लॉकडाउन में घर वापसी / प्रवासियों को लाने के लिए बिहार को सबसे ज्यादा और बंगाल को सबसे कम ट्रेनें मिलीं; 67 ट्रेनों से 67 हजार से ज्यादा लोग गृहराज्य पहुंचे

अब तक 13 ट्रेन बिहार पहुंच चुकीं, 11 रास्ते में और 6 पाइपलाइन में हैं, बंगाल में अभी सिर्फ 2 ट्रेनें पहुंचीं पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक सिर्फ 2 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को आने की रजामंदी दी, इनमें एक राजस्थान और एक केरल से

नई दिल्ली. स्पेशल ट्रेनों से अपने राज्य लौटने वालों में सर्वाधिक बिहार के लोग हैं, जबकि पश्चिम बंगाल को अब तक सबसे कम स्पेशल ट्रेन मिली हैं। रेलवे ने अब तक 67 स्पेशल ट्रेन चलाई हैं। हर ट्रेन में 1200 लोगों के बैठने का इंतजाम था। इस हिसाब से अब तक 67 हजार से ज्यादा लोगों को उनके राज्यों तक पहुंचाया गया। गुजरात से ही 35 और केरल से 13 स्पेशल ट्रेनें खुली हैं।

सबसे ज्यादा 13 ट्रेनें बिहार पहुंचीं, 11 रास्ते में हैं और 6 पाइपलाइन में हैं। उत्तर प्रदेश 10 ट्रेनें पहुंची हैं, पांच पहुंचने वाली हैं और 12 पाइपलाइन में हैं। जहां तक पश्चिम बंगाल की बात है, वहां की राज्य सरकार ने अब तक सिर्फ 2 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को आने की रजामंदी दी है। इनमें एक राजस्थान और एक केरल से है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ठाणे से शालीमार और बेंगलुरु से हावड़ा के लिए दो स्पेशल ट्रेन इसलिए नहीं खुल सकी कि राज्य सरकारों ने अनमुति नहीं दी। राजस्थान में भी सिर्फ 3 श्रमिक स्पेशल ट्रेन ही पहुंची हैं। चार श्रमिक स्पेशल ट्रेन झारखंड पहुंच चुकी हैं जबकि पांच रास्ते में हैं और दो पाइपलाइन में हैं। 7 ट्रेनें ओडिशा पहुंची हैं, पांच रास्ते में हैं और एक पाइपलाइन में है।

कोटा से पटना के 1150 छात्रों को लेकर पहुंची पहली ट्रेन
कोटा में फंसे 1150 छात्र-छात्राओं को लेकर मंगलवार को दोपहर 1 बजे स्पेशल ट्रेन दानापुर स्टेशन पहुंची। कोटा में पढ़ने वाले पटना जिले के छात्र-छात्राओं को लेकर आने वाली यह पहली ट्रेन थी। दानापुर में ट्रेन से उतरने के बाद सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। फिर लाइन में लगाकर उन्हें बाहर निकाला गया। बस में बैठाकर लोकल थाने में भेज दिया गया। छात्रों को रिसीव करने के लिए उनके पेरेंट्स को लोकल थाने पर ही बुलाया गया था। थाने पर पहुंचने के बाद छात्रों व उनके सामान को सैनिटाइज किया गया, फिर रिसिविंग लेकर उनके परिजन को सौंपा गया।

घर पहुंचने पर भावुक हुए परिजन, आरती उतारी
लॉकडाउन के बीच कोटा में फंसे बच्चे जब घर पहुंचे तो पेरेंट्स भावुक हो गए। राजीव नगर रोड नंबर 21 स्थित घर पहुंचने पर छात्र शुभम की आंटी ने तिलक लगाकर और आरती उतारकर उसका स्वागत किया। शुभम ने बताया कि लॉकडाउन के पहले हफ्ते में ही कोटा के इंस्टीट्यूट वाले छात्रों से पूरा डिटेल्स लेने लगे थे, ताकि घर भेजने में परेशानी न हो।

बच्चों के घर लगेगा होम क्वारैंटाइन का पोस्टर
कोटा से पटना आने वाले सभी बच्चों के घर पर होम क्वारैंटाइन का पोस्टर बुधवार से चिपकाया जाएगा। इसके साथ ही घर जाने वाले कर्मी 21 दिनों तक होम क्वारैंटाइन में रहने की जानकारी देंगे। कोरोना कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग होगी।

4 राज्यों से श्रमिकों को लेकर दानापुर पहुंची 10 ट्रेन
मंगलवार को बेंगलुरु से दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से करीब 2400 मजदूर भी दानापुर पहुंचे, जिन्हें उनके संबंधित जिलों में बस से भेजा गया। इन्हें 21 दिनों तक होम क्वारैंटाइन में रहना होगा। चार राज्यों से छात्रों और श्रमिकों को लेकर दानापुर समेत राज्य के विभिन्न स्टेशनों में 10 विशेष ट्रेन पहुंच चुकी हैं। इन ट्रेनों से आने वाले 12 हजार छात्रों और मजदूरों को उनके गृह जिला तक पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग ने 400 बसों की व्यवस्था की थी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.