संसद सत्र से पहले मंदी पर कांग्रेस करेगी प्रदर्शन, विपक्षी दलों को साथ लाने की तैयारी

कांग्रेस के उच्च सूत्र के मुताबिक पार्टी गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर नवंबर के शुरुआत में देशभऱ में प्रदर्शन करेगी. इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी में एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. कोशिश है कि दूसरे विपक्षी दलों को भी साथ लाया जाए.

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के करीब आर्थिक मंदी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस दिल्ली में बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रही है. इसको लेकर कांग्रेस विपक्षी दलों को भी साथ लेने की कोशिश में है. कांग्रेस पार्टी के एक उच्च सूत्र के मुताबिक गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पार्टी नवंबर के शुरुआत में देश भर में प्रदर्शन करेगी. इसी कड़ी में दिल्ली में एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें दूसरे विपक्षी दलों को साथ लेने की कोशिश होगी. फिलहाल दिल्ली में प्रदर्शन की तारीख और स्वरूप साफ नहीं है.

कांग्रेस ने बीते 12 सितंबर को एलान किया था कि आर्थिक मंदी के मुद्दे पर पार्टी 15 से 25 अक्टूबर के दौरान देशव्यापी प्रदर्शन करेगी लेकिन त्यौहारों की तारीख और दो राज्यों के चुनाव के कारण इस योजना को आगे बढ़ा दिया गया था. इसको लेकर राज्यों इकाइयों को निर्देश भी जारी कर दिए गए थे. पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक प्रदर्शन के नए कार्यक्रम की जानकारी जल्द ही प्रदेश कांग्रेस कमिटियों को भेजी जाएगी.

 

बता दें कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार में गिरावट को सरकार अंतराष्ट्रीय कारणों से जोड़ रही है वहीं कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण मंदी आई है. कांग्रेस की शिकायत है कि सरकार मंदी की बात मनाने से भी इंकार कर रही है. अर्थव्यवस्था के आंकड़ों और छंटनी आदि की खबरों को लेकर कांग्रेस ने लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है. पार्टी कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले दिनों में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस ने आर्थिक मंदी को महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बना कर पेश किया.

हालांकि ज्यादातर एक्जिट पोल बताते हैं कि दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार को लोग दोबारा मौका दे रहे हैं. चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस खेमे में भी उत्साह नहीं है. बावजूद इसके कांग्रेस को लगता है कि मंदी के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के जरिए वो लोगों को समझा पाएगी कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार नाकाम है. रणनीति ये है कि कांग्रेस अगर ये एजेंडा बना पाने में कामयाब रही तो सत्ताधारी दल बीजेपी को बैकफुट पर धकेला जा सकता है.

 

जाहिर है कांग्रेस संसद के भीतर और बाहर इस मुद्दे को जम कर उठाएगी. संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा. हालांकि देखना ये दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस आर्थिक मंदी को कितना बड़ा मुद्दा बना पाती है वो भी तब जबकि नवंबर के मध्य में सुप्रीम कोर्ट अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला सुनाने वाला है.

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