नई दिल्ली. लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं के ऑर्डर, उसका भुगतान और डिलिवरी को आसान बनाने के लिए पेनियरबाई (PayNearby), भारत का सबसे तेजी से बढ़ता हाइरपलोकल फिनटेक स्टार्टअप ने अब अपनी हाइपर लोकल डिस्कवरी और पर्चेज ऐप बाईनियरबाई (BuyNearby) का देश भर में विस्तार किया है.
- इस ऐप ने देश भर में 2 लाख से ज्यादा किराना दुकानों को ऑनलाइन स्टोर में खुद को बदलने में मदद की है. स्थानीय किराना के अलावा, इस प्लेटफॉर्म पर खुदरा विक्रेताओं की एक विस्तृत श्रृंखला भी शामिल है, जिसमें किराने का सामान, फार्मेसी, मिठाई स्टोर, सुपरमार्केट, दूध और डेयरी उत्पाद, ब्रांडेड स्टोर, गिफ्ट की दुकानें और मांस की दुकानें शामिल हैं. इस तरह से खानपान जरूरतों की एक विस्तृत श्रृंखला इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.
- महामारी लॉकडाउन के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग के नए मानदंड के साथ दैनिक आवश्यकताओं तक पहुंच बनाना देश भर में एक बड़ी चुनौती बनी है. अपनी नवीनतम पेशकर BuyNearby के साथ ग्राहक अब अपने निकटतम स्थानीय किराना स्टोर की पहचान कर सकते हैं और उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला से जरूरी सामान का चयन कर कुछ भी ऑर्डर कर सकते हैं. दैनिक आवश्यकताओं तक पहुंच के अलावा, इंटरएक्टिव ऐप ग्राहकों को प्री-ऑर्डर और प्री-शेड्यूल डिलिवरी करने की अनुमति देता है. इसके साथ ही डिजिटल रूप से भुगतान करने के विकल्प भी होते है. ये सामाजिक दूरी और न्यूनतम संपर्क सुनिश्चित करने में मदद मिलती है. इस प्रकार, ये पहल प्रधानमंत्री के आग्रह का भी समर्थन करता है.
2 लाख से ज्यादा रिटेल टच प्वाइंट
ये पेशकर मुंबई और चेन्नई के बाजारों में पायलट आधार पर शुरू की गई थी, उसे अब 2 लाख से ज्यादा रिटेल टच प्वाइंट के जरिए पैन इंजिया में लॉन्च किया गया है. पेनियरबाई का लक्ष्य निकट भविष्य में तेजी से बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचने का है. यह 24×7 ऑर्डर करने की सुविधा भी प्रदान करता है, जिसके तहत कोई भी कभी भी शॉपनियरबाई ऐप पर या दुकान बंद होने पर भी दे सकता है. तकनीक सक्षम प्लेटफॉर्म ग्राहकों को ऑर्डर ट्रैक करने और विकल्प खोजने में मदद करेगा, अगर आवश्यक वस्तु वर्तमान में उपलब्ध नहीं है.
इसके अलावा, प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ताओं को नकद और डिजिटल भुगतान करते हुए ऑर्डर देने से पहले विनिर्देशों और संशोधनों की पुष्टि करने में सक्षम बनाता है. डिलिवरी की प्री-ऑडरिंग और प्री-शिड्यूल से आइटम की अनुपलब्धता या गलत डिलिवरी के मामले में सूचना पहले ही आ जाती है.