कोरोना की कारगर दवा रेमडेसिवीर को भारत में बेचने के लिए Gilead Sciences की तैयारी पूरी

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को फायदा पहुंचाने वाली पहली और एकमात्र दवा रेमडेसिवीर को भारत में बेचने के लिए Gilead Sciences ने मार्केटिंग राइट्स मांगे है.

0 990,095

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों को फायदा पहुंचाने वाली पहली और एकमात्र दवा रेमडेसिवीर (Remdesivir) को भारत में बेचने के लिए Gilead Sciences ने आवेदन किया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कंपनी ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीसीएससीओ) से एंटी-वायरल ड्रग रेमडेसिवीर को भारत में बेचने के लिए मार्केटिंग राइट्स मांगे है. अब सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति इस आवेदन की जांच करेगी. यह विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम निर्णय लेगा.

रेमडेसिवीर से जुड़े आंकड़े पहली बार प्रकाशित किये गए हैं. करीब एक महीने के ट्रायल के बाद अमेरिकी सरकार के साथ काम कर रहे वैज्ञानिकों ने दवा से जुड़ी स्टडी प्रकाशित की है. डॉक्टर काफी वक्त से कोरोना की दवा से जुड़े डेटा की मांग कर रहे थे.रेमडेसिवीर दवा को चिकित्सकीय परीक्षणों में कोरोना वायरस के इलाज में बेहद प्रभावी माना जा चुका है.

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रेमडेसिवीर दवा गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों को लाभ पहुंचाती है. अमेरिका का दवा रेग्युलेटर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) भी रेमडेसिवीर दवा के आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की इजाजत दे चुका है.

अब क्या होगा- रेमडेसिवीर को लेकर हाल ही में भारत के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्यक्षता वाले संयुक्त निगरानी समूह (तकनीकी समिति) की हालिया बैठक में भी चर्चा हो चुकी है. इस दवा की मांग दुनिया के सभी देशों में हो रही है. अब गिलियड साइंसेज ने भारत में इसे बेचने के लिए आवेदन किया है. इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों ने बताया कि गिलियड साइंसेज के अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के साथ एक चर्चा की है, इस चर्चा का मकसद रेमडेसिवीर को भारत में बेचने का रोडमैप तैयार करना था.

Leave A Reply

Your email address will not be published.