दिल्ली हिंसा / अमित शाह बोले- दंगे कराना हमारी फितरत में नहीं, क्या ट्रम्प के आने के दिन हमारी सरकार स्टेट स्पॉन्सर्ड दंगों का मुहूर्त निकालती?

दिल्ली हिंसा पर लोकसभा के बाद गुरुवार को दूसरे दिन राज्यसभा में चर्चा, शाह ने कहा- हेट स्पीच सीएए आने के बाद शुरू हुईं शाह ने कहा- हिंसा मामले में पुलिस ने 2647 लोगों को हिरासत में लिया, 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुईं कपिल सिब्बल ने कहा- दिल्ली में कम्युनल वायरस फैला, भड़काऊ भाषण देने वालों पर एफआईआर क्यों नहीं की गई

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा पर गुरुवार शाम को राज्यसभा में बहस का जवाब दिया। उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा रोकने के लिए लगातार दूसरे दिन पुलिस की तारीफ की। शाह ने कहा कि देश में 76% दंगे कांग्रेस शासन के दौरान हुए।

हमारी सरकार में सिर्फ गुजरात में दंगे हुए। दंगे कराना हमारी फितरत में नहीं है। क्या ट्रम्प (अमेरिकी राष्ट्रपति) के आने के दिन हमारी सरकार स्टेट स्पॉन्सर्ड दंगों का मुहूर्त निकालती? हम दंगे कराने वालों को ढूंढ-ढूंढ कर अंदर करने वाले हैं। शाह ने विपक्ष से सीएए और एनपीआर को लेकर भ्रम न फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में किसी को देश में एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। जितने दस्तावेज देने हैं, उतने दे सकते हैं।

शाह ने कहा- ”हिंसा की निष्पक्ष ढंग से वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर जांच हो रही है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने 700 से अधिक एफआईआर दर्ज कीं। हिरासत और गिरफ्तारी मिलाकर 2647 लोगों को पकड़ा गया है। आरोपियों की पहचान करने के लिए निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया। जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है उसमें भी इसका ध्यान रखा। हमने आधार डाटा का इस्तेमाल नहीं किया है, सिर्फ राशन कार्ड और वोटर पहचान पत्र के विवरण का उपयोग किया है। अब तक 1922 चेहरे और व्यक्तियों की पहचान कर ली गई हैं। इनमें से 336 लोग उत्तर प्रदेश से आए थे।”

‘पुलिस ने 4% आबादी तक दंगों को सीमित रखा’

  • उन्होंने कहा- ”मैंने कल लोकसभा में कहा था कि दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाके में 20 लाख लोग रहते हैं, जो दिल्ली की कुल आबादी की कुल 4% है। किसी एक व्यक्ति की जान जाना भी हमारे लिए दुखद है। दिल्ली पुलिस ने दंगा भड़काने की साजिश को 4% आबादी तक सीमित रखने में कामयाबी हासिल की। 24 फरवरी को दोपहर पहली बार दंगे की सूचना मिली और अंतिम सूचना 25 तारीख की रात मिली है। इसके बाद शव मिले, लेकिन इनके पोस्टमॉर्टम में मौत का समय 25 तारीख से पहले का है।”
  • ”दंगों से पहले क्या हुआ। 15 दिसंबर से शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू हुआ। इसके लिए जगह निश्चित होती है। हमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन 14 दिसंबर में रामलीला मैदान की रैली में जो भाषण हुए, उनमें कहा गया कि अब निकलने का वक्त है, नहीं तो कायर कहलाएंगे। इसके बाद प्रदर्शन शुरू हुए। इसके बाद 23 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 7-8 धरने शुरू हो गए। इसके बाद एक नेता ने कहा कि हम 15 करोड़ हैं। धीरे-धीरे एंटी सीएए प्रदर्शन साम्प्रदायिक दंगों में बदल गया।”

1. हेट स्पीच पर…

शाह ने कहा- हेट स्पीच सीएए के आने के बाद शुरू की गईं। यह एक बड़ी साजिश थी, खाते खोले गए। इनमें पैसे डाले गए कि जब ट्रम्प आएं तो हिंसा शुरू हो जाए। लोगों को भड़काने और डराने के लिए भड़काऊ भाषण दिए गए। कहा गया कि सीएए मुस्लिमों की नागरिकता छीन लेगा। हम सभी पार्टियों को एकजुट होकर कहना पड़ेगा कि इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। कपिल सिब्बल साहब खुद ही बता दें कि क्या सीएए में ऐसा कोई प्रावधान है।”

इस पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा- जब एनपीआर आएगा तो क्या होगा। तब दस्तावेज नहीं देने वाले गरीबों के नाम के आगे डी (डाउटफुल) लगा दिया जाएगा।

2. एनपीआर पर…

शाह ने कहा- ”हमने पहले ही कहा है कि जितनी जानकारी देनी है, उतनी दे सकते हो। उसके लिए सभी स्वतंत्र हैं। किसी को इस देश में एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। जिसकी जगह खाली होगी, उसके सामने डी नहीं लगाएंगे। गुलाम नबी जी एनपीआर पर मेरे साथ आकर बैठक कर सकते हैं। सीएए और एनपीआर पर भ्रांतियां बंद करने का समय आ गया है। मैं तो कहता हूं कि सभी दलों के नेता इसमें आएं।”

3. जज के ट्रांसफर पर…

गृह मंत्री ने हिंसा और भड़काऊ भाषणों के मामले की सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर का ट्रांसफर करने पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा, ”किसी जज के ट्रांसफर की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम करता है। इसे किसी केस विशेष के साथ जोड़ना सही नहीं है। तीन लोगों का ट्रांसफर एक साथ हुआ है। क्या एक ही जज हमारे साथ न्याय करेंगे, दूसरे नहीं करेंगे। जजों की ट्रांसफर पोस्टिंग में सरकार का दखल नहीं है। ज्यादा से ज्यादा हम सिफारिश को वापस भेज सकते हैं। इस प्रक्रिया पर सवाल उठाना बेतुका है।”

4. लोगों से अपील…

शाह ने कहा कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले और नेताओं से अपील है कि अभी ऐसा कुछ न करें, जिससे पीड़ितों के जख्म हरे हों। जो मारे गए हैं, उनके परिवार की भरपाई में नहीं कर सकता हूं, मैं ईश्वर नहीं हूं। सीएए-एनपीआर पर कोई भ्रम न रखें। मेरे पास आकर इसे दूर करें।

हेट स्पीच देने वाले लोगों ने कम्युनल वायरस फैलाया: सिब्बल

  • इससे पहले सिब्बल ने कहा, ”आज कल दुनिया में दो तरह के वायरस हैं। एक कोरोनावायरस और दूसरा कम्युनल वायरस। दिल्ली में हिंसा वायरस के कारण हुई। हेट स्पीच देने वाले लोगों ने कम्युनल वायरस फैलाया। हम सबने देखा कि जमीन पर पड़े एक जख्मी व्यक्ति को राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया, जो बाद में मर गया। गृह मंत्री से पूछना चाहता हूं कि भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई। ऐसे माहौल में क्या हो रहा था, दिल्ली पुलिस को इसकी जानकारी ही नहीं थी।”
  • ”डोनाल्ड ट्रम्प के स्वागत की योजना बनाई गई, वैसे ही दिल्ली में हिंसा की भी साजिश रची गई। आप गाय की रक्षा के कुछ भी करने को तैयार हैं, फिर आम आदमी की सुरक्षा के लिए ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए था। हमें लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है।”

Leave A Reply

Your email address will not be published.