हैदराबाद नगर निगम में 2016 में तीन सीटे लेने वाली भाजपा 150 सीटों के रुझानों में 85 सीटों पर बढ़त के साथ आगे
GHMC देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकाजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं. पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं। यही वजह है कि GHMC चुनाव में KCR से लेकर भाजपा, कांग्रेस और ओवैसी तक की साख दांव पर लगी है।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनाव की मतगणना जारी है। अब तक के शुरुआती रुझानों में भाजपा 85 और सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्रवादी समिति (TRS) 29 सीटों पर आगे है। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) 17 और कांग्रेस 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। 1 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। GHMC की 150 वार्डों पर 1,122 प्रत्याशी मैदान में हैं। नगर निगम चुनाव इस बार बेहद खास माने जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
2016 में भाजपा को मिली 3 सीटें
2016 में हुए GHMC चुनाव में 150 वार्डों में से 99 वार्ड में TRS ने जीत हासिल की थी, जबकि AIMIM को 44 वार्ड में जीत मिली थी। भाजपा महज 3 और कांग्रेस को 2 वार्डों में ही जीत दर्ज कर पाई थी। ग्रेटर हैदराबाद और पुराने हैदराबाद के निगम पर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) और ओवैसी ने कब्जा जमाया था।
भाजपा की तरफ से शाह ने मोर्चा संभाला था
गृह मंत्री अमित शाह 29 नवंबर को हैदराबाद पहुंचे थे। वे मंदिर गए और सिकंदराबाद में रोड शो किया था। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर TRS सरकार पर तीखा हमला बोला। कहा- चंद्रशेखर राव (KCR) जी से पूछना चाहता हूं कि आप ओवैसी की पार्टी से समझौता करते हैं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। लोकतंत्र में किसी भी पार्टी से समझौता या गठबंधन किया जा सकता है। दिक्कत है कि आपने एक कमरे में ईलू-ईलू करके सीटें बांट लीं।
ओवैसी की तरफ से अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों के शहर में होने के सवाल पर शाह ने कहा- जब मैं एक्शन लेता हूं, तो वे संसद में बवाल करते हैं। उनसे कहिए कि मुझे लिखकर दें कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को निकाला जाना है।
इस बार भी 50% वोटिंग नहीं हई
इस बार GHMC चुनाव में 46.55% वोटिंग हुई। 2009 के 42.04% तो 2016 के चुनाव में 45.29% लोगों ने ही वोट डाला। हालांकि पिछले 2 चुनाव से ज्यादा इस बार मतदान हुआ।
GHMC में 24 विधानसभा, 5 लोकसभा सीटें
GHMC देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकाजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं. पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं। यही वजह है कि GHMC चुनाव में KCR से लेकर भाजपा, कांग्रेस और ओवैसी तक की साख दांव पर लगी है।
- हैदराबाद नगर निकाय चुनाव (GHMC Result 2020) की मतगणना शुक्रवार को हुई. जिसके लिये व्यापक इंतजाम किये गए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था. हालांकि एक दिसंबर को हुए चुनाव में 74.67 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से केवल 34.50 लाख (46.55 प्रतिशत) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
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अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई, जिसके लिये व्यापक इंतजाम किए गए हैं. 30 स्थानों पर मतगणना केन्द्र बनाए गए हैं. 8,152 कर्मियों को मतगणना कार्य में तैनात किया गया है.
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मतगणना की पूरी प्रक्रिया को प्रत्येक मतगणना केन्द्र में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में कैद किया जा रहा है. चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल किया गया था, लिहाजा नतीजों के बारे में शाम या रात तक तस्वीर साफ हो पाएगी.
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जीएचएमसी के 150 वार्डों में से 149 के लिए एक दिसम्बर को मतदान हुआ था और एक वार्ड में बृहस्पतिवार को दोबारा मतदान कराया गया.
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एक दिसंबर को मतदान के दौरान मत पत्र में त्रुटि पाए जाने के बाद ओल्ड मालकपेट वार्ड में दोबारा मतदान कराया गया.
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एसईसी ने कोविड-19 के मद्देनजर प्रमुख राजनीतिक दलों और स्वास्थ्य विभाग के साथ परामर्श करने के बाद मतपत्र से चुनाव कराने का निर्णय किया था.
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आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार आरसी पुरम में सर्वाधिक 67.71 प्रतिशत मतदान हुआ तथा यूसुफगुडा में सबसे कम 32.99 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबले वाले इस चुनाव में 1,122 उम्मीदवार मैदान में थे.
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केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता जी किशन रेड्डी ने कम मतदान प्रतिशत के लिए टीआरएस की निन्दा करते हुए मंगलवार को कहा था कि उसका सिर शर्म से झुक जाना चाहिए. निकाय चुनाव में धुआंधार प्रचार हुआ और भाजपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी और भाजयुमो अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या जैसे अपने नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए भेजकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
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टीआरएस के प्रचार अभियान की कमान पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं नगर प्रशासन मंत्री केटी रामा राव के हाथों में रही. पार्टी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी एक जनसभा को संबोधित किया. असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ने एआईएमआईएम के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया.
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तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद उत्तम कुमार रेड्डी तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया.