चंडीगढ़. पंजाब में कोरोना वायरस को लेकर जिस तरह से राजस्व में कमी आ रही है और इसका सीधा असर सरकार के खजाने पर पड़ रहा है। दूसरी सरकार के दूसरे खर्चों के साथ कर्मचरियों के वेतन पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं। क्योंकि कर्मचरियों के वेतन को लेकर ट्रेजरी द्वारा बिल मंजूर नहीं किए जा रहे हैं। जिससे कर्मचरियों को अप्रैल माह का वेतन मिलता नजर नहीं आ रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकारी खजाने की हालत भी ठीक नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों को लगने लगा है कि सरकार ट्रेजरी में साॅफ्टवेयर की गड़बड़ी का बहाना लगाकर कर्मचारियों के वेतन में देरी कर रही है।
कर्मचरियों का वेतन जारी करने के लिए हर महीने तय समय पर ट्रेजरी को बिल बना कर भेज दिए जाते हैं। इसके बाद ट्रेजरी द्वारा पुराने बिलों के बाउचर से नए बिलों को चेक किया जाता है। इसका मिलान होने के बाद कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया जाता है। इस सारे प्रासेस में भी काफी समय लगता है। ऐसे में अब 29 अप्रैल तक ट्रेजरी द्वारा बिलों को नहीं लिए गए हैं तो कर्मचारियों का वेतन समय पर कैसे मिलेगा। बता दें कि पिछले महीने भी सैलरी 12 को आई थी।
कई माह से कर्मियों का वेतन जारी होने में हो रही देरी
कर्मचारियों के वेतन जारी करने का एक प्रोसेस होता हैं। इसमें सबसे पहले लेखा विभाग कर्मचारियों के वेतन के बारे में बिल बनाकर टेजरी को भेजता है। कई महीनों से साॅफ्टवेयर खराब है, लेकिन अब तक सॉफ्टवेयर ठीक नहीं हुआ है। इसलिए बिलों को लेने का काम भी शुरू नहीं हुआ। अगर सॉफ्टवेयर 30 अप्रैल और 1 मई को भी काम नहीं करता तो 2 को शनिवार और 3 को रविवार की छुट्टी हो जाएगी। इसके बाद बिल लेने का काम 4 को ही शुरू हो पाएगा। फिर बिलों के मिलान में ही 3-4 दिन लग जाते हैं। इसके बाद बैंक को डिटेल भेजी जाती हैं। वहां भी कुछ समय लग जाता है। इस तरह 10 मई से पहले सैलरी आने की उम्मीद कम ही है।
साॅफ्टवेयर ठीक होते ही जारी होगी सैलरी
ट्रेजरी के अधिकारियों का कहना है कि एनआईसी के साॅफ्टवेयर में कुछ तकनीकी खराबी आई हुई है। जिसे ठीक किया जा रहा है। इस वजह से बिलों को नहीं लिया जा रहा है। कर्मचारियों के वेतन को लेकर आए बिलों का ट्रेजरी में इस साॅफ्टवेयर के जरिए मिलान किया जाता है, ताकि वेतन तैयार करने और जारी करने में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो। नए आए बिलों को पुराने बिलों के वाउचर से मिलान किया जाता है। इसके बाद ही बिलों को मंजूर करते हुए वेतन जारी किया जाता है।
कर्मचारी बोले- पहले सैलरी 1 तारीख को आती थी, अब डेट फिक्स न हाेने से परेशानी
ट्रेजरी द्वारा बिलों को नहीं लिए जाने की वजह से सूबे के कर्मचारियों को अपने अप्रैल माह का वेतन अब मई महीने में 10 मई के बाद ही मिलेगा। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पिछले महीने भी ऐसी की समस्या बता कर बिलों को लेने में देरी की गई थी। जिसकी वजह से कर्मचारियों को बीते महीने भी वेतन मिलने में देरी का सामना करना पड़ा था।
किस्तें 5 तारीख तक कट जाती हैं, खाते में पैसे न होने से बैंक वसूल रहे ओवर चार्ज
