यहां समझें देश में कैसे होगा वैक्सीनेशन : वैक्सीन लगवानी है या नहीं, सरकार ने ये फैसला लोगों की मर्जी पर छोड़ा
सरकार ने प्रायोरिटी ग्रुप तय कर दिए हैं। पहले ग्रुप में हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स रहेंगे। दूसरे ग्रुप में वे लोग शामिल होंगे, जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है या जिनकी उम्र 50 से कम है, लेकिन उन्हें गंभीर बीमारियां हैं। आपको कोरोना पहले हुआ हो या नहीं हुआ हो, आपको वैक्सीनेशन की सलाह दी जाती है ताकि वायरस के खिलाफ आपका इम्यून सिस्टम मजबूत हो सके।
1. क्या कोरोना वैक्सीनेशन सभी के लिए जरूरी होगा?
नहीं। यह वाॅलेंटरी बेसिस पर होगा। हालांकि, यह सलाह है कि कोराेना से बचाव के लिए वैक्सीन का पूरा शेड्यूल अपनाएं ताकि आप अपने परिवार के लोगों, दोस्तों, रिश्तेदारों और को-वर्कर्स तक इस बीमारी को पहुंचने से रोक सकें।
2. पहले किन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी?
सरकार ने प्रायोरिटी ग्रुप तय कर दिए हैं। पहले ग्रुप में हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स रहेंगे। दूसरे ग्रुप में वे लोग शामिल होंगे, जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है या जिनकी उम्र 50 से कम है, लेकिन उन्हें गंभीर बीमारियां हैं।
- 50+ का ग्रुप इसलिए चुना गया है, क्योंकि इस एज ग्रुप को वैक्सीन लगाने से ऐसे 78% लोग कवर हो जाएंगे, जिन्हें कोई न कोई गंभीर बीमारी भी है।
- 50+ ग्रुप को दो सब-ग्रुप में बांटा जाएगा। पहला सब ग्रुप 60+ उम्र के लोगों का होगा। इन्हें पहले वैक्सीन दी जाएगी। दूसरा सब ग्रुप 50 से 60 साल के उम्र के लोगों का होगा। इन्हें बाद में वैक्सीन लगाई जाएगी।
- अगर वैक्सीन की अवेलेबिलिटी अच्छी रही तो दोनों ही सब ग्रुप्स को एकसाथ वैक्सीन दी जा सकती है।
3. जिसे कोरोना है, क्या ऐसे व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जाएगी?
संक्रमित लोग वैक्सीनेशन की जगह पर दूसरे लोगों में वायरस फैला सकते हैं। इसके लिए संक्रमित लोगों को सिम्प्टम खत्म हो जाने के बाद 14 दिन तक अपना वैक्सीनेशन टालना होगा।
4. जो कोरोना से रिकवर हो चुके हैं, क्या उनके लिए वैक्सीन लगाना जरूरी है?
हां। आपको कोरोना पहले हुआ हो या नहीं हुआ हो, आपको वैक्सीनेशन की सलाह दी जाती है ताकि वायरस के खिलाफ आपका इम्यून सिस्टम मजबूत हो सके।
5. सबसे बड़ा सवाल- वैक्सीनेशन होगा कैसे?
- वैक्सीन की अवेलेबिलिटी के हिसाब से पहले प्रायोरिटी ग्रुप्स का वैक्सीनेशन होगा।
- जो इन ग्रुप्स के तहत एलिजिबल होंगे, उन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए टाइम और हेल्थ फैसिलिटी के बारे में SMS के जरिए बताया जाएगा, जहां जाकर वे वैक्सीनेशन करा सकते हैं।
- वैक्सीनेशन सेंटर पर मास्क लगाकर जाना होगा। हाथ सैनेटाइज रखने होंगे। दो गज की दूरी रखनी हाेगी।
- वैक्सीन का डोज लगने के बाद आपको SMS मिलेगा।
- वैक्सीन लगने के बाद सेंटर पर कम से कम आधा घंटा रुकना होगा। अगर तबीयत ठीक न लगे तो वहां के स्टाफ को बताना होगा।
- वैक्सीन के सभी डोज लगने के बाद QR कोड बेस्ड सर्टिफिकेशन भी आपके मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।
6. वैक्सीन के कितने डोज होंगे?
