चंडीगढ़। निकाय चुनाव के टिकट वितरण को लेकर खुद को अलग रखने वाले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत फरवरी के पहले हफ्ते में दोबारा पंजाब में सक्रिय हो सकते हैं। आने वाले समय में हरीश रावत का दौरा न सिर्फ निकाय चुनाव की रणनीति की समीक्षा करने पर आधारित रहेगा, बल्कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को कहां एडजस्ट किया जाए, इस पर मंथन करने के लिए भी होगा। हरीश रावत (Harish Rawat) का कहना है, ‘संभवत: सात या आठ फरवरी को मैं पंजाब आऊंगा। किसान आंदोलन के बीच में कई काम पेंडिंग हो गए हैं। उस पर होमवर्क करना है।’
नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में पूछे जाने पर रावत कहते हैं, ‘हां उन्हें भी कहां पर एडजस्ट किया जाए, यह भी एक मुद्दा है। इस पर मंथन किया जाना है।’ बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू के कैबिनेट में एडजस्ट करने की चर्चा पहले भी जोरों पर रही थी, लेकिन किसान आंदोलन के कारण पंजाब सरकार ने मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं किया।
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा, ‘निकाय चुनाव के लिए प्रदेश की बाडी पर्याप्त है, इसलिए मैंने उसमें हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझा। अलबत्ता मैंने प्रदेश कार्यकारिणी को टिकट वितरण से पहले आब्जर्वर लगाने की सलाह दी थी। जिसके तहत आब्जर्वर लगाए भी गए। चुनाव के मध्य में एक बार रणनीति की समीक्षा जरूर करूंगा।’
किसान आंदोलन को लेकर
हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए, क्योंकि सरकार किसानों के आंदोलन को दबाना चाहती है, लेकिन ऐसा होना संभव नहीं है। अगर कांग्रेस की सरकार होती और इस तरह का आंदोलन होता तो कांग्रेस इन कानूनों को वापस लेने में जरा भी नहीं हिचकती।