कैबिनेट का बड़ा फैसला! 80 करोड़ लोगों को मिलेगा 2 रुपये किलो गेहूं, 3 रुपये किलो चावल
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 27 रुपये किलोग्राम वाला गेहूं मात्र 2 रुपये प्रति किलोग्राम और 37 रुपये किलोग्राम वाला चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम में देने का फैसला किया है.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने 80 करोड़ लोगों को सस्ती दर पर अनाज देने का फैसला किया है. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 27 रुपये किलोग्राम वाला गेहूं मात्र 2 रुपये प्रति किलोग्राम में और 37 रुपये किलोग्राम वाला चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम में देने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, सरकार ने राज्य सरकारों को 3 महीने का एडवांस सामान खरीदने को कहा है.
इससे पहले, उपभोक्ता मामलों के मंत्री (Minister for Consumer Affairs, Food and Public Distribution) रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा कि 75 करोड़ बेनिफिशियरी पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (Public Distribution System) के तहत एक बार में 6 महीने का राशन ले सकते हैं. सरकार ने ये फैसला कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लिया है. सरकार के पास 435 लाख टन का सरप्लस अनाज है. इसमें 272.19 लाख टन चावल, 162.79 लाख टन गेहूं है.
बता दें कि सरकार पीडीएस सिस्टम के तहत देश भर के 5 लाख राशन दुकानों पर बेनिफिशियरी को 5 किलोग्राम सब्सिडाइज्ड अनाज प्रत्येक महीने देती है. इस पर सरकार को सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च आता है. नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राशन दुकानों के जरिए अनाज सब्सिडाइज्ड रेट पर मिलते हैं. 3 रुपये प्रति किलोग्राम चावल, 2 रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं और 1 रुपये प्रति किलोग्राम कॉर्स अनाज बेचती है.
अर्थव्यवस्था को हो सकता है 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देश भर में की गयी लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर (करीब 9 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है. यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार प्रतिशत के बराबर है. उन्होंने राहत पैकेज की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में भी कटौती की.
विश्लेषकों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बड़ी कटौती करेगा। यह भी मानकर चलना चाहिये कि राजकोषीय घाटा का लक्ष्य अब पार हो जाना तय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये तीन सप्ताह के लिये राष्ट्रव्यापी बंदी की घोषणा की है. शोध-सलाह कंपनी बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये वृद्धि दर के अनुमान में 1.7 प्रतिशत की कटौती कर इसके 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है.