मुस्लिम पक्षकार ने कहा- फैसला पक्ष में आए, तब भी विवादित स्थल पर दोबारा मस्जिद की बुनियाद न पड़े
अयोध्या विवाद मामले में सबसे प्रमुख पक्षकार हाजी महबूब ने कहा- केस जीत जाएं तो सिर्फ जमीन की घेराबंदी करने की इच्छा, महबूब ने कहा- अमन चैन के लिए विवादित जमीन पर अब मस्जिद की बुनियाद नहीं पड़नी चाहिए
- एक और पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए, हम अब दोबारा कोर्ट नहीं जाएंगे
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में इजाफा, लोग मंदिर के लिए तराशी गई शिलाओं को देखने पहुंच रहे
अयोध्या से भास्कर के लिए रवि श्रीवास्तव की रिपोर्ट .राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के दूसरे दिन अयोध्या में कोई खास हलचल नहीं दिखी। हालांकि, पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। संवेदनशील जगहों पर पुलिस रूटीन चेकिंग में लगी हुई है। दैनिक भास्कर APP से बातचीत में मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि यदि मुस्लिमों के पक्ष में कोर्ट का फैसला आ भी जाता है तो हमारी मस्जिद बनाने की अभी कोई तैयारी नहीं है। वहीं, मुद्दई हाजी महबूब का कहना है कि मेरी दिली तमन्ना है कि हम अगर केस जीत जाते हैं तो उस जमीन को घेरकर सिर्फ छोड़ देंगे। अमन चैन के लिए वहां अब मस्जिद की बुनियाद नहीं पड़नी चाहिए।
सुबह के तकरीबन 10 बजे रहे थे, जब दैनिक भास्कर APP की टीम टेढ़ी बाजार पहुंची तो रोज की तरह वहां बैरिकेडिंग लगी हुई थी। लगभग चार मकान छोड़कर हाजी महबूब अपने घर के आंगन में बैठे अखबार पढ़ रहे थे। साथ में दो सुरक्षाकर्मी और कुछ मिलने वाले बैठे थे। हाजी महबूब ने बताया कि देश को तबाही से रोकने के लिए और अमन शांति कायम रखने के लिए मैं नहीं चाहूंगा कि वहां फिर से मस्जिद की बुनियाद पड़े। हम उस जगह को घेरकर छोड़ देंगे। इससे सभी पक्ष खुश रहेंगे। ये मेरी दिली तमन्ना है। अभी फैसला नहीं आया है, लेकिन हमारी मस्जिद बनाने की कोई तैयारी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे
कजियाना मोहल्ले में रहने वाले मुद्दई इकबाल अंसारी गुरुवार सुबह 11 बजे मीडियाकर्मियों से घिर गए। बातचीत खत्म होने के बाद कुछ लोगों ने उनके साथ तस्वीर खिंचाने की इच्छा जाहिर की। अंसारी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अब उनके साथ 4 सुरक्षाकर्मी रहते हैं। हालांकि, अंसारी ने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देगा वह माना जाएगा। अब उस फैसले के खिलाफ हम कोर्ट नहीं जाएंगे।
मुद्दई कोई तथ्य नहीं देता, वकील रिसर्च करते हैं: अंसारी
अंसारी ने बताया कि मुस्लिम पक्ष के मुख्य वकील राजीव धवन से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई है, न ही कभी बात हुई, न ही कभी वे दिल्ली गए हैं। जो भी लिखा-पढ़त होती है, वह जफरयाब जिलानी के माध्यम से होती है। वे ही हमारे वकील हैं। मुद्दई कोई तथ्य नहीं देता, बल्कि वकील खुद रिसर्च करते हैं।
हजार लोग हर दिन शिलाओं को देखने पहुंच रहे
विहिप की कार्यशाला में मंदिर के लिए तैयार शिलाओं को देखने के लिए भीड़ लगातार बढ़ रही है। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है कि इस समय रोजाना 1000 के करीब लोग यहां आ रहे हैं। वहीं, विहिप के केन्द्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज भी गुरुवार को वहां पहुंचे। जब उनसे पूछा गया कि क्या पिछली बार की तरह कोई कारसेवा की जाएगी, तो उनका जवाब था कि हम अब ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे देश में अमन-चैन बिगड़े। उन्होंने कारसेवा से पूरी तरह इनकार कर दिया।