चंडीगढ़. कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों की जेलों से 3500 से 4000 तक और कैदियों को छोड़ा जाएगा जबकि इससे पहले 9500 कैदियों को छोड़ा गया था। राज्य की जेलों में कैदियों की अधिकृत क्षमता 50 फीसदी तक लाने का फैसला किया गया है,ताकि जेलों में सामाजिक दूरी के साथ-साथ कैदियों के लिए एकांतवास के लिए उपयुक्त जगह मुहैया करवाई जा सके।
जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के मुताबिक यह कार्यवाही लॉकडाउन की बन्दिशों में ढील, अपराध दर एवं नये कैदियों की आमद बढ़ने के चलते की जा रही है जिस सम्बन्धी माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर बनाई गई हाई पावर कमेटी की तरफ से सिफारशें की गई हैं।
हर महीने जेलों में आ रहे 3000 कैदी
जेल मंत्री ने कहा कि विशेष जेलों में कैदियों की आमद करीब 3000 कैदी प्रति महीना है। इस समय पर राज्य की जेलों में 17500 कैदी हैं जोकि कुल क्षमता का 73% है। कुल कैदियों में से 80% हवालाती हैं और पैरोल पर रिहा करने के लिए सिफारिशों के लिए मापदंड सिर्फ हवालातियों के ही संबंध में थे। एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत पकड़े गए उन दोषी के संबंध में जिनके पास से थोड़ी मात्रा बरामद की हो और तीन से अधिक केस दर्ज न हों।