नक्सली हमले के बाद का VIDEO:बीजापुर में 30 जवान शहीद होने की आशंका; घटनास्थल पर 20 के शव, 24 घंटे बाद भी नहीं पहुंची रेस्क्यू टीम
सुरक्षा बलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। शुक्रवार रात को ही CRPF के कोबरा कमांडो, CRPF बस्तरिया बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स के दो हजार जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर तीन ओर से फायरिंग की थी।
जगदलपुर. बस्तर के बीजापुर में शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला किया। बीजापुर एसपी ने बताया कि हमले में 22 जवान शहीद हुए हैं। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने आशंका जाहिर की है कि ये संख्या 30 हो सकती है। ग्राउंड जीरो का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें 20 जवानों के शव घटनास्थल पर ही दिखाई दे रहे हैं। वीडियो घटना के 24 घंटे बाद सामने आया और तब तक रेस्क्यू टीम यहां नहीं पहुंची थी।
On ground visuals from the site of Naxal attack at Sukma-Bijapur border in Chhattisgarh; 22 security personnel have lost their lives in the attack pic.twitter.com/sVCoyXIRwN
— ANI (@ANI) April 4, 2021
20 दिन पहले मिली थी नक्सलियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी की जानकारी
करीब 700 जवानों को नक्सलियों ने बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेर लिया था। तीन घंटे चली मुठभेड़ में 9 नक्सली भी मारे गए हैं। करीब 30 जवान घायल हुए हैं।
#WATCH | On ground visuals from the site of Naxal attack at Sukma-Bijapur border in Chhattisgarh; 22 security personnel have lost their lives in the attack pic.twitter.com/nulO8I2GKn
— ANI (@ANI) April 4, 2021
मुठभेड़ के बाद 21 जवान लापता हैं। भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक, CRPF के सात, छत्तीसगढ़ पुलिस के 15 जवान अभी तक लापता हैं। जिस इलाके में मुठभेड़ हुई है, वह नक्सलियों की फर्स्ट बटालियन का कार्यक्षेत्र है। 20 दिन पहले UAV की तस्वीरों से यहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी।
Defence Minister @rajnathsingh pays tributes to the security personnel who were killed in action while fighting against Left Wing Extremists at Sukma-Bijapur border in Chhattisgarh. pic.twitter.com/LszxvyZBQN
— All India Radio News (@airnewsalerts) April 4, 2021
ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल
CRPF के एडीडीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार व CRPF के पूर्व डीजीपी के विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर व बीजापुर के क्षेत्रों खुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है।
नक्सलियों ने जवानों पर 3 तरफ से बरसाई थीं गोलियां
सुरक्षा बलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। शुक्रवार रात को ही CRPF के कोबरा कमांडो, CRPF बस्तरिया बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स के दो हजार जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर तीन ओर से फायरिंग की थी।
Encounter between Army and Naxalites in Chhattisgarh, Bijapur and Sukma Border Area, Jonaguda, Tarrem
5 young sacrifices 12 injured
CRPF, CoBRA, DRG, STF were involved in the operation.
2 Ya3 Naxals killed pic.twitter.com/H2STdLNbBu
— Kalu Singh Chouhan (@kschouhan94) April 3, 2021
पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने बताया कि मौके पर 180 नक्सलियों के अलावा कोंटा एरिया कमेटी, पामेड़ एरिया कमेटी, जगरगुंडा एरिया कमेटी और बासागुड़ा एरिया कमेटी के लगभग 250 नक्सली भी थे। सूचना मिली है कि नक्सली दो ट्रैक्टरों में शवों को ले गए हैं।
CRPF के DG छत्तीसगढ़ पहुंचे
इस बीच CRPF के डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं। इस दौरान वे हालात का जायजा लेंगे। बीजापुर में हुए ऑपरेशन के बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें लोकेशन पर जाने के निर्देश दिए थे। गृह मंत्री अमित शाह ने DG को बीजापुर भेजने के साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से भी संपर्क में हैं।
PM मोदी ने दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों के शहीद होने पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि जवानों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। मेरी संवेदनाएं छत्तीसगढ़ में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ हैं। वीर शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।
23 मार्च को नक्सली ब्लास्ट में 5 जवान शहीद हुए थे
छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी 5 जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में IED ब्लास्ट के जरिए किया था। तर्रेम थाने से CRPF, DRG, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान संयुक्त रूप से सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान दोपहर में सिलगेर के जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया। इस पर जवानों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई।
शांति वार्ता प्रस्ताव भेजने के बाद से हमले तेज हुए
नक्सलियों ने 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखी थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।