नई दिल्ली. फ्रॉड करने वाले लॉकडाउन (Lockdown Part 3) के बीच अब नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से लोगों के फोन पर पेट्रोल-पंप (Petrol Pump) और गैस एजेंसी डीलरशिप (Gas Agency Deanship) को लेकर SMS आए हैं. इनमें एक लिंक होता है. जिसमें अपनी डिटेल भरने के लिए कहा जाता है. इसीलिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियां लोगों को अलर्ट कर रही है.
इसमें उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा हैं, जो सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों जैसे इंडियन ऑइल, एचपीपीसल या बीपीसीएल का पेट्रोल पंप या गैस एजेंसी लेना चाहते हैं. ऐसे लोगों को मेल, फोन या वॉट्ऐप के जरिए कांटेक्ट किया जा रहा है और ऑनलाइन की पैसा किसी खाते में ट्रांसफर करवाया जा रहा है.
ऐसी घटना देश के हर राज्यों में हो रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र में ज्यादा हो रही हैं. देश की सबसे बड़ी ऑइल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने NBT को बताया कि सिर्फ उनके नाम पर ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के नाम पर भी ठगी हो रही है.
उन्होंने बताया कि इस तरह की बातें संज्ञान में आई है कि कुछ अज्ञात व्यक्ति/फर्जी एजेंसियां लोगों को सरकारी कंपनियों के नाम पर फर्जी पत्र और ई-मेल भेज रही हैं. वे धोखे से एलपीजी वितरक या खुदरा आउटलेट या फिर डीलरशिप दिलवाने की पेशकश करते हैं. इस प्रक्रिया में रजिस्ट्रेशन, एनओसी तथा कुछ अन्य बहाना कर बड़ी मात्रा में रुपए मांगे जा रहे हैं. ये सरकारी कंपनियों के नाम और लोगो वाले पत्र में एलपीजी वितरक/खुदरा दुकानों की पेशकश करते हैं और बदले में धनराशि ऐंठते हैं.
इन ईमेल से सावधान रहने की जरूरत
ऑइल कंपनियों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को ईमेल या पत्र के जरिए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप या पेट्रोल पंप (रिटेल आउटलेट डीलरशिप) की पेशकश के बारे में कोई सूचना मिलती है तो उस पर आंख मूंद कर भरोस नहीं करें. उस पर कोई कदम उठाने से पहले वे संबंधित कंपनी के निकटतम कार्यालय से संपर्क करें. वह सीधे केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय से भी संपर्क कर सकते हैं.
इस तरीके की वेबसाइट से रहे दूर
सरकार ने गैस एजेंसी के लिए www.lpgvitarakchayan.in और पेट्रोल पंप के लिए www.petrolpumpdealerchayan.in नाम की वेबसाइट बनाई है. फर्जीवाड़ा करने वाले भी इसी तरह से मिलते-जुलते नाम से वेबसाइट बना कर ठगी कर रहे हैं. इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सिर्फ आधिकारिक वेबसाइटों पर ही जाएं और बेईमान तत्वों से खुद को ठगे जाने से बचाएं.