श्री राम मंदिर के लिए देशभर में लिया जा रहा चंदा, जानिए कैसे और कब तक दे सकते हैं? मंदिर कब बनकर तैयार होगा?

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नई दिल्ली। 134 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया। अब राम मंदिर का काम शुरू हो गया है। अगले 39 महीने में यानी 2024 के लोकसभा चुनाव के आसपास मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशभर से चंदा लेने का अभियान शुरू किया है। दो दिन में ही ट्रस्ट को 100 करोड़ का चंदा मिल गया है। मंदिर के लिए कितने चंदे की जरूरत है? आप कैसे चंदा दे सकते हैं? आखिर ये अभियान कब तक चलेगा? और मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा?आइए जानते हैं…

ट्रस्ट का चंदा लेने का कार्यक्रम कब तक चलेगा?

राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 15 जनवरी से चंदा लेना शुरू किया है। इस अभियान को राम मंदिर निधि संकल्प संग्रह अभियान नाम दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सबसे पहले चंदा देकर इस अभियान की शुरुआत की। कोविंद ने चेक के जरिए 5 लाख 100 रुपए का चंदा दिया।

इस अभियान में पांच लाख से ज्यादा गांवों के 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों तक पहुंचने का टारगेट है। 27 फरवरी तक चलने वाले अभियान की हर रोज समीक्षा की जा रही है, ताकि चंदे के नाम पर कोई फ्रॉड नहीं हो। इसके बाद भी कुछ जगहों से मंदिर के नाम पर चंदा उगाही के मामले सामने आए हैं।

कितना चंदा दे सकते हैं?

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि अभी धन संग्रह अभियान का पहला चरण चल रहा है। ये 31 जनवरी तक चलेगा। इसमें लोगों से 2 हजार या इससे ज्यादा चंदा लिया जा रहा है। इसे चेक से लिया जा रहा है। इसके अलावा 20 हजार रुपए तक का नकद सहयोग ट्रस्ट की रसीदों पर भी लिया जा रहा है।

डॉक्टर मिश्र ने कहा कि अभियान का दूसरा चरण 1 फरवरी से शुरू होगा। इसमें घर-घर जाकर चंदा लिया जाएगा। इस चरण में चंदा लेने के लिए 10, 100 और हजार रुपए के कूपन के जरिए दान लिया जाएगा। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि इस अभियान से करीब एक हजार करोड़ रुपए का चंदा आने का अनुमान है।

कैसे चंदा दे सकते हैं?

आप चाहें तो सीधे कैश दे सकते हैं। चाहें तो ट्रस्ट की ओर से गठित टोलियों को चेक दे सकते हैं। ट्रस्ट के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन भी दान दे सकते हैं। कैश जमा करने पर आपको उसी वक्त रसीद दी जाएगी। वहीं, ऑनलाइन रुपए देने पर आपको मेल पर जनरेट रसीद मिलेगी। बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने वाले लोग ट्रस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट से रसीद जनरेट कर सकते हैं।

आप चाहें तो ट्रस्ट के अकाउंट में सीधे UPI, NEFT, RTGS, IMPS कर सकते हैं। ट्रस्ट ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट की डीटेल दी है।

ट्रस्ट ने पूरे देश में कुल सवा लाख धन संग्रह टोलियों को लगाया है। 8 टोलियों पर एक धन संग्रह प्रमुख रखा गया है। टोलियां जो चंदा जुटाएंगी उसे अपने-अपने धन संग्रह प्रमुख के पास जमा करेंगी। धन संग्रह प्रमुख इस चंदे को बैंक में जमा कराएगा। बैंक हर दिन जमा हुए चंदे की डीटेल ट्रस्ट को भेजेगा। ट्रस्ट इस रकम का धन संग्रह प्रमुख की भेजी डीटेल से मिलान करेगा।

क्या चंदा देने से टैक्स में छूट मिलेगी?

