तीन राज्यों से किसान आंदोलन LIVE:पंजाब में बाजार बंद, किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोक कलाकार, दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया, पश्चिमी यूपी में बंद का असर नहीं

आंदोलन का ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में दिख रहा है, पंजाब के किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं मुजफ्फरनगर जिले में बंद का असर नजर नहीं आ रहा है, सड़कों पर ट्रैफिक पहले की तरह चल रहा है, बाजार खुले हुए हैं, चहल पहल है

चंडीगढ़। हाल ही में सदन से पास हुए किसान बिल को लेकर देशभर में आज विरोध प्रदर्शन हो रहा है। किसान सड़कों पर निकले हैं, वे रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं, जगह-जगह चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वही देशभर में किसानों के आंदोलन (Farmer Bill) से कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इसका सबसे ज़्यादा असर पंजाब की तरफ जाने या वहां से चलने वाली ट्रेनों पर हुआ है. किसानों के बंद बुलाने और आंदोलन को देखते हुए रेलवे (Railway) ने अपनी कई ट्रेनों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर रद्द कर दिया है. ख़ास तौर पर अमृतसर जाने वाली ट्रेनों को लेकर रेलवे ने कदम उठाए हैं. इसका असर 27 सितंबर तक चलने वाली ट्रेनों पर होगा.

संसद में पास तीन कृषि विधेयकों के विरोध में आज पंजाब और हरियाणा समेत देशभर के किसानों ने बंद का आह्वान किया है। इसके समर्थन में कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल आ गए हैं। पंजाब में गुरुवार को ही किसान अमृतसर, फिरोजपुर और नाभा में रेलवे ट्रैक पर डट गए। किसानों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने 20 ट्रेनें शनिवार तक रद्द कर दीं।

बंद में किसानों पर धारा 144 के तहत केस नहीं दर्ज होंगे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को कृषि विधेयकों के विरुद्ध शुक्रवार के बंद के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और कोविड के सुरक्षा उपायों का पालन करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे विधेयकों के विरुद्ध किसानों के संघर्ष में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है और धारा-144 के उल्लंघन के लिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी लेकिन बंद के दौरान कानून व्यवस्था में बाधा नहीं पड़ना चाहिए।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश
किसानों के पंजाब बंद के एलान को देखते हुए पंजाब और हरियाणा सरकारों ने जिला उपायुक्तों, पुलिस कमिश्नरों और जिला पुलिस प्रमुखों से कहा है कि वे रेलवे पुलिस के अधिकारियों और सूबे की इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ साझा बैठक कर कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करें।

एंबुलेंस सेवा, डॉक्टरों को तैयार रहने के निर्देश
दोनों राज्य सरकारों ने एंबुलेंस सेवा, सिविल सर्जनों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी तैयार रखने को कहा गया है ताकि प्रदर्शनों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।

रेलवे ट्रैक, स्टेशनों व राजमार्ग की वीडियोग्राफी होगी
गृह विभाग ने यह भी फैसला लिया है कि किसान आंदोलन के दौरान रिकॉर्ड के तौर पर राज्य की रेल लाइनों, रेलवे स्टेशनों और राजमार्ग पर प्रदर्शनों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी। गृह विभाग ने इसके साथ ही पंजाब बंद की अवधि के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। रेल प्रशासन ने फिरोजपुर छावनी व शहर रेलवे स्टेशन के अलावा रेल ट्रैक की सुरक्षा में पंजाब पुलिस व आरपीएफ के लगभग 400 जवान तैनात किए हैं।
हरियाणा में जाम की चेतावनी
उधर, हरियाणा में किसानों और आढ़तियों ने बाजार और मंडियां बंद रखने और राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी है। किसान यूनियनों को विपक्षी दलों के साथ ही आढ़ती एसोसिएशन और सर्व कर्मचारी संघ से जुड़ी यूनियनों ने समर्थन की घोषणा की है। भाकियू प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी सुबह 11 बजे अंबाला कैंट, अंबाला शहर, शाहाबाद और यमुनानगर में आंदोलनों का समर्थन करेंगे।

