क्या प्रति व्यक्ति GDP के मामले में भारत से आगे निकल जाएगा बांग्लादेश? पूर्व CEA ने कही ये बात
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक आर्थिक ग्रोथ को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया था. इस रिपोर्ट में भारत और बांग्लादेश के प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की तुलना करने के बाद राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा था. अब पूर्व सीईए ने इस रिपोर्ट को लेकर अपनी बात रखी है.
नई दिल्ली. देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम (Arvind Subramanian) ने कहा है कि भविष्य में बांग्लादेश अधिक उपयुक्त आर्थिक मापदंडों पर भारत से आगे नहीं निकलेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (Per Capita GDP) बस एक ही इंडिकेटर का अनुमान है. यह किसी भी देश के वेलफेयर का औसत आंकड़ा बताता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF – International Monetary Fund) द्वारा आर्थिक ग्रोथ अनुमान की एक रिपोर्ट के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार पर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा था कि भाजपा के 6 साल के कार्यकाल की ‘सॉलिड उपलब्धि’ है.
सरकारी सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया है कि 2019 के दौरान बांग्लादेश की तुलना में भारत का GDP के आधार पर क्रय शक्ति समता यानी पर्चेजिंग पावर पैरिटी में 11 गुना ज्यादा है.
कई ट्वीट्स में समझाया IMF रिपोर्ट का मतलब
सुब्रमण्यम ने ट्वीट में लिखा, ‘भारत vs बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी की तुलना ने चिंता को बढ़ावा दिया है. लेकिन इसमें गलत आंकड़ों की तुलना की जा रही है… नहीं, अधिक उपयुक्त मापदंडो को देखें तो भारत पीछे नहीं है और आईएमएफ के अनुसार, भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा’
1/ The India-vs.-Bangladesh GDP per capita comparison (post @IMFNews WEO) has sparked anxiety & acrimony
But wrong numbers being compared
NO, on more appropriate metric, India has not been surpassed and, according to IMF, unlikely to be in near future pic.twitter.com/hdJskGbTBY
— Arvind Subramanian (@arvindsubraman) October 16, 2020
उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरा ध्यान जीडीपी के आधारित तुलना करने पर दी जा रही है जोकि मार्केट एक्सचेंज रेट्स (Market Exchange Rates) पर निर्भर करता है. लेकिन विभिन्न समय और देश की तुलना के लिए मार्केट एक्सचेंज रेट्स वेलफेयर के लिए तुलनात्मक रूप से उपयुक्त नहीं है.
पूर्व CEA ने कहा कि मुद्रास्फिति (Inflation) के असर को निकालने के बाद लोकल करंसी में सकल घरलू उत्पाद को मापने की जरूरत है. इसके साथ ही सभी रियल GDP के लोकल करंसी अनुमान को तुलनात्मक डॉलर में कनवर्ट करना होगा. उन्होंने बताया कि सबसे उपयुक्त को स्थिर जीडीपी, क्रय शक्ति समता और एक्सचेंजर रेट्स होंगे.