राहुल गांधी के खिलाफ असम में FIR:3 दिन पहले कहा था- हम भाजपा-RSS और इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ रहे हैं
राहुल गांधी के हालिया बयान को लेकर असम में गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में शनिवार को FIR दर्ज की गई। FIR में आरोप है कि राहुल ने भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले बयान दिए। BNS की धारा 152 के तहत इसे गैर जमानती अपराध की कैटेगरी में रखा गया है।
शिकायतकर्ता मोनजीत चेतिया ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बयान ने भाषण की उन सीमाओं को पार कर लिया है, जिन्हें स्वीकार किया जा सकता है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
गुवाहाटी हाईकोर्ट के वकील चेतिया ने शिकायत में लिखा है कि एक ऐसे व्यक्ति का सार्वजनिक मंच से दिया गया बयान, जो वर्तमान में विपक्ष के नेता का पद संभाल रहा है, कोई साधारण राजनीतिक टिप्पणी नहीं है।
दरअसल, राहुल ने 15 जनवरी को कांग्रेस पार्टी मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान कहा था कि भाजपा, RSS ने हर एक संस्थान पर कब्जा कर लिया है। अब हम BJP-RSS और इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।
राहुल के इस बयान हिंदू सेना ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी, जिसमें लिखा था कि राहुल देश विरोधी बयान के लिए उन पर एक्शन लिया जाए।
शिकायतकर्ता का दावा- राहुल का बयान चुनावी हताशा
मनोज चेतिया ने FIR में यह भी दावा किया कि राहुल गांधी की यह टिप्पणी बार-बार चुनावों में मिल रही हार की हताशा से प्रेरित थी। चेतिया ने कहा- विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाए रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन इसके बजाय उन्होंने झूठ फैलाने और विद्रोह भड़काने के लिए अपने मंच का फायदा उठाना चुना, जिससे भारत की एकता और संप्रभुता खतरे में पड़ गई।
चेतिया बोले- लोकतांत्रिक तरीकों से जनता का विश्वास हासिल करने में असमर्थ होने के बाद, आरोपी अब केंद्र सरकार और भारतीय राज्य के खिलाफ असंतोष भड़काने की कोशिश कर रहा है।
मोहन भागवत के बयान पर रिएक्शन दे रहे थे राहुल
मोहन भागवत ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि इस दिन देश को सच्ची स्वतंत्रता मिली, क्योंकि यह सदियों से दुश्मनों के आक्रमण झेलने वाले भारत के ‘स्व’ (स्वतंत्रता) की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। इसी बयान पर राहुल ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी और RSS ने हर एक संस्थान पर कब्जा कर लिया है, और अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से ही लड़ रहे हैं।
खड़गे ने कहा था- भागवत का घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा
भागवत के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी निशाना साधा था। उन्होंने 15 जनवरी को कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के बाद कहा था, “मैंने पेपर में पढ़ा कि मोहन भागवत ने कहा कि सच्ची स्वतंत्रता तब मिली जब राम मंदिर बना। PM मोदी और उन्होंने मिलकर राम मंदिर उद्घाटन किया। मोदी समझते हैं कि उन्हें 2014 में आजादी मिली क्योंकि वो प्रधानमंत्री बने थे। RSS के लोग राम मंदिर बनने के दिन को आजादी का दिन मानते हैं। ये शर्म की बात है।”
खड़गे ने कहा, “आजादी मिलने के बाद भी वो इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे लड़े नहीं और जेल नहीं गए। इस कारण इन्हें याद नहीं रहता। मैं मोहन भागवत के बयान की निंदा करता हूं और वो वह इसी तरह का बयान देते रहे तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा।”
नड्डा बोले- गांधी और उनके तंत्र का शहरी नक्सलियों से संबंध
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल के बयान पर कहा था- ‘कांग्रेस का इतिहास उन सभी ताकतों को उत्साहित करने का रहा है जो कमजोर भारत चाहते हैं। सत्ता के लिए उनके लालच का मतलब देश की अखंडता से समझौता और लोगों के विश्वास को धोखा देना था।”उन्होंने कहा, “लेकिन भारत के लोग समझदार हैं। उन्होंने फैसला कर लिया है कि वह राहुल गांधी और उनकी सड़ी हुई विचारधारा को हमेशा ठुकराएंगे। अब कांग्रेस की घिनौनी सच्चाई किसी से छिपी नहीं है, अब उनके अपने नेता ने ही इसका पर्दाफाश कर दिया है।”
नड्डा ने कहा, “मैं राहुल गांधी की इस बात के लिए ‘प्रशंसा’ करता हूं कि उन्होंने वह बात साफ-साफ कही जो देश जानता है। यह कोई रहस्य नहीं है कि गांधी और उनके तंत्र का शहरी नक्सलियों के साथ गहरा संबंध है, जो भारत को अपमानित और बदनाम करना चाहते हैं। उन्होंने जो कुछ भी किया या कहा है वह भारत को तोड़ने और हमारे समाज को विभाजित करने की दिशा में है।”