पंजाब बंद : पीयू में आज होने वाली परीक्षा मुल्तवी
पंजाबी यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को होने वाली परीक्षा टाल दी है। अब यह परीक्षा 14 अक्तूबर को पहले तय समय अनुसार होगी। यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर परीक्षा डॉ. जेआईएस खटड़ ने बताया कि बहुत सारे कालेजों के प्रिंसिपलों, प्राइवेट कालेजों की एसोसिएशन के नुमाइंदों और छात्रों ने ध्यान में लाया कि शुक्रवार को पंजाब बंद के मद्देनजर कॉलेज के स्टाफ को पेपर कराने और विद्यार्थियों को परीक्षा देने में मुश्किलें आ सकती हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को होने वाली परीक्षा टाल दी हैं। यूपीएससी नई दिल्ली द्वारा चार अक्तूबर को एक मुकाबला परीक्षा कराई जा रही है। इसके मद्देनजर चार अक्तूबर को होने वाली परीक्षा भी टाल दी गई है। अब यह परीक्षा 13 अक्तूबर को होगी। उन्होंने बताया कि संशोधित डेटशीट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जल्द ही अपलोड कर दी जाएगी।

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि यह भी ध्यान में आया है कि यूनिवर्सिटी की ओर से कराई जा रही परीक्षाओं के दौरान एनटीए द्वारा यूजीसी नेट परीक्षा कराई जा रही है। विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए पहले जारी हुई डेट शीट्स के कुछ पेपरों के समय में तबदीली की जा सकती है, जिस बारे आने वाले समय में नोटीफाई कर दिया जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि परीक्षा संबंधी समय-समय पर जारी हिदायतों व डेट शीट के बारे में यूनिवर्सिटी वेबसाइट पर चेक करते रहें।

पंजाब और हरियाणा में रेल ट्रैकों की सुरक्षा बढ़ा दी है। वहां सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों के साथ ही सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। पंजाब में किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने अमृतसर के जंडियाला के गांव देवीदासपुर के पास अमृतसर-दिल्ली रेल ट्रैक पर लेट गए, जबकि फिरोजपुर छावनी स्टेशन के पास बस्ती टैंकवाली और नाभा स्टेशन पर रेलवे स्टेशन के आसपास टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
यहां लंगर का भी प्रबंध किया गया है। किसानों के प्रदर्शन के कारण अमृतसर से चलने वाली 12 गाड़ियां रद्द कर दी गईं और जो अमृतसर पहुंचने वाली ट्रेनों को अंबाला में ही रोक दिया गया। कुछ गाड़ियों के रूट में परिवर्तन कर उन्हें गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाया गया। किसानों ने राज्य में कई जगह रोड जाम कर प्रदर्शन किया। इसके अलावा कई अन्य संगठनों के साथ ही कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी ने भी बंद को समर्थन दिया है।

कृषि विधेयकों के खिलाफ आज किसानों का भारत बंद, पंजाब में तीन दिन का रेल रोको

मुंबई सेंट्रल से अमृतसर तक चलने वाली ट्रेन गोल्डन टेंपल स्पेशल को अंबाला कैंट तक ही चलाने का फैसला लिया गया है. वहीं 27 सितंबर को इस ट्रेन की वापसी भी अमृतसर की जगह अंबाला कैंट से होगी. न्यू जलपाईगुड़ी से अमृतसर तक चलने वाली कर्मभूमि एक्सप्रेस को अंबाला कैंट तक चलाने और यहीं से वापसी का फैसला.

बांद्रा टर्मिनस से अमृतसर स्पेशल-अंबाला कैंट तक चल रही है और यहीं से वापसी होगी. नांदेड़ से अमृतसर सचखंड एक्सप्रेस पिछले 4 दिनों से नई दिल्ली तक ही चल रही है और 26 तारीख तक यहीं से वापसी की योजना बनाई गई है. जयनगर से अमृतसर तक चलने वाली शहीद एक्सप्रेस 25 सितंबर को अंबाला कैंट तक चलेगी और यहीं से वापसी भी होगी.

