SC का ऐतिहासिक फैसला, अब नेवी में भी महिला अफसरों को स्थायी कमिशन, कहा- महिलाओं में भी पुरुष अफसरों की तरह समुद्र में रहने की काबिलियत

सुप्रीम कोर्ट ने स्थायी कमीशन देने में महिला अधिकारियों की शारीरिक सीमाओं का हवाला देने वाली केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.

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  • SC ने हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, ये लैंगिक रूढ़ियों का मामला: सुप्रीम कोर्ट
  • 2007 एसएससी जेएजी बैच की इकलौती महिला अफसर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
  • इससे पहले शीर्ष अदालत ने सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने का आदेश दिया था

नई दिल्ली। अब नेवी में भी महिला अफसरों को स्थायी कमिशन मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने स्थायी कमीशन देने में महिला अधिकारियों की शारीरिक सीमाओं का हवाला देने वाली केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे लैंगिक रूढ़ियों का मामला बताया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाएं पुरुष अधिकारियों के समान दक्षता के साथ sail (नौकायन) कर सकती हैं और कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि सामाजिक और मानसिक कारण बताकर महिला अधिकारियों को अवसर से वंचित रखना बेहद बेदभावपूर्ण रवैया है और यह बर्दाश्त के काबिल नहीं है.

कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे: केंद्र

इस मामले में केंद्र सरकार ने 11 मार्च को लोकसभा में कहा था कि सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के लिए वह तैयार हैं. साथ ही सरकार ने कहा कि वह इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरा पालन करेगी. रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने टीएमसी सांसद सौगत रॉय के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी थी.

हम कोई भेदभाव नहीं करेंगे: केंद्र

रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने कहा था कि हम कोई भेदभाव नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी गंभीरता के साथ पालन किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अपने आदेश में कहा था कि सेना में महिलाओं को स्थायी तैनाती मिलनी चाहिए और पुरुष अधिकारियों की ही तरह उन्हें सैन्य कमान में भी तैनात किया जाना चाहिए.

क्या है परमानेंट कमीशन?
सेना में परमानेंट कमीशन मिलने के बाद कोई अधिकारी रिटायरमेंट तक सेना में काम कर सकता है और उसे पेंशन भी मिलती है। सेना में अधिकारियों की कमी पूरी करने के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन शुरू हुआ था। इसके तहत पुरुषों और महिलाओं दोनों की भर्ती की जाती है, जिन्हें 14 साल में रिटायर कर दिया जाता है और उन्हें पेंशन भी नहीं मिलती। परमानेंट कमीशन के लिए नेवी में केवल पुरुष अधिकारी ही आवेदन कर सकते हैं।

महिला अफसरों को न्यायाधीश एडवोकेट जनरल, सेना शिक्षा कोर, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कोर में स्थायी कमीशन दिया जाएगा.

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