सुरक्षा / आजादी से लेकर अब तक 35,000 पुलिसकर्मी शहीद, सीआरपीएफ शहादत में सबसे आगे

पिछले एक साल में पुलिस और पैरामिलिट्री बल के 292 जवानों ने शहादत दी पैरामिलिट्री जवान आतंकवादियों और नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए

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नागपुर. आजादी से लेकर इस साल अगस्त तक देश की रक्षा करते हुए 35,000 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। रविवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2018 से अगस्त 2019 के बीच राज्य पुलिस और पैरामिलिट्री बल के 292 जवानों ने शहादत दी है। पिछले एक साल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सबसे ज्यादा 67 जवान शहीद हुए। इनमें फरवरी, 2019 में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवान शामिल हैं।

सितंबर, 2018 से अगस्त, 2019 के दौरान देश में आतंक विरोधी और अन्य अभियानों में सीआरपीएफ और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 292 सैनिकों की जान गई है। पिछले एक साल में बीएसएफ के 41, इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के 23 और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 24 जवान शहीद हुए हैं।

इन राज्यों के पुलिसकर्मी शहीद
एक साल के दौरान, महाराष्ट्र पुलिस के 20 जवान शहीद हुए, जिनमें से 15 की गढ़चिरौली में बारुदी सुरंग की चपेट में आने से मौत हुई थी। छत्तीसगढ़ के 14, कर्नाटक पुलिस के 12, रेलवे सुरक्षा बल के 11 जवान शहीद हुए हैं। दिल्ली और राजस्थान पुलिस के 10-10 और सीआईएसएफ के 6 जवानों ने अपनी जान दी है। शहीदों की सूची में झारखंड, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा के जवान भी शामिल हैं। असम राइफल्स और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के जवान भी शहीदों में शामिल हैं।

स्मृति दिवस पर होगी शहीदों के नाम की घोषणा
राज्य पुलिस के जवान नक्सलियों, आतंकियों, शराब और रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान शहीद हुए। कानून-व्यवस्था कायम रखने के दौरान भी पुलिस जवानों की जान गई। पैरामिलिट्री बल के जवानों ने सीमा पार के आतंकवाद और नक्सलियों से लड़ते हुए अपनी जान दी। सोमवार को होने वाले पुलिस स्मृति दिवस में 292 शहीदों के नाम की घोषणा की जाएगी।

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