कोविड वैक्सीन एस्ट्राजेनेका ने फेज-3 ट्रायल्स रोके; 9 दवा कंपनियों का वादा प्रीमैच्योर वैक्सीन जारी नहीं करेंगे; अगले साल तक मिल जाएगा कोवैक्सिन
कंपनी ने मंगलवार शाम को एक बयान जारी कर कहा कि स्टैंडर्ड रिव्यू प्रोसेस को रोक दिया गया है ताकि सेफ्टी डेटा का रिव्यू किया जा सके। एस्ट्राजेनेका ने संभावित साइड इफेक्ट के बारे में कुछ नहीं बताया है। सिर्फ इतना ही कहा है कि यह ‘पोटेंशियली अनएक्सप्लेन्ड इलनेस’ है। हेल्थ न्यूज साइट STAT ने ही सबसे पहले यह खबर बताई। एस्ट्राजेनेका के एक प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि यह वॉलंटियर यूके में है। इसके बाद एस्ट्राजेनेका ने अमेरिका, भारत समेत पूरी दुनिया में फेज-3 ट्रायल्स रोक दिए हैं।
कोरोनावायरस की दूसरी शक्तिशाली लहर की वजह से देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था संकट से जूझ रही है। भारत में भी अनलॉक में रोज ही नए मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में कोविड-19 वैक्सीन को जल्द से जल्द लाने के प्रयासों को गहरा धक्का लगा है।
एक वॉलंटियर के बीमार होने की वजह एस्ट्राजेनेका ने अमेरिका में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बने वैक्सीन कोवीशील्ड का ट्रायल रोक दिया है। वहीं, अमेरिका में 9 दवा कंपनियों ने वादा किया है कि वे प्रीमैच्योर वैक्सीन मार्केट में नहीं उतारेंगी।
ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन के ट्रायल्स थमे
- इस समय वैक्सीन की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन कोवीशील्ड के फेज-3 ट्रायल्स को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया है। दरअसल, एक वॉलंटियर बीमार हो गया है। यह समझ नहीं आ रहा है कि यह वैक्सीन के शॉट का साइड इफेक्ट है या कुछ और। एस्ट्राजेनेका ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
- कंपनी ने मंगलवार शाम को एक बयान जारी कर कहा कि स्टैंडर्ड रिव्यू प्रोसेस को रोक दिया गया है ताकि सेफ्टी डेटा का रिव्यू किया जा सके। एस्ट्राजेनेका ने संभावित साइड इफेक्ट के बारे में कुछ नहीं बताया है। सिर्फ इतना ही कहा है कि यह ‘पोटेंशियली अनएक्सप्लेन्ड इलनेस’ है।
- हेल्थ न्यूज साइट STAT ने ही सबसे पहले यह खबर बताई। एस्ट्राजेनेका के एक प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि यह वॉलंटियर यूके में है। इसके बाद एस्ट्राजेनेका ने अमेरिका, भारत समेत पूरी दुनिया में फेज-3 ट्रायल्स रोक दिए हैं।
- पिछले महीने ही एस्ट्राजेनेका ने अमेरिका में 30 हजार लोगों पर टेस्ट शुरू किए हैं। इसेक अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस वैक्सीन के ट्रायल्स ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका के साथ ही भारत में भी शुरू हुए हैं। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसके ट्रायल्स कर रहा है।
Coronavirus: Oxford University vaccine trial paused after participant falls ill – this is not unusual in vaccine trials but it reminds us why we can’t rush vaccine trials – a reality check for sure to all those who want the vaccine by the year end https://t.co/iaua1U00ay
— Kiran Mazumdar Shaw (@kiranshaw) September 9, 2020
कोवैक्सिन अगले साल मिलेगा
- भारत का पहला स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन अगले साल की शुरुआत में लॉन्च होगा। इसे भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है। कोवैक्सिन ने फेज-1 ट्रायल्स शुरू कर लिए हैं। केंद्र सरकार ने 7 सितंबर से फेज-2 ट्रायल्स की मंजूरी दी है।
- एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन प्रोफेसर और कोविड-19 वैक्सीन के प्रमुख जांचकर्ता संजय राय ने बताया कि फेज-1 ट्रायल्स सफलता से पूरे हुए हैं। फेज-2 ट्रायल्स अक्टूबर में पूरे होंगे। इसके बाद फेज-3 ट्रायल्स शुरू होंगे। इसका मतलब यह है कि 2021 की शुरुआत तक कोवैक्सिन उपलब्ध हो जाएगा।
भारत में रूसी वैक्सीन के फेज-3 टेस्टिंग पर प्रयास तेज
- रूस ने अपने कोविड-19 वैक्सीन Sputnik V के फेज-3 ट्रायल्स और इसके उत्पादन के लिए भारत से संपर्क साधा है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि सरकार वेरी स्पेशल फ्रेंड से पार्टनरशिप की इस पेशकश के ग्रेट इम्पोर्टेंस को समझती है। इसे लेकर महत्वपूर्ण प्रयास हुए हैं।
- नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि रूस ने वैक्सीन के उत्पादन के लिए देश की कई कंपनियों से संपर्क साधा था। चार कंपनियां इसके लिए आगे भी आई हैं। सरकार इस प्रयास में है कि यह कंपनियां किस तरह रूसी अधिकारियों से जुड़ सकें।
A safe and effective COVID-19 vaccine could save countless lives. We need one as soon as possible.
But while I see a vaccine as a product of science, President Trump sees it as a political tool.
Politics should play no role in this. The Administration must answer the following:
— Joe Biden (@JoeBiden) September 9, 2020
9 दवा कंपनियों ने किया वादा सेफ होगा वैक्सीन
- अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले कोविड-19 वैक्सीन लाने के दबाव को खारिज करते हुए नौ दवा कंपनियों ने जॉइंट प्लेज जारी किया है। उन्होंने इसमें कहा है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा, उनकी सेफ्टी सबसे ऊपर रहेगी।
- एस्ट्राजेनेका, बायोएनटेक, ग्लेक्सोस्मिथलाइन (जीएसके), जॉनसन एंड जॉनसन, मर्क (एमएसडी), मॉडर्ना, नोवावैक्स, फाइजर और सनोफी के सीईओ ने इस प्लेज पर साइन किए हैं। यह पहल ऐसे समय पर की गई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प महामारी से लड़ने के लिए ट्रीटमेंट और वैक्सीन को जल्द से जल्द अप्रूवल दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
- ट्रम्प ने तो सोमवार को संकेत भी दिए कि अमेरिका कोविड-19 वैक्सीन को 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले यानी अक्टूबर में भी अप्रूवल दे सकता है। नौ दवा कंपनियों के प्लेज से यह तो साफ हो गया है कि इनमें से कोई भी कंपनी ट्रायल्स खत्म होने से पहले प्रीमैच्योर अप्रूवल नहीं मांगेगी।