Bharat Bandh, Farmers Protest Today Live News Updates: Police personnel in  adequate strength are deployed across Punjab and Haryana | पंजाब में बाजार  बंद, किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोक

जयनगर से अमृतसर तक चलने वाली सरयु यमुना एक्सप्रेस अंबाला कैंट तक चलेगी और 26 तारीख को यहीं से वापस जाएगी. वहीं इस आंदोनल का असर डिब्रुगढ़-अमृतसर स्पेशल, जयनगर-अमृतसर हमसफर स्पेशल, अमृतसर-कोलकाता स्पेशल ट्रेनों पर भी पड़ा है.

जबकि 24 और 25 सितंबर को चलने वाली कुछ ट्रेनों को रद्द कर उन्हें 27 सितंबर को चलाने का फैसला किया गया है. जिनमें

अमृतसर- हावड़ा स्पेशल
गुरुदासपुर- श्रीबदरया लाठी स्पेशल
बाड़ी ब्राहम्ण- नामकोम ट्रेन और
करतारपुर- अमृतसर

वहीं इस आंदोलन की वजह से कुछ ट्रेनों को बदले हुए रुट से भी चलाने का फैसला किया गया है. इस बीच रेलले की तरफ से किसानों से अपने आंदोलन और बंद के दौरान रेल संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है.

पंजाब के मानसा में किसानों के आंदोलन का असर साफ दिखता है। आज पूरे शहर का बाज़ार बंद है सिर्फ केमिस्ट की कुछ दुकानें ही खुली हैं।
पंजाब के मानसा में किसानों के आंदोलन का असर साफ दिखता है। आज पूरे शहर का बाज़ार बंद है सिर्फ केमिस्ट की कुछ दुकानें ही खुली हैं।

 

 

पंजाब से लाइव रिपोर्ट…

पंजाब के मानसा शहर में भारत बंद का असर साफ नजर आ रहा है। सिर्फ सड़कें ही नहीं रेल की पटरियां तक किसानों के आक्रोश की गवाही दे रही हैं। पंजाब के अलग-अलग 31 किसान संगठनों ने आज बंद का आह्वान किया है। इसमें सबसे प्रमुख भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) जो इस आंदोलन का यहां नेतृत्व कर रही है। किसानों ने कल से ही रेलवे ट्रैक पर कब्जा किया हुआ है। सारी ट्रेन बंद कर दी गई हैं।

PHOTOS: किसान आंदोलन के चलते 3 दिन पंजाब जाने वाली 26 अप और डाउन ट्रेनें  रद्द-26 trains cancelled due to farmers protest over agricultural bill hrrm  | ambala - News in Hindi -

पंजाब के कई लोक कलाकारों ने भी किसानों का समर्थन किया है। जहां दलजीत दोसांज जैसे बड़े गायकों ने किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है वहीं, सिद्धू मूसेवाला जैसे गायक किसानों के समर्थन में सड़क तक उतर आए हैं।

किसानों को सिर्फ लेफ्ट पार्टियों का ही नहीं बल्कि अकाली दल जैसी राइट विंग पार्टियों का भी समर्थन मिल रहा है। पंजाब में भाजपा के अलावा अन्य सभी पार्टियों ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है। पंजाब बिजली बोर्ड के कर्मचारी भी किसानों के समर्थन में आंदोलन में शामिल हुए हैं।

पंजाब-सिरसा हाईवे पूरी तरह से जाम है। हजारों की संख्या में किसान यहां इक्ट्ठा हुए हैं। इन किसानों को पंजाबी लोक कलाकारों का भी समर्थन मिल रहा है। अभी-अभी पंजाबी कलाकार सिद्धू मूसेवाला यहां किसानों के समर्थन के लिए आए हुए हैं। वे किसानों को संबोधित कर रहे हैं।

