बजट 2025- काम की योजनाएं:किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कीं, बुजुर्गों को टैक्स में छूट
वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। इसके अलावा बजट में काम की किसी बड़ी नई योजना की घोषणा नहीं की गई है।
किसान क्रेडिट कार्ड
स्कीम क्या है : किसानों को शॉट टर्म लोन प्रोवाइड कराना
- किसान क्रेडिट कार्ड यानी, KCC स्कीम की शुरुआत 1998 में हुई थी।
- इसके तहत किसान 7% ब्याज पर 5 लाख रुपए तक लोन ले सकते हैं।
- अगर वक्त पर किसान कर्ज जमा करते हैं, तो उन्हें 4% ही ब्याज देना होगा।
- ब्याज में 3% छूट के लिए 3 लाख रुपए तक ही लोन की लिमिट है।
- 75 साल तक की उम्र के किसान ये कार्ड बनवा सकते हैं। वैलिडिटी 5 साल होगी।
- ये अमाउंट एटीएम, स्मार्ट कार्ड और मोबाइल बैंकिंग के जरिए निकाला जा सकता है।
टारगेट : 7.7 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचाना।
स्टेटस : जून 2023 तक देशभर में 7.4 करोड़ किसानों के पास KCC कार्ड हैं।
लिमिट क्यों बढ़ाई :
सरकार का पक्ष : कॉमर्शियल फार्मिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा क्रॉप लोन प्रोवाइड कराना।
देविंदर शर्मा, एग्रीकल्चर एक्सपर्ट : लंबे समय से किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने की मांग की जा रही थी। इससे किसानों को ज्यादा लोन मिलेगा और वे खेती का दायरा बढ़ा पाएंगे।
बजट में काम की योजनाओं से जुड़ीं 4 और घोषणाएं
- ‘प्रधानमंत्री धन धान्य योजना’ के तहत 1.7 करोड़ किसानों को स्किल और टेक्नोलॉजी से जोड़ना।
- बुजुर्गों के लिए ब्याज पर मिलने वाली टैक्स में छूट की लिमिट 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए।
- रेंट पर TDS छूट की सालाना लिमिट 2.40 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए की जाएगी।
- अपडेटेड इनकम टैक्स फाइल करने यानी उसमें सुधार करने की सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल किया।
पिछले बजट में सरकार ने PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, NPS वात्सल्य स्कीम और प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना जैसी बड़ी योजनाओं की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इन योजनाओं ने अपना टारगेट अचीव नहीं किया है। कई योजनाएं तो शुरू भी नहीं हो पाई हैं।
पिछले बजट में काम की कौन-कौन सी योजनाएं थीं और उनमें क्या था, आइए जानते हैं…
1. NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम
स्कीम क्या है : बच्चों के नाम जमा करा सकते हैं पेंशन
- माता-पिता 18 साल या उससे कम उम्र के बच्चों के नाम पेंशन जमा करा सकते हैं।
- बच्चों के बालिग होने पर अकाउंट रेगुलर NPS में बदल जाएगा।
- मिनिमम सालाना 1 हजार रुपए जमा करा सकते हैं।
घोषणा : 23 जुलाई 2024
शुरुआत : 18 सितंबर 2024
टारगेट : इस योजना के लिए सरकार ने कोई टारगेट तय नहीं किया है।
स्टेटस : UNICEF के मुताबिक भारत में 43 करोड़ आबादी 18 साल से कम उम्र की है। दिसंबर 2024 तक सिर्फ 75 हजार लोगों ने इस योजना के लिए अप्लाई किया है। यानी कुल आबादी का महज 0.17 प्रतिशत।
2. रूफटॉप सोलर स्कीम
स्कीम क्या है : 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगेंगे
- PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगेंगे।
- रूफटॉप सोलर लगवाने वाले 40% तक सब्सिडी ले सकते हैं।
- एक किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर 30 हजार रुपए, दो किलोवाट के लिए 60 हजार रुपए सब्सिडी मिलेगी।
- तीन किलोवाट या उससे ऊपर 10 किलोवाट तक के सोलर प्लांट पर सरकार 78 हजार रुपए की सब्सिडी देती है।
घोषणा : 01 फरवरी 2024
शुरुआत :15 फरवरी 2024
टारगेट : मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाना।
स्टेटस : अभी 4.1% ही टारगेट अचीव हुआ
दिसंबर 2024 तक 5 लाख लोगों ने अप्लाय किया। एक लाख एप्लिकेशन ही एक्सेप्ट हुए। इनमें से ज्यादातर घरों में अभी सोलर नहीं लगे हैं।
टारगेट के मुताबिक हर महीने करीब 3 लाख घरों में सोलर सिस्टम लगने थे। इस हिसाब से दिसंबर 2024 तक 24 लाख घरों में सोलर सिस्टम लगने चाहिए, लेकिन सिर्फ 1 लाख लोगों के एप्लिकेशन एक्सेप्ट हुए हैं। यानी, अभी तक महज 4.1% ही टारगेट अचीव हुआ है।
3. प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना
स्कीम क्या है : मुद्रा लोन की लिमिट दोगुनी, गारंटर की जरूरत नहीं
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के तहत छोटे और मझोले उद्योग यानी MSME के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन मिलता था, उसे बढ़ाकर अब 20 लाख रुपए कर दिया गया।
