चारों तरफ से फायरिंग हो रही थी, आतंकी मस्जिद की ऊपरी मंजिलों से गोली चला रहे थे; बच्चे को बचाना चुनौती थी
मासूम को बचाने वाले जवान ने कहा-सोपोर आतंकी हमले में 1 जवान शहीद हुआ, 1 नागरिक की भी मौत हो गई आतंकी हमले में मारे गए नागरिक के पोते को सुरक्षा बलों ने बचाया
श्रीनगर. कश्मीर के सोपोर में हुए आतंकी हमले में तीन साल का मासूम बच्चा बाल-बाल बच गया। अब वह महफूज है और मां-बाप की गोद में है। हालांकि, हमले में उसके दादा की मौत हो गई।
गोलीबारी के दौरान वह बच्चा दादा की लाश के पास रोता हुआ बैठा था। सुरक्षा बल के जवान उसे बचाकर निकाल लाए। मासूम उम्र है, इसलिए मौत, मातम और दर्द जैसे अहसास अभी उस पर तारी नहीं हैं। वह अपनी दुनिया में पहुंचकर मुस्कुरा रहा है। पर जब हर तरफ गोलियां चल रही थीं तो इस बच्चे को बचाना कितना चुनौती भरा था, ये सुनिए उसे बचाने वालों की जुबानी…
The first hand account by a local cop in Sopore about the terror crime. He was first to respond the situation after the incident. pic.twitter.com/nIVxrIJmlF
— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) July 1, 2020
गाड़ियां लगा दीं, ताकि आतंकियों का व्यू रोका जा सके- सुरक्षा बल
सुरक्षा बल के जवान इम्तियाज हुसैन ने बताया- सुरक्षाबलों के हमारे तीन जवान खून में लथपथ थे। हमें उन्हें उठाना था। तभी एक सिविलियन को भी हमें उठाना था। वह भी जख्मी था। हमारे सबसे विचलित करने वाला नजारा तब था, जब हमने देखा कि ढाई-तीन साल का बच्चा वहां पर रोते हुए इर्द-गिर्द घूम रहा है।
उस वक्त सामने की तरफ से फायरिंग हो रही थी। आतंकी मस्जिद की ऊपर वाली मंजिलों से फायरिंग कर रहे थे। हमारे सामने सबसे पहले चुनौती थी कि आतंकियों का व्यू ब्लॉक किया जाए ताकि बच्चे को वहां से उठाया जा सके। इसके बाद हमने सारी गाड़ियां वहां लगा दीं।
यह हमारे लिए चैलेंजिंग था। बच्चा अपने दादा के साथ कार से जा रहा था। सामने की तरफ से जब फायरिंग हुई तो हमारे तीन जवान घायल हुए और गाड़ी में जा रहे बच्चे के दादा को गोली लगी। उस वक्त कई लोग अपनी गाड़ियां छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए।
फोटो व कन्टेंड-दैनिक भास्कर डाट काम