संकट में उद्धव सरकार LIVE:गुजरात से 30 विधायक एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाए जा सकते हैं, उद्धव ने शिंदे से मिलने 2 नेता भेजे

बगावती कदम के बाद शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। पार्टी के इस एक्शन के बाद शिंदे ने बयान दिया, जो उनके बागी तेवरों के एकदम उलट था। उन्होंने ट्वीट किया- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे।

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मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार खतरे में है। उनके दिग्गज मंत्री एकनाथ शिंदे अपने यानी, शिवसेना के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत जा बसे। इस टोली में शिंदे के अलावा 3 मंत्री और हैं। यानी कुल 30 विधायक।

सूत्रों का दावा है कि एकनाथ शिंदे ने राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ भाजपा के साथ गठबंधन की शर्त रखी है। यह भी कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे खुद मुख्यमंत्री पद पर बैठना चाहते हैं। शिंदे ने 3 विधायकों संजय राठोड, संजय बांगर और दादा भुसे कुल को मातोश्री भी भेजा है। इस मुलाकात में क्या हुआ, ये अभी सामने नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ने भी एकनाथ शिंदे से बातचीत के लिए शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर को भेजा है। उनके साथ पूर्व विधायक रवि फाटक होटल कैंपस में मौजूद हैं।

इधर, सूरत में मौजूद विधायकों को लेकर दो संभावनाएं जताई जा रही हैं। पहली- इन्हें एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जा सकता है और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के पास ले जाया जा सकता है। दूसरी- इन्हें अहमदाबाद के किसी रिसॉर्ट में ले जाया जा सकता है।

 

शिंदे का पहला बयान- पक्के शिवसैनिक हैं, धोखा नहीं देंगे
बगावती कदम के बाद शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। पार्टी के इस एक्शन के बाद शिंदे ने बयान दिया, जो उनके बागी तेवरों के एकदम उलट था। उन्होंने ट्वीट किया- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे।

सबसे जरूरी 3 अपडेट्स…

1. शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाया, अजय चौधरी को कमान सौंपी।

2. शिवसेना थोड़ी देर में सेनाभवन के सामने शक्ति प्रदर्शन करेगी। सभी विधायकों को बुलाया।

3. भाजपा ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने सरकार को लेकर कोई प्रपोजल नहीं भेजा है और न ही हमने ऐसा कोई प्रस्ताव उन्हें भेजा है।

अजित पवार और उद्धव 6 बजे मीटिंग करेंगे
इधर, शिवसेना ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की है। साथ ही कहा कि हमारे 56 विधायक हैं। 18 मुंबई में हुई बैठक में शामिल हुए। अन्य रास्ते में हैं और जल्द मुंबई पहुंच रहे हैं। 11 विधायकों का फोन नॉट रिचेबल है। शाम 6 बजे अजित पवार और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक होने वाली है।

शरद पवार बोले- यह शिवसेना का अंदरूनी मामला
इन सभी हलचलों के बीच शरद पवार मीडिया के सामने आए। करीब 11 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनसे सवाल हुआ कि शिंदे क्या खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो बोले कि उन्होंने ऐसी इच्छा हमसे जाहिर नहीं की। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिश पहले भी हुई है पर चिंता की बात नहीं… उद्धव सरकार चलती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार का मसला नहीं है, यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है।

संजय राउत बोले- ऑपरेशन लोटस सफल नहीं होगा
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सूरत में 30 विधायक नहीं हैं, शिंदे के साथ कुल 16 या 17 विधायक ही हैं। देर रात एक विधायक होटल से निकला चाहते थे। कुछ और विधायक भी लौटना चाहते हैं लेकिन गुजरात पुलिस ने विधायकों को बंधक बना रखा है। भाजपा के लोग ऑपरेशन लोटस चला रहे हैं। पर ये सफल नहीं होगा।

सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं सभी विधायक
सभी विधायक सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं। विधायकों को सूरत लाने में भाजपा के दो बड़े दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। सभी विधायक सोमवार शाम से ही संपर्क से बाहर हैं।

शिवसेना के कौन-कौन से विधायक के जाने की खबर
सूत्रों के अनुसार शिंदे समेत शिवसेना के 15 विधायक सूरत के होटल में रुके हैं। इनमें शहाजी बापू पाटील, महेश शिंदे, भरत गोगावले, महेंद्र दळवी, महेश थोरवे, विश्वनाथ भोईर, संजय राठोड, संदीपान भुमरे, उदयसिंह राजपूत, संजय शिरसाठ, रमेश बोरणारे, प्रदीप जैसवाल, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत शामिल हैं।

अगर विधायक बागी हुए, तो गिर जाएगी महाराष्ट्र सरकार?
महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे, जबकि उससे पहले ये संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हुए हैं।

परिषद चुनाव से पहले और बाद में तुलना करके देखा जाए तो कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। दूसरी तरफ अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार टिकने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है।

फिर भी, शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चैलेंज होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक है।

संजय राउत ने कहा- महाराष्ट्र में कोई भूकंप नहीं आएगा
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोई भूकंप नहीं आएगा। कुछ विधायकों को गुमराह किया गया है, जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि सूरत में जो विधायक हैं, उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है। राउत ने कहा कि सबकी घेराबंदी कर दी गई है। सभी विधायक आना चाहते हैं और वे हर संघर्ष में शिवसेना के साथ रहे हैं।

फडणवीस दिल्ली पहुंचे, भाजपा अध्यक्ष बोले- राउत बगावत की वजह
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंच गए हैं। वहीं भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा- बगावत के पीछे सबसे बड़ी वजह संजय राउत हैं। उनके बयान से पार्टी के कई नेता असहज हैं। हम सरकार बनाने के बारे में अभी नहीं सोच रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने ट्वीट कर लिखा- एकनाथ शिंदे ने सही समय पर सही फैसला लिया है।

राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद से चल रहे नाराज
एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के दिग्गज नेताओं में होती है। जब 2019 में चुनाव का रिजल्ट आया था, तो शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया था। शिंदे ठाणे इलाके के बड़े नेता माने जाते हैं और बाला साहब ठाकरे के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। पिछले महीने महाराष्ट्र में राज्यसभा और सोमवार को विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना में शिंदे की बात नहीं सुनी गई, जिसके बाद से ही वे नाराज चल रहे थे।

राज्य में 10 विधान परिषद सीटों के लिए सोमवार को रिजल्ट जारी हुआ था, जिसमें 5 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं 2-2 सीट पर शिवसेना-एनसीपी और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। चुनाव में महाविकास अघाड़ी के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद से ही सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई थी।

नवंबर 2019 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद काफी सियासी ड्रामा हुआ था। इसके बाद नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिला था। 2003 में उद्धव ठाकरे पहली बार शिवसेना में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। बाला ठाकरे के निधन के बाद उन्होंने 2013 में शिवसेना की कमान संभाली थी।

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