बड़ी कामयाबी:विदेश भागने की फिराक में थे मोगा डीसी ऑफिस पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले आरोपी, 16 दिन बाद दिल्ली से काबू

14 अगस्त की सुबह पौने 8 बजे डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में घुसकर चौथी मंजिल पर राष्ट्रध्वज को उतारकर फहराया था खालिस्तानी झंडा मुक्तसर पुलिस सब इंस्पेक्टर के बेटे समेत 3 के खिलाफ किया गया था केस दर्ज, वीडियो बनाने का आरोपी पहले ही किया जा चुका गिरफ्तार

मोगा .डिप्टी कमिश्नर ऑफिस पर राष्ट्रध्वज का अपमान कर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए। पिछले 16 दिन से ये दोनों पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे थे। हालांकि इनका एक साथी पहले ही पकड़ा जा चुका है, लेकिन इनकी गिरफ्तारी नहीं होने के चलते स्थानीय पुलिस सवालों के घेरे में आ गई थी। दरअसल, इस घटना का मास्टर माइंड जसपाल पंजाब पुलिस के अधिकारी का बेटा है। खैर, अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों को दिल्ली से काबू कर लिया है। साथ ही जानकारी मिली है कि ये विदेश भागने की फिराक में थे।

आरोपियों की पहचान जिले के गांव रौली के जसपाल और इंद्रजीत सिंह के रूप में हुई है। बताते चलें कि खुफिया एजेंसियों की तरफ मिले इनपुट के आधार पर आजादी दिवस के मौके पर एक अलर्ट जारी हुआ था। अलर्ट के मुताबिक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से ऐलान किया गया था कि अगर 15 अगस्त को कोई शख्स लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराता है तो उसे सवा लाख डॉलर दिए जाएंगे और अगर दूसरी किसी सरकारी दफ्तर पर झंडा फहराता है तो उसे ढाई हजार डॉलर दिया जाएगा।

इसी से प्रभावित हो जसपाल और इंद्रजीत सिंह ने एक खालिस्तानी झंडा तैयार करवाया। 14 अगस्त को सुबह करीब पौने 8 बजे डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में घुस आए थे। इसके बाद फिरोजपुर के गांव साधूवाला के रहने वाले आकाशदीप नामक तीसरे साथी की मदद से चौथी मंजिल से राष्ट्रध्वज को उतारकर उसका अपमान किया था और वहां केसरी झंडा फहरा दिया था। इस झंडे पर सिख पंथ का पवित्र निशान माना जाता खंडा बना हुआ था, वहीं खालिस्तान जिंदाबाद भी लिखा हुआ था। यह घटना सीसीटीवी कैमरे मेंं कैद हो गई थी तो साथ ही इनकी तरफ से खुद भी वीडियो बनाकर वायरल की गई थी।

इस घटना के संबंध में पुलिस ने तीन युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जसपाल और इंद्रजीत सिंह पर तिरंगे का अपमान करने और वहां खालिस्तानी झंडा फहराने का आरोप है तो फिरोजपुर के गांव साधूवाला के रहने वाले आकाशदीप पर इसका वीडियो बनाने का आरोप है। पुलिस ने आकाशदीप को घटना के तीसरे दिन गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी जसपाल और उसका साथी इंद्रजीत पुलिस की आंखों में धूल झोंककर दिल्ली पहुंच गए और पिछले 16 दिन से छिपे हुए थे। खास बात यह है कि जसपाल सिंह पंजाब पुलिस के अधिकारी का बेटा है। उसका पिता चमकौर सिंह पास के जिले मुक्सर में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है। इसी के चलते पुलिस पर उसे गिरफ्तार करने में ढील बरतने का आरोप उठा था। अब इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस बारे में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी संदीप यादव ने बताया कि उन्हें राष्ट्रविरोधी गतिविधि के दो आरोपियों के दिल्ली में छिपे होने की जानकारी मिली थी। उनकी टीम ने करनाल बाईपास पर छापा मारकर इंद्रजीत सिंह और जसपाल सिंह को धर-दबोचा। पुलिस के मुताबिक इन दोनों के खालिस्तान जिंदा फोर्स के साथ संबंध बताए जा रहे हैं। साथ ही प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से भी जुड़े हुए हैं। पता यह भी चला है कि ये दोनों संदिग्ध आतंकी विदेश भागने की फिराक में थे। फिलहाल दोनों से पूछताछ जारी है।

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