लोन चुकाने के लिए 5 साल का वक्त दिया मिलेगा। हालांकि, इसका फायदा उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो इस स्कीम में लोन लेकर जमा कर चुके हैं।
घोषणा : जुलाई 2024
शुरुआत : अक्टूबर 2024
टारगेट : 2.3 लाख करोड़ रुपए लोन बांटना
स्टेटस : 32% लोग डिफॉल्टर हो चुके हैं
2024-2025 के लिए सरकार ने 2.3 लाख करोड़ रुपए लोन बांटने का टारगेट रखा था। दिसंबर 2024 तक 3.6 लाख करोड़ लोन बांटे गए हैं। यानी टारगेट का 156 प्रतिशत।
हालांकि, इस योजना के तहत जो लोग लोन ले रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग लोन लौटा नहीं पा रहे। एक रिपोर्ट के मुताबिक मुद्रा लोन पर NPA यानी, नॉन-परफॉर्मिंग एसेट 32% पहुंच गया है। इसका मतलब है कि 32% लोग कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं।
4. नौकरी करने वालों और नौकरी देने वालों से जुड़ीं 4 स्कीम
A. प्रधानमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम
स्कीम क्या है : टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप
- देश की 500 टॉप कंपनियों में सरकार हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप कराएगी।
- इंटर्नशिप के दौरान 5 हजार रुपए हर महीने का स्टाइपेंड मिलेगा।
टारगेट : 5 साल में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दिलाना।
स्टेटस : 2 दिसंबर को स्कीम लॉन्च होनी थी, लेकिन इसी दिन होल्ड कर दी गई। नई तारीख अभी नहीं आई है।
B. पहली बार जॉब करने वालों के लिए स्कीम
स्कीम क्या है : पहली सैलरी के बराबर बोनस
- EPFO में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए सरकार देगी।
- ये बोनस 3 किस्तों में सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होगा।
- 1 लाख रुपए से कम मासिक सैलरी होने पर ही स्कीम का फायदा मिलेगा।
टारगेट : 2 करोड़ 10 लाख युवाओं को मदद दिलाना।
स्टेटस : बैंक खातों में अभी पहली किस्त क्रेडिट नहीं हुई है।
C. एम्प्लॉयर्स के लिए स्कीम
स्कीम क्या है : कंपनियों को EPF रीएम्बर्समेंट
- नए कर्मचारियों को EPFO से जोड़ने पर नौकरी देने वालों को सरकार रीएम्बर्समेंट देगी।
- इसके तहत 2 साल तक हर महीने 3 हजार रुपए का रीएम्बर्समेंट दिया जाएगा।
स्टेटस : नए कर्मचारियों के EPFO रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट 15 जनवरी 2025 थी। जानकारी के अनुसार, एम्प्लॉयर्स को अभी रीएम्बर्सेमेंट क्रेडिट होना शुरू नहीं हुआ है।
D. जॉब क्रिएशन इन मैन्युफैक्चरिंग
स्कीम क्या है : पहली नौकरी पर इंसेंटिव
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पहली बार नौकरी पाने वाले और नौकरी देने वाले दोनों को सरकार इंसेंटिव देगी।
- EPFO में पहले 4 साल के जमा के आधार पर इंसेंटिव तय होगा।
टारगेट : 30 लाख युवाओं को फायदा पहुंचाना।
स्टेटस: कर्मचारियों को EPFO में रजिस्ट्रेशन के लिए लास्ट डेट 15 जनवरी 2025 थी। इंसेंटिव कितना होगा और किस माध्यम से मिलेगा, इसके नियम अभी तय नहीं हुए हैं।
वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए…
1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू*
‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं…
i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा।
ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी।
2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा
इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा।
उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा।
3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी
देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।
ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है।
इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं।
4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत
इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है।
जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।
5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS
इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source।
धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है।
इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे।
6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए
एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा।
7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला
बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है।
बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है।
8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक
इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा।