शाहीन बाग / प्रदर्शनकारियों से दूसरे दिन चर्चा करने पहुंचे वार्ताकारों ने कहा- सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखिए, आपकी बात जरूर सुनी जाएगी
सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों ने कहा- ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान न निकाला जा सके वार्ताकारों ने दूसरे दिन भी प्रदर्शनकारियों से बातचीत के दौरान मीडिया से बाहर जाने को कहा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थ वकील साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े गुरुवार को दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने शाहीन बाग पहुंचे। रामचंद्रन ने कहा- हम चाहते हैं कि शाहीन बाग आंदोलन भी जारी रहे और रास्ता भी खोल दिया जाए। ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान नहीं निकल सकता। अगर बात नहीं बन पाई तो मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएगा। आम रास्ता बंद होने से आसपास के दुकानदारों और रहवासियों को परेशानी हो रही है। वहीं, संजय हेगड़े ने कहा- सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखिए। कोर्ट आपकी बात को अनसुना नहीं करेगा। आपकी हर समस्या का समाधान होगा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनकारी ओखला के शाहीन बाग में पिछले 68 दिन (15 दिसंबर) से डटे हुए हैं।वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत जारी है. बताया जा रहा है कि वार्ताकार साधना रामचंद्रन नाराज हो गईं हैं. दरअसल, एक प्रदर्शनकारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को गलत कह दिया, जिस पर साधना रामचंद्रन बिफर गईं. उन्होंने कहा कि कल हम अलग-अलग जगह पर 10-15 महिला प्रदर्शनकारियों के साथ बात करना चाहेंगे. यहां बात करने लायक माहौल नहीं है.
प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश
दोनों मध्यस्थों ने बुधवार को प्रदर्शन के मंच से सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया था। बातचीत से पहले मीडिया से हटने की अपील की थी। प्रदर्शनकारियों से बातचीत के दौरान साधना रामचंद्रन ने कहा कि अगर ऐसे ही रहा तो कल हम नहीं आएंगे. इस जगह पर सही बर्ताव नहीं हो रहा है.वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से कहा है कि हम किसी दूसरी जगह पर मिलते हैं. वहां बातचीत के लिए सिर्फ महिलाएं आएं. साथ ही वहां मीडिया के भी मौजूद न होने की बात कही है.फिलहाल वार्ताकार ब्लॉक सड़कों का जायजा ले रहे हैं.
आंदोलन का हक बरकरार: आप लोग, जो यहां पर आंदोलन कर रहे हैं.. आपके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत अहम बात कही है। आंदोलन करने का आपका हक बरकरार है। नागरिकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस पर सुनवाई होगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपका हक छिन जाएगा। आपकी तरह और भी नागरिक हैं, उनके भी हक हैं। वे नागरिक जो सड़कों का इस्तेमाल करते हैं, जो दुकानदार हैं, वे भी हमारी और आपकी तरह ही नागरिक हैं। उनका भी हक है अपनी दुकान तक पहुंचे, बच्चे अपने स्कूल पहुंच सकें।
Sadhna Ramachandran, Supreme Court-appointed mediator: Our mediation talks are continuing and we will come back again tomorrow to Shaheen Bagh. pic.twitter.com/42UQzToY3f
— ANI (@ANI) February 20, 2020
आंदोलन आपका तो हल भी आपका होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट कहता है कि हक वहीं तक होना चाहिए, जहां दूसरों का हक न लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सबके हक बरकरार होने चाहिए। प्रदर्शनकारियों के हक बरकरार हैं। लेकिन, सड़कों, पुल, मेट्रो, बस स्टॉप का इस्तेमाल करने वालों का हक भी बरकरार रहना चाहिए। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, हम आपके साथ उसका हल निकालें। आंदोलन आपका है तो हल किसका होना चाहिए? क्या कोई यहां चाहता है कि किसी और का हक मारा जाए? नहीं न, इसीलिए हम आपकी बात सुनना चाहते हैं।
ऐसा हल निकालेंगे, जो दुनिया के लिए मिसाल बनेगा: हमारा हिंदुस्तान इसलिए है, क्योंकि हम हर एक की बात की इज्जत करते हैं। हम एक-दूसरे की बात सुनते हैं और हल निकालते हैं। हम चाहते हैं कि आप हमसे बात करें और अगर आप ऐसा नहीं चाहते हैं तो हम सुप्रीम कोर्ट को भी यही बात बोल देंगे। अगर आप चाहते हो तो हम भी आपसे बात करना चाहते हैं। हम मिलकर हल निकालेंगे। मुझे भरोसा है कि हम ऐसा हल निकालेंगे कि न सिर्फ वो हिंदुस्तान के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन जाएगा। पूरी दुनिया यह कहेगी कि ये है हिंदुस्तान का नागरिक जो अपनी भी सोचता है और दूसरों की भी सोचता है।
याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ नियुक्त किए
याचिकाकर्ता अमित साहनी ने शाहीन बाग में रास्ता खाली कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें प्रदर्शन से दिल्ली-नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने वाले कालिंदी कुंज-मथुरा रोड क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया। पिछले दिनों सुनवाई के दौरान समस्या का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया। अदालत ने कहा- धरना देना लोगों का अधिकार है। प्रदर्शन ऐसी जगह करें जहां यातायात बाधित न हो। रास्ता खाली कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ नियुक्त किए थे।
सीएए का विरोध: 15 दिसंबर से धरना चल रहा
सीएए और एनआरसी के खिलाफ ओखला के शाहीन बाग इलाके में 15 दिसंबर से महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोग धरने पर बैठे हैं। 2 फरवरी को पहली बार शाहीन बाग के धरनों के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किए। इनकी मांग थी कि धरने पर बैठे लोगों ने नोएडा और कालिंदी कुंज को जोड़ने वाली सड़क पर कब्जा कर रखा है। इसकी वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।