59 ऐप्स पर बैन के बाद चीन की प्रतिक्रिया / भारत ने चुनकर चीनी ऐप्स को संदेह के आधार पर हटाया, हम उससे अपना भेदभाव भरा रवैया बदलने को कहेंगे: चीन

टिक टॉक इंडिया के सीईओ निखिल गांधी ने बताया कि हमने यूजर्स की प्राइवेसी का ध्यान रखा है तमिलनाडु के विरुदुनगर से सांसद मनिकम ने पेटीएम को भी बैन करने की मांग की

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नई दिल्ली. सरकार ने टिक टॉक समेत चीन के 59 ऐप पर बैन लगा दिया है। भारत के इस फैसले के बाद मंगलवार को चीनी दूतावास ने कहा कि हम भारत से अपील करेंगे कि वह अपना भेदभाव भरा व्यवहार बदले। वह चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग की रफ्तार को बनाए रखे।

भारत में चीनी के दूतावास के प्रवक्ता जी रोन्ग ने कहा कि भारत सरकार के इस एक्शन का चीन मजबूती से विरोध करेगा। रोन्ग ने कहा कि भारत ने चुन-चुनकर चीनी ऐप्स को संदेह के आधार पर हटाया है। यह कदम साफ और निष्पक्ष प्रक्रिया के खिलाफ है। भारत का यह कदम अंतराष्ट्रीय व्यापार ट्रेंड और ई-कॉमर्स नियमों के भी खिलाफ है।

टिक टॉक इंडिया ने कहा- हमने सभी नियमों का पालन किया

टिक टॉक इंडिया ने कहा कि हम भारतीय कानून का पालन कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एपल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से टिक टॉक ऐप को हटा दिया गया है। टिक टॉक इंडिया के सीईओ निखिल गांधी ने बताया कि हम भारतीय कानून के तहत डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। हमने चीन समेत किसी भी विदेशी सरकार के साथ भारतीय यूजर्स की जानकारी शेयर नहीं की है। अगर भविष्य में भी हमसे अनुरोध किया जाता है तो हम ऐसा नहीं करेंगे। हम यूजर की निजता की अहमियत समझते हैं।

गांधी ने कहा- टिक टॉक 14 भाषाओं में है

निखिल गांधी ने बताया कि सरकार ने हमें जवाब देने और अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया गया था। टिकटॉक 14 भाषाओं में उपलब्ध है। इससे लाखों ऑर्टिस्ट, कहानीकार, शिक्षक और परफॉर्मर्स जुड़े हैं। यह उनके जीने का जरिया बना। इनमें से कई ने पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया।

कांग्रेस सांसद ने पेटीएम को भी बैन करने की मांग की
तमिलनाडु के विरुदुनगर से सांसद मनिकम टैगोर ने मोबाइल पेमेंट ऐप पेटीएम को भी बैन करने की मांग की। ट्वीट किया, ‘चीनी ऐप्स को बैन करने सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेटीएम को बैन कर बताना चाहिए कि उनका सीना 56 इंच का है। पेटीएम में भी चीन ने भारी निवेश किया है।’ मनिकम ने ट्वीट में पेटीएम का डिटेल भी दिया है।

चीन में भारतीय न्यूज चैनल और वेबसाइट्स बैन
चीन ने भी भारतीय समाचार चैनलों और मीडिया समूहों से जुड़ी सभी वेबसाइट्स बैन कर दी हैं। चीन में इन वेबसाइट्स को देखने के लिए या भारतीय लाइव टीवी देखने के लिए अब वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के जरिए ही एक्सेस किया जा सकता है। हालांकि, बीते 2 दिनों से डेस्कटॉप और आईफोन पर वीपीएन भी ब्लॉक है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग सरकार के आदेश पर ही भारतीय न्यूज वेबसाइट्स पर पाबंदी लगाई गई है।