दिल्ली बॉर्डर से लाइव रिपोर्ट…

दिल्ली यूपी सीमा बॉर्डर पर सुबह से ही पुलिस की सरगर्मी देखी गई। कृषि बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन की तरफ से यहां प्रदर्शन बुलाया गया है। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर नोएडा गेट के आगे दोनों सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हैं। वे लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर किसानों ने सड़क जाम कर दिया है। वे नारेबाजी कर रहे हैं।
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर किसानों ने सड़क जाम कर दिया है। वे नारेबाजी कर रहे हैं।

पश्चिमी यूपी से लाइव…

किसानों के भारत बंद में भारतीय किसान यूनियन भी शामिल है। लेकिन सुबह 12 बजे तक मुजफ्फरनगर जिले में बंद का असर नजर नहीं आ रहा है। सड़कों पर ट्रैफिक पहले की तरह चल रहा है। बाजार खुले हुए हैं। लोगों में चहल पहल है। लेकिन प्रदर्शन करते किसान नजर नहीं आ रहे हैं। किसान यूनियन के नेताओं ने हमें बताया था कि आज कम से कम 25 जगह प्रदर्शन होना है। मुझे अभी वो प्रदर्शन नहीं दिखा है। उत्तर प्रदेश के इस इलाके में किसानों में ऐसा रोष भी नहीं है जैसा हरियाणा और पंजाब के किसानों में हैं।

अब दोपहर 12 बजे के बाद धीरे-धीरे यहां भी किसान आंदोलन के लिए इकट्ठे हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता बिल के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं।

मुजफ्फरनगर से सहारनपुर की ओर जाने वाले हाईवे पर जगह-जगह किसान सड़कों पर बैठे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। यहां किसानों ने हाईवे को जाम करने की कोशिश भी नहीं की।
मुजफ्फरनगर से सहारनपुर की ओर जाने वाले हाईवे पर जगह-जगह किसान सड़कों पर बैठे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। यहां किसानों ने हाईवे को जाम करने की कोशिश भी नहीं की।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन का असर हरियाणा और पंजाब जैसा नहीं दिख रहा है, इसके जवाब में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष और महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत कहते हैं, ‘जिस तरह हरियाणा और पंजाब में किसान मंडियों पर निर्भर है उस तरह यहां किसान मंडियों पर निर्भर नहीं है क्योंकि इस इलाके में अधिकतर किसान गन्ने की खेती करते हैं। उन्होंने कहा लेकिन यहां के किसान पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ है और किसानों के भारत बंद में हिस्सा ले रहे हैं।’

टिकैत जगह जगह घूम कर किसानों को संबोधित कर रहे हैं और उन्हें केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे विधायकों के बारे में बता रहे हैं। उनका कहना है कि इन विधायकों के क़ानून बनने के बाद मंडी व्यवस्था कमज़ोर हो जाएगी और ये किसानों के हित में नहीं होगा।

भारतीय किसान यूनियन ने मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नेता माइक से किसानों को संबोधित कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन ने मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नेता माइक से किसानों को संबोधित कर रहे हैं।

यहां पुलिस भी पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रही है। जगह जगह पुलिस रूट डायवर्ट कर रही है ताकि आंदोलन का असर हाईवे की ट्रैफिक पर न हो। किसानों के साथ ही आम आदमी पार्टी ओर से भी यहां प्रोटेस्ट किया जा रहा है।

कृषि बिल के खिलाफ क्यों हो रहा है किसान आंदोलन, सिर्फ 7 पॉइंट्स में जानिए पूरा सच

 

नई दिल्ली. कृषि बिल (New Farm Bill) के खिलाफ किसान संगठनों ने आज भारत बंद बुलाया है. पंजाब में रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया है. कुछ किसान ट्रैक्टर से दिल्ली आ रहे हैं जिन्हें हरियाणा में रोका गया है. इस बीच कांग्रेस (Congress) ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया है. जिन बिलों को मोदी सरकार (Modi Government) किसानों के लिए वरदान बता रही है आखिर उसके खिलाफ किसान क्यों सड़कों पर उतरे हुए हैं. समझते हैं कि इस आंदोलन की जड़ क्या है?

