तब्लीगी जमात के मौलाना साद का ऑडियो वायरल: कहा था- मुसलमानों को मुसलमानों से अलग करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग प्रोग्राम बनाया गया
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है, यह ऑडियो तब्लीगी जमात के चीफ मोहम्मद साद कंधलावी का बताया जा रहा साद इस ऑडियो में लोगों को मिलना-जुलना बरकरार रखने, साथ बैठकर खाने और मस्जिदों में ही नमाज पढ़ने को कह रहे हैं
#WATCH दिल्ली: 26 मार्च 2020 ,निज़ामुद्दीन मरकज़ भवन के अंदर का दृश्य। यहां एक धार्मिक सभा आयोजित की गई थी जिसमें लॉकडाउन की शर्तों का उल्लंघन किया गया और इसमें हिस्सा लेने वालों में कई लोग #COVID19 से संक्रमित पाए गए। (वीडियो सोर्स: दिल्ली पुलिस) pic.twitter.com/TxZXTeUE5B
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2020
नई दिल्ली. निजामुद्दीन इलाके में हुए इस्लामिक धार्मिक आयोजन (तब्लीगी जमात मरकज) के बाद एक ही बिल्डिंग में ठहरे सभी 2,361 लोगों को निकाल लिया गया है। 617 लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है और बाकी लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है। इनमें से 24 लोग कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं। इन सब के बीच तब्लीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे सरकार द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के आदेश को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश बता रहे हैं।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु: लगभग 2000 लोगों ने जमात में हिस्सा लिया था जिसमें से कर्नाटक से 300 लोग थे। उनमें से 40 लोगों की पहचान कर 12 लोगों के थूक का टेस्ट किया गया जो नेगेटिव आया। जो भी इस सभा में गए थे हम उनसे सामने आने की गुज़ारिश करते हैं। pic.twitter.com/0JpCSnWQT3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2020
“अल्लाह पर यकीन न रखने वालों की चाल और स्कीमें आ गईं”
वायरल ऑडियो में साद कह रहे हैं, “अल्लाह पर यकीन न रखने वालों की चाल और स्कीमें मुसलमानों को बीमारी से बचाने के बहाने से मुसलमानों को रोकने के लिए आ गई हैं। उन्हें मुसलमानों को रोकने और बिखेरने की तरकीब नजर आ गई है ताकि इनके दिल में हमेशा के लिए ये बात बैठ जाए कि किसी के पास मत जाओ, किसी के पास मत बैठो नहीं तो बीमारी लग जाएगी। आज अगर इस बीमारी की वजह से मुसलमानों के अकीदत बदल जाते हैं तो बीमारी तो खत्म हो जाएगी, लेकिन अकीदत खत्म नहीं होगी।”
ऑडियो में साद आगे कहते हैं, “ये बीमारी बदल जाएगी, लेकिन तुम्हारे माशरे के आदाब, तुम्हारे साथ बैठना, एक प्लेट में खाना, इसका असर मुद्दतों के आसारे कभी खत्म ना हो। ये तो मुसलमानों के दरमियां शक पैदा करने, इनके दरमियां मोहब्बत खत्म करने के लिए एक प्रोग्राम तैयार किया गया है, एक प्रोग्राम बनाया गया है कि मुसलमानों को मुसलमानों से अलग करने के लिए ये बहाना अच्छा है।”
“जब अल्ला ताला ने बीमारी मुकद्दर कर दी तो किसी डॉक्टर या दवा के साथ मैं कैसे बच सकूंगा”
साद यह भी कहते हैं कि “मौत से भागकर जाओगे कहां, मौत तो तुम्हारे आगे-आगे चल रही है। इसलिए जरा इस मौके पर अपनी अकल-समझ को जरा ठिकाने रखो। ऐसा ना हो कि महज डॉक्टरों की बातों में आकर नमाजें छोड़ो, मुलाकातें छोड़ो, मिलना-जुलना छोड़ो। 70 हजार फरिश्तों पर तुम क्यों नहीं यकीन रखते। जब अल्ला ताला ने बीमारी मुकद्दर कर दी तो किसी डॉक्टर या दवा के साथ मैं कैसे बच सकूंगा, क्या कर लूंगा जब 70 हजार फरिश्ते मुझे नहीं बचा पाए। अछूत बनना, अछूत बनाना, खौफ फैलाना, ये इसका वक्त नहीं है। क्यों इस बात का यकीन आ गया कि हम मिलेंगे तो बीमारी फैलेगी, इसका यकीन क्यों नहीं है कि हम मस्जिदों में जमा होंगे तो अल्ला ताला इस समय में फरिश्तों को हाजिर करेंगे।”
“मस्जिद में आने से आदमी मरता भी है तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती”
साद कहते हैं, “ये खयाल बिलकुल बेकार खयाल है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा होगी। मैं कहता हूं कि अगर तुम्हें यह दिखे कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती। साहबान तमन्ना करते थे कि काश नमाज करते हुए मौत आए। इन्हें नमाज में खतरा नजर आ रहा है। अल्लाह बीमारी लाए हैं मस्जिदों को छोड़ने की वजह से। ये बीमारी हटा रहे हैं मस्जिदों को छोड़कर। सोचिए तो सही कितनी उल्टी सोच है। आदमी यह कहे कि मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, इनमें ताला लगा देना चाहिए, इससे बीमारी बढ़ेगी। इस खयाल को दिल से निकाल देना चाहिए।”
28 मार्च से गायब हैं मौलाना साद
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में लॉकडाउन के पहले तब्लीगी जमात का मरकज लगा हुआ था। यहां देश-विदेश से 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। ज्यादातर लोग मरकज खत्म होने के बाद अपने-अपने घर चले गए लेकिन 2000 से ज्यादा लोग मस्जिद की बिल्डिंग में ही ठहरे हुए थे। देश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद इस तरह लोगों का इकट्ठा होना अपराध है। दिल्ली पुलिस ने मुहम्मद साद समेत मरकज के 6 अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि मौलाना साद मौलान 28 मार्च से ही गायब बताए जा रहे हैं।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज से लौटे लोगों का लगातार कोरोना से संक्रमित पाए जाना जारी है. मरकज से तमिलनाडु लौटे 110 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इसके साथ ही तमिलनाडु में कोरोना के मरीजों की संख्या 234 हो गई है. इससे पहले मरकज से लौटे 93 लोगों के कोरोना वायरस की चपेट में आने का मामला सामने आया था. सभी का सैंपल पॉजिटिव निकला है. इसमें से 45 तमिलनाडु, 9 अंडमान और 24 केस दिल्ली के हैं.
इसके अलावा आंध्र प्रदेश से 4 और केस सामने आए, जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री मरकज की रही है. विशाखापट्टनम से भी 21 केस सामने आए हैं.उधर, मरकज को भी पूरी तरह अब खाली करा दिया गया है. मरकज से 2 हजार से ज्यादा लोग निकाले गए हैं. मरकज से जिन लोगों को निकाला गया है, उसमें से 617 अस्पताल में भर्ती हैं, बाकी क्वारंटीन किए गए हैं. जमात से लौटे लोगों की तलाश में दिल्ली से मुंबई तक अभियान चलाया जा रहा है.
आंध्र प्रदेश में मरकज जमात से जुड़े 30 जमातियों का टेस्ट किया गया, जिसमें से 14 पॉजिटिव पाए गए हैं. मरकज में गए 13 बांग्लादेशियों को ठाणे में पकड़ा गया है. सबको क्वारंटीन किया गया है. वहीं, अहमदाबाद में जमात के मरकज से लौटे लोगों की तलाश की गई. इस बीच गोमतीपुर इलाके में पुलिस पर पथराव किया गया. बताया जा रहा है कि कसाई नी चाल इलाके में लोग विरोध करने लगे और पुलिस पर पथराव शुरू हो गया.
उत्तर प्रदेश में 117 लोग क्वारनटीन
मरकज से लौटे लोगों की तलाश के लिए पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया. मऊ में 15 लोग पकड़े गए . यह लोग जमात में शामिल होकर मऊ में अलग-अलग जगह ठहरे हुए थे. साथ ही सबको क्वारनटीन किया गया है. उत्तर प्रदेश में अब तक 8 जमातों में 117 लोगों को क्वारनटीन किया जा चुका है. साथ ही इनके संपर्क में आए लोगों को भी क्वारनटीन किया जा रहा है.