स्कूल-कॉलेजों पर अनलॉक-4 में बड़ा फैसला:स्कूल-कॉलेज अभी पूरी तरह नहीं खुलेंगे, लेकिन 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं के बच्चे टीचर्स से गाइडेंस लेने जा सकेंगे; पैरेंट्स की लिखित मंजूरी जरूरी
अनलॉक-4 में ऑनलाइन और डिस्टेंस एजुकेशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है ऑनलाइन कोचिंग और टेली काउंसलिंग जैसे कामों के लिए 50% स्टाफ स्कूलों में बुलाया जा सकेगा
केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 के लिए शनिवार शाम गाइडलाइन जारी कर दी। स्कूल-कॉलेज और कोचिंग सेंटर्स को लेकर बड़ा फैसला किया। इसके मुताबिक, स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान 30 सितंबर तक बंद रहेंगे। 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं के बच्चे टीचर्स से गाइडेंस लेने स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए पैरेंट्स की लिखित मंजूरी जरूरी होगी।
गाइडलाइन में बताया गया कि मौजूदा समय में ऑनलाइन और डिस्टेंस एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा।
क्या है नई गाइडलाइन में?
- ऑनलाइन कोचिंग और टेली काउंसलिंग जैसे कामों के लिए 50% टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ स्कूलों में बुलाया जा सकेगा। राज्य सरकारें इसकी इजाजत दे सकती हैं।
- 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं के बच्चे टीचर्स से गाइडेंस लेने के लिए अपनी इच्छा से स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने पैरेंट्स या गार्जियन से लिखित में मंजूरी लेनी होगी।
- नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (ITI) और शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग सेंर्ट्स में ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
- नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप में भी ट्रेनिंग शुरू की जा सकेगी।
- सिर्फ पीएचडी कर रहे रिसर्च स्कॉलर्स के लिए हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स खुलेंगे।
- टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्सेस के जिन पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए लैबोरेटरी का इस्तेमाल या एक्सपेरिमेंट वर्क जरूरी है, वे कॉलेज जा सकेंगे। राज्यों से बातचीत के बाद हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट इन्हें खोलने की इजाजत देगा।
केंद्र ने जुलाई में एक सर्वे कराया था
केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने जुलाई में पैरेंट्स के बीच एक सर्वे कराया था। ज्यादातर पैरेंट्स का कहना है कि वे फिलहाल बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन कुछ राज्यों का कहना था कि कमजोर तबके के छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। न तो उनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लैपटॉप हैं और न ही इंटरनेट नेटवर्क।
किसने क्या कहा था?
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राज्य में स्कूल खोलने की कोई जल्दी नहीं है। जब तक कोरोनावायरस पर प्रभावी तरीके से काबू नहीं पाया जाता, तब तक स्कूल बंद रहेंगे।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि स्थिति में सुधार आया तो सितंबर में स्कूल शुरू होंगे।
7 सितंबर से मेट्रो रेल सर्विसेस शुरू होंगी; 21 सितंबर से 100 लोगों की लिमिट के साथ राजनीतिक, धार्मिक कार्यक्रम हो सकेंगे; स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे
अगर आपको सितंबर से शुरू होने जा रहे अनलॉक-4 का इंतजार था, तो इसकी गाइडलाइंस जारी हो गई हैं। 5 महीने के बाद 3 बड़ी रियायतें दी जा रही हैं। पहली बड़ी छूट यह कि 7 सितंबर से मेट्रो सर्विसेस शुरू करने की इजाजत दे दी गई है। इसके बारे में गाइडलाइंस अलग से जारी होंगी।
दूसरी बड़ी बात यह कि हर तरह के गेदरिंग 21 सितंबर से शुरू हो सकेंगे, लेकिन 100 लोगों की लिमिट के साथ। और तीसरी बात यह कि स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे, लेकिन 9वीं से 12वीं के बच्चे टीचर्स से गाइडेंस लेने के लिए अपनी इच्छा से स्कूल जा सकेंगे। गाइडलाइंस के बारे में अब सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं…
1. मेट्रो सर्विसेस: 5 महीने बाद शुरुआत
