अजित पवार बोले- BJP से ही होगा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री:NCP-शिवसेना से बनेंगे डिप्टी सीएम: 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का शपथ समारोह पांच दिसंबर को हो सकता है। इससे पहले बीजेपी और फिर महायुति की बैठक होगी। इसमें औपचारिक तौर पर मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। बीजेपी विधायक दल की बैठक सोमवार को होने की संभावना है। शपथ ग्रहण समारोह आजाद मैदान में होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंंत्री अमित शाह समेत तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहेंगे। शपथ ग्रहण का संभावित समय दोपहर 1 बजे रखा गया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आए 7 दिन बीत चुके हैं। भाजपा, शिवसेना शिंदे और NCP अजित पवार गुट यानी महायुति ने 288 में से 230 सीटें जीतीं, लेकिन अब तक शपथ पर सस्पेंस बना हुआ है।
इस बीच डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा- महाराष्ट्र में सीएम भाजपा से ही होगा। यह फैसला दिल्ली में महायुति की बैठक में लिया गया। शिवसेना और एनसीपी के डिप्टी सीएम होंगे।
उन्होंने कहा- यह पहली बार नहीं है कि सरकार बनने में देरी हुई है। 1999 में सरकार गठन में एक महीने का समय लगा था।
उधर, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने भास्कर को बताया कि संघ से हरी झंडी मिलने के बाद CM पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम फाइनल कर दिया गया है। शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। पीएम मोदी भी समारोह में मौजूद रहेंगे।
बीजेपी का मुख्यमंत्री की कुर्सी
20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के गठबंधन महायुति ने 288 में से 235 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी है। बीजेपी 132 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। 23 नवंबर को चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद शिवसेना ने एकनाथ शिंदे और एनसीपी ने अजित पवार को अपना नेता चुना था। बीजेपी के विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगने की उम्मीद है।
मोहोल खुद हटे पीछे
बीजेपी द्वारा अभी तक सीएम के नाम का ऐलान नहीं किया गया। पार्टी नेताओं का कहना है कि परंपरा के अनुसार विधायक दल की बैठक में नेता चुनाव किया जाएगा। सूत्राें की मानें तो फडणवीस का मुख्यमंत्री बनना तय है। विधायक दल की बैठक में उनके नेता होने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। फडणवीस से अभी तक लगभग सभी विधायक मुलाकात कर चुके हैं। दूसरे दलों के नेता भी उनसे मिलने पहुंच रहे हैं। इनमें नवनिर्वाचित विधायक और मंत्री शामिल हैं। 2014 में जब देवेंद्र फडणवीस राज्य के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने वानखेड़े स्टेडियम में शपथ ली थी। 2019 में उन्होंने राजभवन में शपथ ली थी।
जगह में किया गया बदलाव
पहले शपथ ग्रहण समारोह के लिए शिवाजी पार्क को चुना गया था लेकिन 6 दिसंबर को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस होने के कारण स्थान में बदलाव किया गया है। ऐसे में शपथ समारोह की तारीख नहीं बदलते हुए जगह में बदलाव किया गया है। सूत्रों की मानें तो आजाद मैदान में शपथ समारोह की तैयारी जल्द शुरू हो जाएंगी। शनिवार को देवेंद्र फडणवीस पुणे के दौरे पर पहुंचे तो उनका काफी गर्मजाेशी से स्वागत किया गया। महाराष्ट्र में फडणवीस के विकल्प के तौर पर मुरलीधर मोहोल का नाम चर्चा में आया था, लेकिन मोहोल ने खुद इसका खंडन का दिया है। ऐसे में फडणवीस ही फर्स्ट च्वाइस बने हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे डिप्टी CM का पद लेने को तैयार हैं, लेकिन गृह मंत्रालय पर अड़े हुए हैं। 29 नवंबर को शिंदे दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मुंबई लौटे और सभी कार्यक्रम रद्द कर अपने गांव सातारा निकल गए। गांव में उनकी तबीयत बिगड़ गई है। मुंबई से डॉक्टरों की टीम पहुंची है।
इस बीच, भाजपा विधायक दल की बैठक भी दो दिन आगे बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, 1 दिसंबर को होने वाली बैठक अब 3 दिसंबर को होगी। इस दिन दिल्ली से दो ऑब्जर्वर मुंबई आएंगे और विधायकों से चर्चा के बाद आधिकारिक रूप से CM फेस अनाउंस करेंगे।
उधर, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने भास्कर को बताया कि संघ से हरी झंडी मिलने के बाद CM पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम फाइनल कर दिया गया है। शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को दोपहर 1 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। शिवसेना और NCP की ओर से एक-एक डिप्टी CM भी शपथ लेंगे।
गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी
शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया।
पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के पास था। इसलिए फड़णवीस किसी भी हालत में गृह मंत्री का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी।
सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है।
शिवसेना ने कहा- आज शाम तक बड़ा फैसला लेंगे शिंदे इस बीच शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा- शिंदे को जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वे अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। वे आज शाम तक कोई बड़ा फैसला ले लेंगे। इससे पहले शिरसाट ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि शिंदे डिप्टी CM का पद स्वीकार करेंगे।
शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि महायुति को इतनी बड़ी जीत शिंदे की अगुआई में मिली, इसलिए बिहार की तर्ज पर उन्हें मुख्यमंत्री होना चाहिए। बिहार में जदयू की कम सीटें हैं फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिंदे को डिप्टी CM बनना चाहिए।
महाराष्ट्र कैबिनेट का फॉर्मूला क्या होगा नई सरकार में CM और दो डिप्टी CM के साथ 43 मंत्री शामिल होंगे। इनमें भाजपा को 20-23, शिंदे गुट को 11 और अजित गुट को 9 मंत्री पद मिलने की संभावना है। इससे पहले शिंदे सरकार में 28 मंत्री थे और शिंदे के पास सबसे ज्यादा 11, भाजपा के पास 9 और अजित पवार गुट के पास 8 मंत्री थे। इस समय भाजपा विधायकों की संख्या ज्यादा होने से मंत्रियों की संख्या भी बढ़ेगी।
इसके अलावा नाराज एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए भाजपा ने उन्हें केंद्र में एक मंत्री पद ऑफर किया है। उनके बेटे श्रीकांत या पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि अजित गुट की मोदी कैबिनेट में एक सीट खाली है। प्रफुल्ल पटेल मंत्री बन सकते हैं।