इन ऐप्स पर बैन लगाया गया

  • TikTok, Shareit, Kwai, UC Browser, Baidu map, Shein, Clash of Kings, DU battery saver, Helo, Likee, YouCam makeup,Mi Community, CM Browers, Virus Cleaner, APUS Browser, ROMWE,Club Factory, Newsdog, Beutry Plus, WeChat, UC News, QQ Mail, Weibo, Xender, QQ Music, QQ Newsfeed, Bigo Live, SelfieCity, Mail Master, Parallel Space, Mi Video Call – , Xiaomi, WeSync, ES File Explorer,
  • Viva Video – QU Video Inc, Meitu, Vigo Video, New Video Status, DU Recorder, Vault- Hide, Cache Cleaner DU App studio, DU Cleaner, DU Browser, Hago Play With New Friends, Cam Scanner, Clean Master – Cheetah Mobile, Wonder Camera, Photo Wonder, QQ Player, We Meet, Sweet Selfie, Baidu Translate, Vmate, QQ International, QQ Security Center, QQ Launcher, U Video, V fly Status Video, Mobile Legends, DU Privacy
चीन के 59 ऐप्स पर बैन / इस बार सिर्फ प्ले स्टोर नहीं, ISP लेवल पर भी ब्लॉक हुए चीनी ऐप्स; ऑफलाइन इस्तेमाल भी नहीं हो सकेगा

भारत सरकार ने सोमवार को जिन 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाया है, उन्हें गूगल प्ले स्टोर और एपल के ऐप स्टोर से हटा दिया गया है। रिपोर्ट्स और यूजर्स बता रहे हैं कि अब इन चाइनीज ऐप्स को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) लेवल पर भी बैन कर दिया गया है।

अमूमन सरकार जब ऐसा कदम उठाती है तो गूगल और एपल के एप स्टोर पर ऐप्स ब्लॉक कर दिए जाते हैं ताकि नए यूजर डॉउनलोड न कर सकें। लेकिन, चीनी ऐप्स के मामले में नेक्स्ट लेवल पर जाते हुए इंटरनेट सर्विस देने वाली तमाम कंपनियों ने इन्हें अपने सर्वर लेवल पर ही ब्लाक कर दिया है। ऐसे में अब कोई यूजर पबजी और ब्लूव्हेल गेम की तरह इन्हें आफलाइन मोड में भी नहीं चला पाएगा।

ISP लेवल पर किस तरह बैन की गईं ऐप्स
ऐप्स बैन करने के सरकार के नोटिफिकेशन के बाद ISP लेवल पर कंपनियों ने ऐप्स को ब्लाक किया। इसके बंद कंपनियों ने यूजर को एक नोटिफिकेशन भेजा। इसमें कहा गया है कि ऐप्स को ब्लाक करने के सरकार के फैसले को लागू करने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि भारत के यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्युरिटी बनी रहे।

यूजर को चेतावनी भरा संदेश मिलेगा
इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनियों के इस कदम के बाद अब बैन की गई ऐप्स का किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। वो ऐप्स भी नहीं चलाए जा सकेंगे, जिनके लिए एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होती थी। ये ऐप्स अपडेट्स भी नहीं हो सकेंगे। यूजर के मोबाइल में ऐप भले ही रहे, लेकिन उसे किसी भी तरह से इंटरनेट एक्टिवेशन नहीं मिल पाएगा। यूजर उसे इस्तेमाल करेगा तो सर्विस प्रोवाइडर की ओर से एक चेतावनी भर संदेश मिलेगा।

सरकार के गूगल और एपल को निर्देश
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार के मंत्रियों की सोमवार को एक बैठक हुई। इस बैठक में केंद्र ने गूगल और एपल को प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से बैन किए गए ऐप्स हटाने को कहा। इसके बाद ना तो इन ऐप्स को डाउनलोड किया जा सकेगा और ना ही अपडेट किया जा सकेगा।

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