इनकम टैक्स के 80G 2b के तहत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दिया गया चंदा टैक्स फ्री होगा। आप जितनी भी राशि दान करेंगे उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

मेरे घर कोई चंदा लेने आए तो मैं कैसे पहचान करूं कि मेरा चंदा ट्रस्ट तक पहुंचेगा?

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि लोकल लेवल पर संघ परिवार से जुड़े लोगों की टोलियां बनाई गई हैं। इन लोगों को स्थानीय लोग जानते हैं। जनता से हमेशा दो लोगों के साथ पैसा लिया जाएगा। इसके बाद भी यदि कोई फ्रॉड होता है तो लोग पुलिस के पास जाकर शिकायत कर सकते हैं।

साथ ही विज्ञापन के जरिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। इसके बाद भी अगर आपके मन में कोई सवाल है या आप चंदे को लेकर कोई जानकारी लेना चाहते हैं तो पंजाब नेशनल बैंक ने इस अभियान के लिए अलग से टोल फ्री नंबर जारी किया है।

अब तक कितना चंदा मिल चुका है?

चंपत राय ने कहा कि शुरुआती दो दिन में ही 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान जमा हो चुका है। अभियान शुरू होने के पहले ही ट्रस्ट को 100 करोड़ से ज्यादा चंदा मिल चुका था। इसके साथ ही विदेश से भी काफी रकम मिली है। इसे अभी इंडियन करेंसी में एक्सचेंज नहीं किया गया है। वहीं, 200 किलो चांदी समेत कई कीमती धातुएं भी दान में मिली हैं।

क्या इस चंदे के पैसे से पूरा मंदिर बन जाएगा या और पैसे लगेंगे?

मंदिर की अनुमानित कीमत 1100 करोड़ रुपए बताई जा रही थी। नींव का प्लान अब बदला जाएगा। इससे लागत में फर्क आएगा। ऐसे ही भविष्य में क्या योजनाएं लागू होती हैं, उससे लागत और बढ़ सकती है। लागत बढ़ने पर चंदा अभियान फिर चलाया जा सकता है।

कोषाध्यक्ष गोविन्द देव गिरी कहते हैं अभी के लिहाज से मंदिर की अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपए तक हो सकती है। वहीं, चंपत राय का कहना है कि अभी कोई सीमा नहीं है कि इसकी लागत कितनी होगी। मंदिर बनने के बाद इसका विस्तार भी होना है। अगर चंदा कम इकट्ठा होता है तो चंदा लेने का कार्यक्रम दोबारा भी चलाया जाएगा।

राष्ट्रपति के अलावा और किन बड़ी हस्तियों ने चंदा दिया है?

सरसंघचालक मोहन भागवत, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और बिहार के पूर्व डिप्‍टी सीएम सुशील मोदी, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी अभियान की शुरुआत में ही चंदा दे चुके हैं। आगे कई और बड़ी हस्तियां इस लिस्ट में शामिल होंगी।

मंदिर कब तक तैयार हो जाएगा?

चंपत राय कहते हैं कि यह अभियान विश्व का सबसे बड़ा धन संग्रह अभियान है। अभियान के साथ ही मंदिर निर्माण का काम शुरू हो चुका है। नींव के लिए काम चल रहा है। अप्रैल 2024 तक यानी अगले 39 महीने में मंदिर बन जाएगा। यानी, वह समय जब देश में लोकसभा चुनाव चल रहे होंगे।

चंदा तो 90 के दशक में भी लिया गया था उसका क्या?

ट्रस्ट को राम जन्मभूमि न्यास की ओर से 10 करोड़ रुपए हैंडओवर किए गए। कहा जा रहा है कि ये पैसा चंदे से ही इकट्ठा हुआ था। वहीं, VHP का कहना है कि उस दौर में गांव-गांव जाकर चंदे के रूप में लिए गए सवा रुपए से साढ़े तीन करोड़ रुपए आए थे। इससे पत्थर खरीदे गए। कारीगर और मजदूरों पर खर्च किया गया। VHP के तराशे गए पत्थरों का भी मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होगा।

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