TRP स्कैम में भी वझे का नाम: ​​​​​​​वझे ने टॉर्चर न करने के लिए BARC से वसूले थे 30 लाख, फेक कंपनियों और हवाला के जरिए दी गई रकम

मीडिया रिपोर्ट्स में ED सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि BARC के अधिकारियों ने पूछताछ में वझे को घूस देने की बात कही है। ED की पूछताछ में BARC के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन अभी इस संबंध में सचिन वझे से पूछताछ बाकी है। इसमें 5 फेज में पेमेंट को अंजाम दिया गया है।

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मुंबई। एंटीलिया केस और मनसुख मर्डर केस के बाद अब सस्पेंड चल रहे मुंबई के पुलिस अफसर सचिन वझे का नाम फेक TRP स्कैम में भी सामने आया है। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) को घोटाले और वझे के बीच कनेक्शन मिला है। ED की जांच में पता चला कि वझे ने एक पुलिस अफसर के जरिए ब्रॉडकास्टिंग ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के अधिकारियों को परेशान न करने के लिए काउंसिल से 30 लाख की वसूली की थी।

फेक TRP स्कैम का पिछले साल खुलासा हुआ था। BARC ने कहा था कि कुछ चैनल ऐड से ज्यादा रेवेन्यू कमाने के लिए TRP में हेराफेरी कर रहे हैं।

ED जांच में पेमेंट का पैटर्न पता चला
मीडिया रिपोर्ट्स में ED सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि BARC के अधिकारियों ने पूछताछ में वझे को घूस देने की बात कही है। ED की पूछताछ में BARC के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन अभी इस संबंध में सचिन वझे से पूछताछ बाकी है। इसमें 5 फेज में पेमेंट को अंजाम दिया गया है।

  1. BARC ने अपने दस्तावेजों में ये दिखाया है कि उन्होंने अपने दफ्तर में निर्माण से जुड़े कुछ काम करवाए हैं। इसके बाद एक डमी कंपनी को इसका पेमेंट किया गया है।
  2. जब BARC ने डमी कंपनी को ये पेमेंट किया, उसके बाद ये रकम 4 और शेल कंपनियों के अकाउंट में भेजी गई।
  3. शेल कंपनियों के अकाउंट में रकम जाने के बाद इसे हवाला ऑपरेटर के बैंक अकाउंट में भेजा गया।
  4. इसके बाद ये रकम कैश के रूप में BARC को वापस दी गई और फिर सचिन वझे से जुड़े पुलिस अधिकारी को इसे दिया गया।
  5. BARC ने हंसा ग्रुप के जरिए कुछ चुनिंदा घरों पर रेटिंग तय करने के लिए बैरोमीटर लगवाया। यह एग्रीमेंट 30 जुलाई को निरस्त कर दिया गया।

BARC के अधिकारियों को वझे ने रुतबे और टॉर्चर से डराया- सूत्र
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वझे ने BARC और फेक TRP मामले से जुड़ी दूसरी कंपनियों के अधिकारियों को फोन कर पूछताछ के लिए दक्षिण मुंबई स्थित पुिलस कमिश्नर हेडक्वार्टर में बुलाया। जब अधिकारी पूछताछ के लिए पहुंचते थे तो वझे उन्हें कई घंटे तक इंतजार करवाता था। कभी-कभी इंतजार करते-करते शाम भी हो जाती थी। इसके बाद वझे उन्हें अगले दिन आने को कह देता था। वझे ने इन अधिकारियों तक ये बात भी पहुंचवाई थी कि पूछताछ के दौरान वो संदिग्धों से मारपीट भी करता है। इसके बाद उसने BARC से 30 लाख की रकम देने को कहा था ताकि इस तरह का टॉर्चर न दिया जाए।

TRP केस में वसूली का मामला भी जोड़ेगी ED
ED अब TRP केस में घूस दिए जाने का मामला भी जोड़ेगी। इससे जुड़े सबूत और दस्तावेज शामिल किए जाएंगे और जल्दी ED अपनी पहली चार्जशीट दाखिल करेगी। हाल ही में फेक TRP मामले में ED ने फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा और महा मूवीज चैनल की 32 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की है। महामूवी और बॉक्स सिनेमा ने मुंबई में अपनी 25% TRP सिर्फ 5 घरों पर लगे बैरोमीटर के जरिए हासिल की थी। फख्त मराठी ने भी इसी तरह 5 घरों पर लगे बैरोमीटर से 12% TRP हासिल की।

मुंबई पुलिस ने फर्जीवाड़े का दावा किया था
इससे पहले मुंबई पुलिस ने पिछले साल 8 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फॉल्स TRP रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया। तब के मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बताया था कि रिपब्लिक टीवी समेत 3 चैनल पैसे देकर TRP खरीदते थे। हालांकि, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने इन आरोपों को झूठा करार दिया था।

क्या है TRP?

  • TRP यानी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट। यह किसी भी टीवी प्रोग्राम की लोकप्रियता और ऑडियंस का नंबर पता करने का तरीका है। किसी शो को कितने लोगों ने देखा, यह TRP से पता चलता है।
  • यदि किसी शो की TRP ज्यादा है तो इसका मतलब है कि लोग उस चैनल या उस शो को पसंद कर रहे हैं। एडवर्टाइजर्स को TRP से पता चलता है कि किस शो में एडवर्टाइज करना फायदेमंद रहेगा।
  • सरल शब्दों में TRP बताता है कि किस सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के कितने लोग कितनी देर किस चैनल को देख रहे हैं। यह एक घंटे में, एक दिन में या एक हफ्ते का कुछ समय हो सकता है।

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