>>किसानों को सबसे बड़ा डर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP- Minimum Support Price) खत्म होने का है. इस बिल के जरिए सरकार ने कृषि उपज मंडी समिति (APMC-Agricultural produce market committee) यानी मंडी से बाहर भी कृषि कारोबार का रास्ता खोल दिया है. मंडी से बाहर भी ट्रेड एरिया घोषित हो गया है. मंडी के अंदर लाइसेंसी ट्रेडर किसान से उसकी उपज एमएसपी पर लेते हैं. लेकिन बाहर कारोबार करने वालों के लिए एमएसपी को बेंचमार्क नहीं बनाया गया है. इसलिए मंडी से बाहर एमएसपी मिलने की कोई गारंटी नहीं है.

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पंजाब और हरियाणा में शुरू हो गया है बड़ा किसान आंदोलन

>>इस बिल से ‘वन कंट्री टू मार्केट’ वाली नौबत पैदा होती नजर रही है. क्योंकि मंडियों के अंदर टैक्स का भुगतान होगा और मंडियों के बाहर कोई टैक्स नहीं लगेगा. अभी मंडी से बाहर जिस एग्रीकल्चर ट्रेड की सरकार ने व्यवस्था की है उसमें कारोबारी को कोई टैक्स नहीं देना होगा. जबकि मंडी के अंदर औसतन 6-7 फीसदी तक का मंडी टैक्स (Mandi Tax) लगता है.

>>किसानों की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि आढ़तिया या व्यापारी अपने 6-7 फीसदी टैक्स का नुकसान न करके मंडी से बाहर खरीद करेगा. जहां उसे कोई टैक्स नहीं देना है. इस फैसले से मंडी व्यवस्था हतोत्साहित होगी. मंडी समिति कमजोर होंगी तो किसान धीरे-धीर बिल्कुल बाजार के हवाले चला जाएगा. जहां उसकी उपज का सरकार द्वारा तय रेट से अधिक भी मिल सकता है और कम भी.

>>किसानों की इस चिंता के बीच राज्‍य सरकारों-खासकर पंजाब और हरियाणा- को इस बात का डर सता रहा है कि अगर निजी खरीदार सीधे किसानों से अनाज खरीदेंगे तो उन्‍हें मंडियों में मिलने वाले टैक्‍स का नुकसान होगा. दोनों राज्यों को मंडियों से मोटा टैक्स मिलता है, जिसे वे विकास कार्य में इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, हरियाणा में बीजेपी का शासन है इसलिए यहां के सत्ताधारी नेता इस मामले पर मौन हैं.

>>एक बिल कांट्रैक्ट फार्मिंग से संबंधित है. इसमें किसानों के अदालत जाने का हक छीन लिया गया है. कंपनियों और किसानों के बीच विवाद होने की सूरत में एसडीएम फैसला करेगा. उसकी अपील डीएम के यहां होगी न कि कोर्ट में. किसानों को डीएम, एसडीएम पर विश्वास नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि इन दोनों पदों पर बैठे लोग सरकार की कठपुतली की तरह होते हैं. वो कभी किसानों के हित की बात नहीं करते.

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>>केंद्र सरकार जो बात एक्ट में नहीं लिख रही है उसका ही वादा बाहर कर रही है. इसलिए किसानों में भ्रम फैल रहा है. सरकार अपने ऑफिशियल बयान में एमएसपी जारी रखने और मंडियां बंद न होने का वादा कर रही है, पार्टी फोरम पर भी यही कह रही है, लेकिन यही बात एक्ट में नहीं लिख रही. इसलिए शंका और भ्रम है. किसानों को लगता है कि सरकार का कोई भी बयान एग्रीकल्चर एक्ट में एमएसपी की गारंटी देने की बराबरी नहीं कर सकता. क्योंकि एक्ट की वादाखिलाफी पर सरकार को अदालत में खड़ा किया जा सकता है, जबकि पार्टी फोरम और बयानों का कोई कानूनी आधार नहीं है. हालांकि, सरकार सिरे से किसानों की इन आशंकाओं को खारिज कर रही है.

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