कानून (Chinese Law) के तहत वो सरकार से डेटा शेयर करने के लिए बाध्य तो नहीं हैं.
Shiv Aroor on Twitter: "BIG BREAKING: Indian Govt bans 59 Chinese ...

क्या चीन की सरकार एजेंसियों से डेटा शेयर करते हैं ये ऐप्स?
दरअसल, केंद्र सरकार ने इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि सबसे बड़ी चिंता है कि कहीं इन ऐप्स का डेटा चीन की आर्मी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (PLA) या चीनी एजेंसियों  (Chinese Agencies) के साथ साझा नहीं किया जा रहा हो. जिस वक्त केंद्र सरकार ने इन ऐप्स को बैन करने का ऐलान किया था, उस वक्त पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव का माहौल था.

इन अहम बिंदुओं पर पूछे गए सवाल
सरकार द्वारा पूछे गए सवालों को कई सेक्शन में बांटा गया है. इसमें ‘कंपनी’, ‘मालिकाना हक’, ‘सर्विसेज व सिक्योरिटी’, ‘प्राइवेसी पॉलिसी’ और ‘डेटा संबंधी जानकारी’ जैसे सेक्शन हैं. मालिकाना हक के सेक्शन में पूछा गया है कि क्या कंपनी के मालिक, निदेशक या अन्य सदस्य किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हैं. इसमें पेरेंट कंपनी और सहायक कंपनियों के बारे में भी सवाल हैं.
सरकार मालिकों और प्रबंधन के सिटीजनशिप के बारे में भी पूछा है. क्या भारत में ऑपरेट किए जाने वाले ऐप्स को किसी ऐसी कंपनी द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसे भारत में सेटअप किया गया है.

टिकटॉक समेत कई पॉपुलर ऐप्स को बैन करने के बाद सरकार को इस बारे में भी जानकारी है कि क्या इन कंपनियों के अधिकांश शेयर्स चीन के बाहर के लोगों के पास हैं या नहीं. क्या चीन में ऐसा कोई कानून है या नियामकीय अथॉरिटी है, जिससे इन कंपनियां डेटा शेयर करने के लिए बाध्य हैं. इनमें से कुछ ऐसे सवाल हैं, जो इन ऐप्स की पेरेंट कंपनी की फाइनेंशियल या टेक्नोलॉजिकल संबंध उसकी भारतीय ईकाई से है.

यूजर्स की कौन सी जानकारी कंपनी के पास
सरकार ने रिस्पॉन्स, वर्ज़न अपडेट व अन्य बातों के बारे में भी जानकारी मांगी है. साथ ही यह भी पूछा गया है कि क्या इन ऐप्स की नीतियां भारत के ‘इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000’ के अनुपालन में है या नहीं. क्या आईपी एड्रेस, ब्राउजिंग हिस्ट्री, लोकेशन, टाइमज़ोन, नेटवर्क टाइप या सर्विस आईडी संबंधी जानकारी को कंपनी इकट्ठा करती है या नहीं.

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