इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद रहेंगी / देश में अब 14 अप्रैल की आधी रात तक कोई अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान नहीं उतरेगा, लॉकडाउन की वजह से डीजीसीए का फैसला

केंद्र ने 14 अप्रैल तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही घरेलू उड़ानें भी बंद हैं। देश में हर महीने औसतन 1.3 करोड़ और सालाना 14 करोड़ यात्री घरेलू उड़ानों में सफर करते हैं।

  • कार्गो फ्लाइट्स पर प्रतिबंध नहीं रहेगा, डीजीसीए ने पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 23 से 29 मार्च तक रोक लगाई थी
  • देश में ट्रांसपोर्ट के सारे साधन बंद हैं; ट्रेनें, घरेलू उड़ानें और इंटर स्टेट बसों पर 14 अप्रैल तक रोक है

नई दिल्ली. इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर लगा प्रतिबंध 29 मार्च से बढ़ाकर 14 अप्रैल तक कर दिया गया है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए ने गुरुवार को यह फैसला लिया। इससे पहले डीजीसीए ने 23 मार्च से 29 मार्च तक इन फ्लाइट्स पर रोक लगाई थी। डीजीसीए ने अपने फैसले में कहा, ‘19 मार्च को इंटरनेशनल फ्लाइट्स ऑपरेशन्स सस्पेंड करने के बारे में एक सर्कुलर जारी किया गया था। अब प्रतिबंध की अवधि 14 अप्रैल को रात 12 बजे तक की जा रही है। यह प्रतिबंध कार्गो फ्लाइट्स पर लागू नहीं होगा।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि कोरोनावायरस की चेन तोड़ने के लिए यह जरूरी है। इसी लॉकडाउन के मद्देनजर डीजीसीए ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 12 मार्च को ही सभी वीजा आवेदन निरस्त करने का फैसला किया था। 13 मार्च की रात 12 बजे से सभी वीजा आवेदन 15 अप्रैल तक के लिए निरस्त कर दिए गए थे।

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत 55 देशों के 80 शहरों से जुड़ा है
भारत में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, कोच्चि, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद मुख्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। इनके अलावा देश के करीब 20 हवाई अड्डों से भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें उपलब्ध हैं। इन एयरपोर्ट्स से 55 देशों के 80 शहरों तक पहुंच सकते हैं। फरवरी, 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में एक साल में करीब 32 करोड़ इंटरनेशनल पैसेंजर इन फ्लाइट्स का इस्तेमाल करते हैं।

देश में क्या-क्या बंद?
1. उड़ानें

केंद्र ने 14 अप्रैल तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही घरेलू उड़ानें भी बंद हैं। देश में हर महीने औसतन 1.3 करोड़ और सालाना 14 करोड़ यात्री घरेलू उड़ानों में सफर करते हैं।

2. ट्रेनें
लॉकडाउन की वजह से 14 अप्रैल तक 12500 यात्री ट्रेनें बंद रहेंगी। यानी इस दौरान मालगाड़ियों को छोड़कर कोई भी ट्रेन नहीं चलेगी। इस फैसले का मतलब यह है कि रोजाना इन ट्रेनों से सफर करने वाले 2.3 करोड़ लोग कहीं आ-जा नहीं सकेंगे।

3. मेट्रो सर्विसेस-इंटर स्टेट बसें
कैबिनेट सेक्रेटरी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए थे कि मेट्रो सर्विसेस और इंटर स्टेट बसों को भी रोक दिया जाए। इसमें दिल्ली मेट्रो भी शामिल है, जिससे करीब दो करोड़ लोग रोजाना सफर करते हैं। लॉकडाउन की वजह से यह प्रतिबंध भी 14 अप्रैल तक रहेगा।

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