वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) दिल्ली में बैठक जारी। शुक्रवार सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने के बाद हंगामा होने लगा। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है।
समिति आज कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुन रही है। मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों में बहस हो गई। बहस और हंगामे के चलते बैठक कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी।
विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि BJP दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है।
इसके बाद TMC सांसद कल्याण बनर्जी और कांग्रेस सदस्य नसीर हुसैन उठकर बाहर चले गए। समिति ने 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है।
TMC सांसद बोले- बैठक का समय बदला जाए
लखनऊ में हुई बैठक करने के बाद अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि 24 जनवरी को JPC की आखिरी बैठक होगी। इसके बाद वे 31 जनवरी को होने वाले बजट सत्र के दौरान संसद में रिपोर्ट पेश होगी। पाल ने कहा- पिछले 6 महीने में हमने अकेले दिल्ली में 34 बैठकें की हैं। JPC सभी चर्चाएं अच्छे माहौल में हुई हैं। मुझे उम्मीद है हमारी रिपोर्ट से लोगों को फायदा होगा।
विपक्ष ने बैठक स्थगित करने की मांग की
विपक्ष की ओर से लोकसभा में DMK के मुख्य सचेतक ए राजा ने 24 और 25 जनवरी की बैठक स्थगित करने की मांग की है। जगदंबिका पाल को लिखे लेटर में राजा ने कहा- “यह कहने की जरूरत नहीं है कि पटना, कोलकाता और लखनऊ में जेपीसी के दौरे 21 जनवरी को ही पूरे हो गए थे। अजीब बात यह है कि तारीखों की घोषणा बिना जेपीसी की अगली बैठक जल्दबाजी में की गई, जबकि जेपीसी पहले से ही दौरे पर थी।”
शीतकालीन सत्र में बढ़ा था कार्यकाल
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जॉइंटर पार्लियामेंट्री कमेटी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। वक्फ संपत्तियों को रेगुलराइज करने के लिए बने वक्फ एक्ट 1995 की मिसमैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।
22 अगस्त को हुई थी पहली बैठक
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था।
वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। अकेले दिल में 34 बैठकें हो चुकी हैं। बिल में 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होनी थी।