नई दिल्ली: पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन (punjab farmers strike) के कारण ट्रेन का संचालन बंद है, जिसकी वजह से विभाग को हर रोज करीब 14.85 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. अब तक रेलवे (Indian Railways) को कुल 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. 24 सितंबर से चल रहे किसान आंदोलन की वजह से रेलगाड़ियों के रेक और लोको फंसे हुए हैं, जिससे वहां के यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में अब भी चार स्थानों पर किसान यूनियनों ने रेल को ब्लॉक कर रखा है. इनमें अमृतसर के करीब जंडियाला में मेल लाइन, नाभा पावर प्लांट, तलवंडी साबू पावर प्लांट और एचपीसीएल मित्तल रिफाइनरी लाइन शामिल है.
अब तक कुल 1200 करोड़ का हुआ नुकसान
भारतीय रेलवे की जानकारी के मुताबिक, अब तक 2225 फ्रंट रैक का संचालन इस आंदोलन की वजह से हुआ है, जिससे रेलवे को कुल 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इसके अलावा कोरोना काल में स्पेशल ट्रेनों के तौर पर चलाये जा रहे यात्री ट्रेनों पर भी इसका असर पड़ा है.
पंजाब के इन क्षेत्रों में रेलवे परिचालन सबसे ज्यादा प्रभावित
किसान आंदोलन के मद्देनजर रेलवे ने अपने कर्मचारियों और संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षा बनाये रखने के लिहाज से 1 अक्टूबर से ही पंजाब के लिए ट्रेनों को अस्थायी तौर पर रद्द कर रखा है. किसान आंदोलन की वजह से ना सिर्फ पंजाब के लिए बल्कि पंजाब से होकर जम्मू-कश्मीर,लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के लिए भी रेल परिचालन प्रभावित हुआ है.
इन डिविजन की ट्रेनें हो रही प्रभावित
बता दें अभी भी जांडियाला, नभा, तलवंडी साबू और भटिंडा में किसान रेल संपत्तियों पर आंदोलन कर रहे है. पंजाब के अलग-अलग 32 स्थानों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन की वजह से फिरोजपुर डिविजन, अम्बाला, दिल्ली और बीकानेर डिविजन में चलने वाली ट्रेने प्रभावित हुई है.
आंदोलन की वजह से इन क्षेत्रों पर भी पड़ा है असर
कोरोना काल में सीमित संख्या में चलाये जा रहे यात्री ट्रेनों का परिचालन ठप्प पड़ने से ना सिर्फ मुसाफिरों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है बल्कि कारोबार पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है. रेलवे ट्रांसपोर्टेशन का विकल्प लेने को कारोबारी मजबूर हो रहे है जिसका असर सामानों के लागत पर भी पड़ रहा है.
सामान की आपूर्ति पर भी पड़ रहा असर
आंदोलन की वजह से अनाजों, कोयला, दवाईयों सहित कई आवश्यक सामानों की आपूर्ति पर भी पड़ रहा है. रेलवे परिचालन बंद होने की वजह से पंजाब से बाहर जाने वाली औसतन रोजाना 40 रेक प्रभावित हो रहा है. पंजाब से रोजाना अनाज, कंटेनर, ऑटोमोबाईल, सीमेंट, पेट कॉक, फर्टिलाइजर जैसे सामान देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रांसपोर्ट होता है. यहीं नहीं कंटेनर, सीमेंट, जिप्सम , फर्टिलाइजर, पीओएल जैसे जरूरी सामान लेकर माल रेलगाड़ियां भी रोजाना पंजाब जाती है जोकि आंदोलन की वजह से बंद पड़ी है.
रेल मंत्री ने पंजाब सीएम को लिखी थी चिट्ठी
किसान आंदोलन की वजह से रेलवे के कर्मचारियों और संपत्तियों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 26 अक्टूबर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें रेलवे स्टेशनों और ट्रेकों में आंदोलन कर रहे किसानों को हटाये जाने की अपील की गई थी.
भारतीय रेलवे ने स्पष्ट कहा है कि जबतक प्रदेश सरकार सुरक्षा और संरक्षा को भरोसा नहीं देती तब तक रेलवे का परिचालन संभव नहीं. गौरतलब है कि 24 सिंतबर को रेल रोको आंदोलन तीन दिनों के लिए शुरू किया गया था जो अबतक जारी है. 22 अक्टूबर को रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन शुरू किया था, लेकिन किसान आंदोलन की वजह से रेलगाड़ियां जहां-तहां फंस गई है, जिसके बाद रेलवे ने इसे अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया. अभी भी 20 खाली रेक फंसी पड़ी है इसके अलावा 200 माल रेक जहां तहां रूकी हुई है.