साजिश नाकाम / एसएफजे के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का साथी जोगिन्द्र सिंह गुज्जर गिरफ्तार, इसी साल लौटा था भारत

डीएसपी भुलत्थ ने बताया-थाना भुलत्थ की पुलिस टीम ने गुज्जर को उसके गांव अकाल से गिरफ्तार किया है एक मोबाइल फोन के अलावा कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें और साहित्य बरामद की गई आरोपी से नेटवर्क चलाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल को जांच के लिए तकनीकी लैब में भेजा गया

कपूरथला. कपूरथला पुलिस ने शनिवार को सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की कोशिशों को नाकाम करते हुए उसके साथी जोगिन्द्र सिंह गुज्जर को गिरफ्तार किया है। डीएसपी भुलत्थ ने बताया कि थाना भुलत्थ की पुलिस ने गुज्जर को उसके गांव अकाल से गिरफ्तार किया है। पता चला है कि उसने 12 साल से इटली में रह पन्नू के साथ काम किया है और इसी साल ही भारत वापस आया था।

भुलत्थ थाना प्रभारी बिक्रम सिंह ने बताया कि जोगिन्द्र से पुलिस ने एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है। इसका प्रयोग वह अपने नेटवर्क को चलाने के लिए करता था। जांच के लिए इस मोबाइल फोन को तकनीकी लैब में भेजा गया है। इसी तरह कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें और साहित्य बरामद हुआ है। जोगिन्द्र को अदालत में पेश करके उसका रिमांड हासिल किया जाएगा।

दरअसल, केंद्रीय ग्रह मंत्रालय की तरफ से गैर-कानूनी गतिविधि  रोकथाम एक्ट के तहत सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) का संचालन कर रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकवादी घोषित किए जाने से एक दिन बाद पंजाब पुलिस ने गुरुवार को उसके और उसके सहयोगी एसएफजे के एक्टिव मेंबर जोगिन्द्र सिंह गुज्जर के खिलाफ अमृतसर और कपूरथला में 2 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी, जो इस साल फरवरी में इटली से भारत आया था।

उधर, खालिस्तान का समर्थन करने वाला पन्नू, जिसके बारे में हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा था कि वह पंजाब में आतंकवाद को उत्साहित करने में सक्रिय तौर पर शामिल था, को ग्रह मंत्रालय ने यूएपीए अधीन आतंकवादी के तौर पर नामजद 9 लोगों की लिस्ट में शामिल किया है। ये वो लोग हैं, जो पंजाब में आतंकवाद को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी धरती से अलग-अलग गतिविधियों में शामिल थे।

पन्नू ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को को लिखा पत्र

दूसरी तरफ पन्नू ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पत्र लिखकर 4 जुलाई को पंजाब की आजादी के गैर-सरकारी रेफ्रेंडम के लिए पंजाब में वोटर रजिस्ट्रेशन खोलने से पहले अकाल तख्त साहिब से प्रोत्साहन लेने की बात की है। पन्नू ने अपने पत्र द्वारा 4 जुलाई 1955 को भारत सरकार की ओर से श्री हरिमंदिर साहिब पर हमले में शहीद किए सिखों की याद में अरदास समागम के बारे में भी बात की है। इसका पता चलने के बाद श्री हरिमंदिर साहिब के अंदर व आसपास पुलिस का पहरा सख्त कर दिया गया है। हालांकि इस संबंधी जब सचिवालय श्री अकाल तख्त साहिब से सम्पर्क करना चाहा तो किसी ने फोन नहीं उठाया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.