बीटिंग द रिट्रीट:पहली बार गूंजी ऐ मेरे वतन के लोगों की धुन, 1000 ड्रोन ने आसमान पर उकेरा आजादी का अमृत महोत्सव
नई दिल्ली। बीटिंग रिट्रीट के साथ 73वें गणतंत्र दिवस का समापन हुआ। आजादी के 75 साल पूरे होने पर ये सेरेमनी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाई गई। दिल्ली के विजय चौक पर चल रहे बीटिंग रिट्रीट में सबसे खास ड्रोन शो रहा। 1000 ड्रोन के जरिए आसमान पर आजादी के अमृत महोत्सव की तस्वीर उकेर दी गई। इस समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। pic.twitter.com/NMea7TBRwK
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बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में पहली बार लता मंगेशकर का गाया गीत ऐ मेरे वतन के लोगों भी बजाया गया। इसे 1963 में कवि प्रदीप ने लिखा था। यह तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का पसंदीदा गाना भी था।
‘अबाइड विद मी’ धुन समारोह में शामिल नहीं
महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन की धुन ‘अबाइड विद मी’ इस बार बीटिंग रिट्रीट में सुनाई नहीं दी। बीटिंग रिट्रीट के लिए 26 धुनों की लिस्ट बनाई गई थी, जिसमें ‘अबाइड विद मी’ शामिल नहीं है। इसे महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से एक दिन पहले 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह के आखिर में बजाया जाता था।
#WATCH दिल्ली: विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में ड्रोन की मदद से तरह-तरह की आकृतियां बनाई गईं। pic.twitter.com/eeJAQWwbOs
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1950 से लगातार इस धुन को बीटिंग रिट्रीट में बजाया जाता रहा है, लेकिन 2020 में पहली बार इसे समारोह से हटा दिया गया। इस पर काफी विवाद होने के बाद साल 2021 में इसे फिर से समारोह में शामिल कर लिया गया था लेकिन यह दूसरी बार है जब इसे बीटिंग रिट्रीट से हटाया गया है। भारतीय सेना की ओर से शनिवार को पूरे प्रोग्राम का ब्रोशर जारी किया गया था। इसमें इस धुन का जिक्र नहीं था।
#WATCH दिल्ली: विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर लेजर शो का आयोजन किया गया। pic.twitter.com/MNn5ph7bqR
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देखिए बीटिंग द रिट्रीट की फोटोज…
#WATCH दिल्ली: विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह चल रहा है। pic.twitter.com/d7ISI84Puz
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क्या है बीटिंग रिट्रीट?
बीटिंग रिट्रीट सप्ताह भर चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। इस दौरान राष्ट्रपति सेनाओं को अपनी बैरकों में लौटने की इजाजत देते हैं। इसी के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाता है। पहले ये 24 जनवरी से शुरू होता था, लेकिन 2022 से यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी से मनाया जा रहा है। इस बार सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है।
#WATCH दिल्ली: विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह चल रहा है। pic.twitter.com/IMhqXYorVC
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बीटिंग रिट्रीट का इतिहास
बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत भारत में 1950 के दशक में हुई थी। भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने सेनाओं के बैंड्स के डिस्प्लेस के साथ इस सेरेमनी को पूरा किया था। 1952 में भारत में इस समारोह का दो कार्यक्रम आयोजन किया गया था। पहला कार्यक्रम दिल्ली में रीगल मैदान के सामने मैदान में हुआ था और दूसरा लालकिले में।
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। pic.twitter.com/10x7GySb3I
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बीटिंग रिट्रीट की परंपरा तब से चली आ रही है जब सूर्यास्त खत्म होने के बाद जंग बंद हो जाती थी। 17वीं सदी में इंग्लैंड में एक युद्ध के दौरान जेम्स II ने शाम को जंग खत्म होन के बाद अपने सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडा झुकाने और परेड करने का आदेश दिया था। उस वक्त इस समारोह को वॉच सेटिंग कहा जाता था।
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। pic.twitter.com/kOBGNeNXDH
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