बिना सरकारी मदद के चीनी सामान और ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ अकेले लड़ रहे हैं कारोबारी- CAIT
यह आरोप हैं देशभर के कारोबारियों की सबसे बड़े संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने लगाए हैं. कैट के पदाधिकारियों का कहना है कि 135 करोड़ देशवासियों संग सीधे जुड़कर कारोबारी लोकल पर वोकल की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं.
नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) द्वारा घोषित तीसरे प्रोत्साहन पैकेज में कारोबारियों को कोई राहत नहीं दी गई. सरकार के इस कदम से कारोबारी बहुत मायूस हैं. राहत के नाम पर एक पैसा भी कारोबारियों को नहीं दिया गया है. कारोबारियों (Businessman) के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. यह आरोप हैं देशभर के कारोबारियों की सबसे बड़े संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने लगाए हैं. कैट के पदाधिकारियों का कहना है कि 135 करोड़ देशवासियों संग सीधे जुड़कर कारोबारी लोकल पर वोकल की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी चीनी (Chinese) सामान के बहिष्कार और ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों क मनमानी के खिलाफ लड़ाई में भी कारोबारियों को अकेले छोड़ दिया गया है.
60 लाख करोड़ का कारोबार करने वाला कारोबारी है सबसे ज़्यादा परेशान
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि आज राहत पैकेज की सबसे ज़्यादा ज़रूरत कोरोबारियों को है. देशभर के कारोबारी हर साल 60 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं. यही वजह है कि कोरोना और लॉकडाउन से सबसे ज़्यादा प्रभावित कारोबारी ही हुआ है. किसी भी महामारी या प्राकृतिक आपदा के मामले में कारोबारी हमेशा सबसे आगे रहते हैं.
प्रोत्साहन पैकेज की सबसे पहले कि गई घोषणा के बाद से ही कारोबारी सरकार से किसी तरह के राहत पैकेज की उम्मीद कर रहे थे. ऐसा लगता है कि वित्तमंत्री को व्यापारियों से कोई सहानुभूति नहीं है. यह विडंबना है कि अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्रों को सभी तीन पैकेजों में पर्याप्त रूप से समायोजित किया गया है, लेकिन व्यापारियों को अपने हाल पर रोने के लिए छोड़ दिया गया. यह भारत के व्यापारियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है.
कैट के अध्यक्ष बीसी भरतिया और प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि शुरुआत में कारोबारियों को एमएसएमई यानी माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज में जोड़ा गया था. जिसे षडयंत्र के तहत 2017 में निरस्त कर दिया गया. लंबे समय से हम हर कदम पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है. व्यापारियों पर हर बार कुल्हाड़ी चलती है. इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हम देश भरके व्यापारियों से बहुत सारे प्रश्न प्राप्त कर रहे हैं, जिसने हमें देश के व्यापारियों को विभिन्न हमले से बचाने के लिए एक अच्छी रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित किया है. हम दिवाली के तुरंत बाद इन मुद्दों पर देशभर के व्यापारियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे और एक रणनीति बनाएंगे.