देश के नए चीफ जस्टिस का नाम तय:जस्टिस एनवी रमना देश के 48वें चीफ जस्टिस होंगे, CJI एसए बोबडे ने सरकार को प्रस्ताव भेजा

भारत के चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने केंद्र सरकार से जस्टिस एन.वी. रमना को सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है. चीफ जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं. जस्टिस रमन्ना को 17 फरवरी, 2014 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था.

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नई दिल्ली। जस्टिस एनवी रमना भारत के नए चीफ जस्टिस होंगे। CJI एसए बोबडे ने उनका नाम देश के 48वें चीफ जस्टिस के तौर पर प्रस्तावित किया है। CJI बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर होने वाले हैं। नियमों के मुताबिक CJI को अपने रिटायरमेंट से एक महीने पहले नए चीफ जस्टिस के नाम का प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजना होता है। यहां से मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

सरकार के प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद 24 अप्रैल को जस्टिस रमना नए CJI का पद संभाल सकते हैं। ऐसा हुआ तो वह आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पहले ऐसे जज होंगे जो CJI बनेंगे। जस्टिस रमना 26 अगस्त 2022 को रिटायर होंगे। यानी उनका कार्यकाल दो साल से कम बचा है। जस्टिस रमना को फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। उन्होंने 10 फरवरी 1983 को वकालत के साथ करियर की शुरुआत की थी।

जस्टिस रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था। 10 फरवरी 1983 को उन्होंने वकालत की शुरुआत की। 27 जून 2000 को वे आंध्रप्रदेश के हाईकोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त हुए।

 

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मांगी थी सिफारिश
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जस्टिस बोबडे को पत्र भेजकर उनकी सिफारिश मांगी थी. सरकार ने चीफ जस्टिस से उनके उत्तराधिकारी की सिफारिश करने के लिए कहा था. उच्च न्यायपालिका के सदस्यों की नियुक्ति के संचालन की प्रक्रिया के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश के लिए नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की होनी चाहिए जो इस कार्यालय के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं.

अविभाजित आंध्र प्रदेश के किसान परिवार में जन्म
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में अगस्त 27, 1957 को जन्मे जस्टिस रमन्ना बतौर पूरा नाम जस्टिस नाथुलापति वेंकट रमन्ना (NV Ramana) जाने जाते हैं. 10 फरवरी 1983 में वकालत शुरू करने वाले रमन्ना 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए. जस्टिस एनवी रमन्ना सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों में CJI एसए बोबडे के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं.ऐसे में उनका अगला सीजेआई बनना तय माना जा रहा है. फिलहाल उनके कार्यकाल में दो साल से कम वक्त बचा है, क्योंकि 26 अगस्त 2022 में वो रिटायर होने वाले हैं.

आंध्र प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल भी रहे
किसान परिवार से संबंध रखने वाले जस्टिस रमन्ना किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस एनवी रमन्ना ने साइंस और लॉ में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में कानून की प्रैक्टिस शुरू की. चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान, जस्टिस रमन्ना आंध्र प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल भी रहे थे.

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी बने
2 सितंबर 2013 को जस्टिस रमन्ना का प्रमोशन हुआ. इसके बाद वो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस नियुक्त किए गए. फिर 17 फरवरी 2014 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. जस्टिस एनवी रमन्ना फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों में सीजेआई एसए बोबडे के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं. ऐसे में उनका अगला सीजेआई बनना तय माना जा रहा है.

27 जून, 2000 को वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किए गए. इसके बाद साल 2013 में 13 मार्च से लेकर 20 मई तक वो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे.

जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बहाली का फैसला रहा चर्चित
पिछले कुछ सालों में जस्टिस रमना का सबसे चर्चित फैसला जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की बहाली के रहा है. चीफ जस्टिस के कार्यालय को सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में लाने का फैसला देने वाली बेंच के भी जस्टिस रमना सदस्य रह चुके हैं.

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