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहर चाहते थे कि मेट्रो सर्विसेस की शुरुआत हो। अनलॉक-4 के तहत राज्य सरकारें 7 सितंबर से इनकी शुरुआत कर सकेंगी। इसमें सफर कैसा होगा और किन बाताें का ध्यान रखना होगा, इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय अलग से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) जारी करेगा।
2. सौ लोगों की लिमिट के साथ हर तरह के जमावड़ों को इजाजत
22 मार्च को जब जनता कर्फ्यू लगा था, उसके पहले से ही देशभर में राज्य सरकारों ने धार्मिक, सांस्कृतिक, अकादमिक, खेल, मनोरंजन और राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगा दी थी। अब इन्हें 21 सितंबर से दोबारा शुरू करने की इजाजत दी गई है। इनके लिए ओपन एयर थिएटर्स भी 21 सितंबर से खोल दिए जाएंगे, लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों के लिए कुछ शर्तें हैंः
- ऐसे जमावड़ों में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे।
- जमावड़ों में शामिल होने वालों के लिए मास्क जरूरी होगा।
- जहां इस तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं, वहां सोशल डिस्टेंसिंग के उपाय करने जरूरी हैं।
- जहां जमावड़े होंगे, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजर या हैंड वॉश की सुविधा देना जरूरी है।
3. लगभग हर घर का सवाल- स्कूल-कॉलेज खुलेंगे या नहीं?
इसका जवाब है नहीं। गाइडलाइंस में कहा गया है कि स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल और कोचिंग इंस्टिट्यूट्स 30 सितंबर तक बंद ही रहेंगे। हालांकि, 21 सितंबर से इसमें कुछ मामलों में छूट दी जा रही है…
- ऑनलाइन कोचिंग और टेली काउंसलिंग जैसे कामों के लिए 50% टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ स्कूलों में बुलाया जा सकेगा। राज्य सरकारें इसकी इजाजत दे सकती हैं।
- 9वीं से 12वीं के बच्चे टीचर्स से गाइडेंस लेने के लिए अपनी इच्छा से स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने पैरेंट्स या गार्जियन से लिखित में मंजूरी लेनी होगी।
- नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (ITI) और शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग सेंर्ट्स में ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
- नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप में भी ट्रेनिंग शुरू की सकेगी।
- सिर्फ पीएचडी कर रहे रिसर्च स्कॉलर्स के लिए हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स खुलेंगे।- टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्सेस के जिन पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए लैबोरेटरी का इस्तेमाल या एक्सपेरिमेंट वर्क जरूरी है, वे कॉलेज जा सकेंगे। राज्यों से बातचीत के बाद हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट इन्हें खोलने की इजाजत देगा।
4. क्या अब बार-बार लॉकडाउन नहीं लगेगा?
केंद्र सरकार की गाइडलाइंस से तो ऐसा ही इशारा मिल रहा है। इसमें कहा गया है- राज्य सरकारें अब राज्य, जिला, सब डिविजन, शहर या गांव के स्तर पर कंटेनमेंट जोन के बाहर केंद्र सरकार से सलाह किए बिना लॉकडाउन नहीं लगा सकेंगी।
5. देश में अभी क्या बंद रहने वाला है?
- रेगुलर पैसेंजर ट्रेन सर्विसेस बंद रहेंगी। अभी सिर्फ चुनिंदा ट्रेनें चल रही हैं।
- इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद रहेंगी। अभी सिर्फ वंदे भारत मिशन के तहत उड़ानें चल रही हैं।
- मल्टीप्लेक्सेस बंद रहेंगे।
- सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, एंटरनेटमेंट पार्क, क्लोज्ड थिएटर बंद ही रहेंगे।
6. वो बातें जो हर बार बताई जाती हैं…
- कंटेनमेंट जोन में 30 सितंबर तक लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
- इंटर और इंट्रा स्टेट मूवमेंट पर कोई रोक नहीं होगी। किसी को भी देश में कहीं भी जाने के लिए अलग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
- सभी को सोशल डिस्टेंसिंग रखना होगी। दुकानों पर ग्राहकों के बीच भी सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी है।
- 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, 10 साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अन्य घातक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को जब तक जरूरी न हो, बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।
- आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा देते रहें।