केंद्र सरकार का बड़ा फैसला! नई शिक्षा नीति को मिली मंजूरी, RTE कानून से लेकर बोर्ड परीक्षाओं में होगा बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में आज शाम प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि इस बैठक में आज 34 साल बाद नई शिक्षा नीति (New Education Policy (NEP 2020) को मंजूरी मिल सकती है.

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में आज शाम प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि इस बैठक में आज 34 साल बाद नई शिक्षा नीति (New Education Policy (NEP 2020) को मंजूरी मिल सकती है. साल 2020 में वित्तीय बजट में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई शिक्षा नीति का ऐलान किया था. आज उसी Education Policy को केंद्रीय कैबिनेट अनुमोदित कर सकती है. इस नई शिक्षा नीति के तहत देश में शिक्षा के मायने को बदला जाएगा. इससे न सिर्फ युवाओं को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि रोजगार प्राप्त करने में भी आसानी होगी.

A closer look at the New Education Policy 2019

अगर आज मोदी कैबिनेट नई शिक्षा नीति पर मुहर लगा देती है तो 34 साल बाद देश में (New Education Policy) आएगी. वित्त मंत्री ने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर शिक्षकों और अन्य सुविधाओं के लिए बड़े स्तर पर पूंजी जुटाई जाएगी. इसी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने एजुकेशन सैक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लाने का ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने बताया था कि मार्च 2021 तक देशभर में कुल 150 उच्च शैक्षणिक संस्थानों में अपरेंटिसशिप प्रोग्राम (Apprenticeship Programme) शुरू किया जाएगा. जहां तक शिक्षा में खेल को शामिल करने की बात है तो खेल मंत्री किरण रिजिजू ने अभी हाल में कहा था कि देश की नई शिक्षा नीति में खेल पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे.

HRD मंत्रालय का बदल सकता है नाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource and Development (MHRD)) ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि मंत्रालय का मौजूदा नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education (MoE)) कर दिया जाए. कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला हो सकता है. Ministry of Human Resource Development ने रेगुलेटर बनाने का प्लान पहले ही तैयार कर लिया है. इस रेगुलेटर का नाम होगा- नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी (NHERA) या हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण 1986 में किया गया था और 1992 में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे. इसके बाद तीन दशक गुजर गए हैं, लेकिन इसमें कुछ बड़ा बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, कैबिनेट बैठक के बाद शाम 4 बजे इस बारे में डिटेल्स जानकारी दी जाएगी.

RTE कानून में होगा बदलाव

यूपीए सरकार के दौरान 6 से 14 साल के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) बनाया गया था. जिसके तहत फ्री और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है. इस कानून के तहत हर स्कूल के प्रबंधन को इस श्रेणी के छात्रों के लिए कुछ सीटें रिजर्व रखनी होती हैं. अब मोदी सरकार नई शिक्षा नीति के तहत Pre-Primary Education को भी शामिल कर सकती है. ग्रेड 9-12 तक भी मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान हो सकता है. इस हिसाब से यह 6 से 18 साल तक लागू हो सकता है.

बोर्ड परीक्षाओं को लेकर होगा बड़ा बदलाव
नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर भी बड़ा बदलाव होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, छात्रों के मुताबिक कोर्स चुनने की आजादी हो सकती है. इसके अलावा स्किल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इस बैठक में सबसे बड़ा बदलाव परीक्षा के तौर-तरीकों में किया जाएगा. नई शिक्षा नीति नें छात्रों को साल में एग्जाम के लिए दो या तीन बार मौका मिलेगा, ताकि वे दबाव से खुद को बचा सकें. बोर्ड की एक परीक्षा के बजाय सेमेस्ट प्रणाली की सलाह दी जा सकती है.

शिक्षा क्वालिटी सुधारने पर जोर
प्राथमिक स्तर पर दी जाने वाली शिक्षा की क्वालिटी सुधारने के लिए एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का फ्रेमवर्क तैयार करने पर जोर है. इस फ्रेमवर्क में अलग-अलग भाषाओं के ज्ञान, 21वीं सदी के कौशल, कोर्स में खेल, कला और वातारण से जुड़े मुद्दे भी शामिल किए जाएंगे. मोदी सरकार ने पहले ही मंशा जाहिर कर दी है कि वो भारतीय एजुकेशन में विदेशी निवेश का दरवाजा खोलने जा रही है. हाई क्वालिटी शिक्षा के लिए डिग्री लेवल ऑनलाइन स्कीम शुरू करने की भी सरकार की योजना है. देश के टॉप 100 संस्थानों में इस तरह की सुविधा की सरकार की योजना है. देश में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हर जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज बनाने पर भी सरकार का जोर है.

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