BJP के एक करोड़ कार्यकर्ता पांच-पांच गरीब लोगों को लॉकडाउन तक कराएंगे भोजन
देश में पूरी तरह से लॉकडाउन होने के चलते लोगों को खासतौर से गरीबों के लिए खाने की काफी दिक्कत हो रही हैं. ऐसे में बीजेपी ने गरीबों का दिल जीतने के लिए बड़ा फैसला किया है. बीजेपी ने 1x5 फॉर्मूले के जरिए तय किया है कि पार्टी के एक करोड़ कार्यकर्ता पांच-पांच गरीब लोगों को लॉकडाउन तक भोजन कराएंगे.
- कोरोना वायरस के चलते 14 अप्रैल तक देश भर में लॉकडाउन
- लॉकडाउन में 5 करोड़ गरीबों को खाना खिलाएंगे BJP वर्कर
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते खतरों से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर रखा है. देश में पूरी तरह से लॉकडाउन होने के चलते लोगों को खासतौर से गरीबों के लिए खाने की काफी दिक्कत हो रही हैं. ऐसे में बीजेपी ने गरीबों का दिल जीतने के लिए बड़ा फैसला किया है. बीजेपी ने 1×5 फॉर्मूले के जरिए तय किया है कि पार्टी के एक करोड़ कार्यकर्ता पांच-पांच गरीब लोगों को लॉकडाउन तक भोजन कराएंगे. इस मिशन का आगाज बीजेपी आज यानी 26 मार्च से कर रही है.
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन जारी रहेगा. ऐसे में गरीबों को बीजेपी ने भोजन कराने का प्लान बनाया है, जिसकी शुरूआत आज से हो रही है. बीजेपी ने एक करोड़ ऐसे कार्यकर्ताओं की पहचान की है, जो लॉकडाउन की इस विषम परिस्थिति में गरीबों के भोजन का पूरा ध्यान रखेंगे. इसमें प्रत्येक कार्यकर्ता पांच गरीबों को हर रोज भोजन कराएंगे और उन्हें किसी तरह की कोई दुख तकलीफ न होने पाए इसका भी ख्याल रखेंगे.
लॉकडाउन तक बीजेपी हर रोज 5 करोड़ गरीब लोगों को खाना खिलाएगी. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों से इस पर बात की है. उन्होंने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता 5 गरीब लोगों को लॉकडाउन के दौरान खाना खिलाएगा. नड्डा ने सभी कार्यकर्ताओं को यह भी संदेश दिया है कि देश में 14 अप्रैल तक जारी लॉकडाउन की अवधि में कोई भी गरीब और मजदूर भूखा न सोए. उन्हेंने कार्यकर्ताओं से कहा किइस पूरे क्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें और जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर काम करें.
दरअसल लॉकडाउन के चलते सबसे बड़ी दिकक्तों का सामना गरीब तबके के लोगों को खासतौर पर करना पड़ रहा है. कोरोना के कहर के चलते एक ओर जहां उनके लिए रोजगार का संकट है तो वहीं खाने-पीने की भी दिक्कत हो रही है. लॉकडाउन में भले ही गल्ला-राशन, सब्जी, दवाओं और फल की दुकानें खुली हों, लेकिन खाने पीने की होटलों के बंद होने से मजदूर और गरीब कों भूखा रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
लॉकडाउन के दौरान आपात सेवाओं को छोड़कर सभी दफ्तर, दुकानें और उद्योग धंधे बंद रहेंगे. ऐसे में दैनिक मजदूरी करके रोजी-रोटी कमाने वालों को खाने के लाले न पड़े. हर रोज खबर आ रही है कि कोई दो दिन से भूखा है तो कोई चार दिन से खाना नहीं खाया. ऐसे में सरकार के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने भी इसका ख्याल रखने का प्रण लिया है.