दो डोज होंगे। यह 28 दिन के गैप में लगेंगे। इसी के बाद आपका वैक्सीनेशन शेड्यूल पूरा होगा।
7. अगर किसी ने हेल्थ डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो क्या उसे वैक्सीन लगेगी?
नहीं। रजिस्ट्रेशन जरूरी है। रजिस्ट्रेशन के बाद ही व्यक्ति को बताया जाएगा कि उसे कहां, किस वक्त पर वैक्सीन लगवाने पहुंचना है।
8. जो वैक्सीन के लिए एलिजिबल होंगे, उनके लिए कौन-से डॉक्यूमेंट जरूरी होंगे?
इनमें से कोई भी फोटो ID रजिस्ट्रेशन के लिए पेश किया जा सकता है-
- ड्राइविंग लाइसेंस
- लेबर मिनिस्ट्री की तरफ से जारी हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों को मिले ऑफिशियल आईडी कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक या पोस्ट ऑफिस की तरफ से जारी पासबुक
- पासपोर्ट
- पेंशन डॉक्यूमेंट
- केंद्र सरकार, राज्य सरकार और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के कर्मचारियों को जारी सर्विस आईडी कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
9. क्या रजिस्ट्रेशन के वक्त भी फोटो आईडी जरूरी होगा?
रजिस्ट्रेशन के वक्त फोटो आईडी जरूरी होगा। इसे वैक्सीनेशन के वक्त वेरिफाई किया जाएगा।
10. अगर वैक्सीनेशन की जगह पर कोई फोटो आईडी न पेश कर पाए तो क्या होगा?
रजिस्ट्रेशन और वैक्सीन के वक्त वेरिफिकेशन के लिए फोटो आईडी जरूरी है।
11. अगर कोई कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों के लिए दवाई ले रहा है तो क्या उसे वैक्सीन लगाई जाएगी?
हां। इस तरह की बीमारी वाले मरीज हाई रिस्क कैटेगरी में आएंगे। उनके लिए वैक्सीनेशन जरूरी है।
12. एंटीबॉडी कब डेवलप होगी?
कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के दो हफ्ते बाद एंटीबॉडी डेवलप होगी।
13. क्या वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स होंगे? क्या एहतियात जरूरी होंगे?
जब सेफ्टी साबित होगी, तभी कोरोना वैक्सीन लाई जाएगी। बाकी वैक्सीन्स को देखें तो हल्का बुखार और दर्द जैसे कुछ लक्षण नजर आते हैं। राज्य सरकारों से वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स से निपटने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। वैक्सीन लगाने के बाद भी आपको मास्क लगाना होगा। हाथ सैनिटाइज रखे होंगे और दो गज की दूसरी रखनी होगी।
14. अलग-अलग वैक्सीन्स आने के बाद किसे चुना जाएगा?
क्लिनिकल ट्रायल के डेटा के आधार पर सेफ्टी को देखते हुए वैक्सीन चुनी जाएगी और उसे लाइसेंस मिलेगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि एक ही वैक्सीन का पूरा शेड्यूल अपनाया जाए। वैक्सीन के डोज बदले नहीं जा सकते।
15. क्या भारत के पास 2 से 8 डिग्री तापमान में वैक्सीन स्टोर करने की कैपेसिटी है?
भारत दुनिया का सबसे बड़ा इम्युनाइजेशन प्रोग्राम चलाता है। इसमें 2.6 करोड़ नवजात और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाएं शामिल रहती हैं। इस प्रोग्राम को और मजबूत किया जा रहा है।