कर्मचरियों का कहना है कि कर्मचारियों द्वारा अपने घरों या दूसरी चीजों के लिए लोन लिया होता है। ईएमआई पहली से 5 तारीख के बीच में कट जाती है। एकाउंट में पैसे न होने पर बैंक ओवर चार्ज वसूल रहे हैं। ये और बड़ी परेशानी है। ऐसे में कर्मचरियों को किस्तों की चिंता सताती रहती है कि वह लोन की किस्त चुकाए या अपने घरों के खर्च को चलाए।
अगर ऐसा ही रहा तो कर्मचारी आंदोलन करने को हो जाएंगे मजबूर
लेखा विभाग द्वारा ट्रेजरी को बिल बना कर भेज दिए गए थे। लेकिन बिलों को नहीं लिया गया। ट्रेजरी द्वारा कहा गया है कि एनआईसी के साॅफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से बिलों का मिलान नहीं किया जा सकता है। जबकि पिछले महीने भी यही समस्या थी। कर्मचारियों में वेतन जारी करने को लेकर हो रही देरी से संगठन नाराज है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। -सुखचैन खैहरा
राज्य के 8 जिलों में किसान-मजदूरों ने किया प्रदर्शन; गुरदासपुर, पठानकोट और अमृतसर 150 कारीगर श्रीनगर में फंसे
जालंधर. पंजाब में कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पिछले 39 दिन से कर्फ्यू लगा हुआ है। लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है, वहीं दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाए जाने का क्रम भी जारी है। हालांकि इनमें से कई में कोरोना के लक्षण पाए जाने के चलते चिंता भी बढ़ी है। दूसर बड़ी परेशानी लॉकडाउन के चलते कर्मचारियों के वेतन की है। इसी बीच किसान भी परेशान हो रहे हैं। राज्य के आठ जिलों के 277 गांवों में रोष प्रदर्शन किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने सरकार से गेहूं पर लगाए गए वैल्यू कट को हटाने, किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं पर बोनस दिए जाने और मंडियों में खरीद प्रबंध सही कराने की मांग की।
कोरोना अपडेट
- राज्य में अब तक कुल 399 लोगों को संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। जालंधर जिले में सबसे ज्यादा 89 मामले सामने आए हैं। कुल संक्रमितों में से राज्य में 20 की मौत भी हो गई है। मृतकों में छह माह की बच्ची, लुधियाना के एसीपी, अमृतसर के पद्मश्री रागी निर्मल सिंह भी शामिल रहे।
- बीते दिनों जहां तब्लीगी जमात से जुड़े लोग संक्रमण की चेन तोड़ने में बड़ी चुनौती बने हुए थे, वहीं अब बाहरी राज्यों से लाए जा रहे, खासकर नांदेड़ से लौट रहे श्रद्धालु बड़ी परेशानी बन चुके हैं। बुधवार को सामने आए 54 मामलों में 42 श्रद्धालुओं के हैं।
- बड़ी परेशानी कर्मचारियों के वेतन की आ रही है। जालंधर में नगर निगम कर्मियों को वेतन देने के लिए हर माह करीब 13 करोड़ रुपए की जरूरत होती है। वहीं, मेयर जगदीश राज राजा के मुताबिक नगर निगम के पास इस समय 40 करोड़ रुपए से ज्यादा के फंड मौजूद हैं। इसी तरह पठानकोट और दूसरे शहरों में भी जीएसटी के फंड से निगम कर्मियों को वेतन दिया जाएगा।
बठिंडा: 4 दिन पहले भेजी गई 80 बसें नांदेड़ से श्रद्धालुओं को लेकर लौटी
श्री हुजूर साहिब नांदेड़ में फंसे श्रद्धालुओं को सरकार के आदेशों पर पंजाब में लाया। चार दिन पहले 80 बसें नांदेड़ भेजी थी, जो डबवाली के रास्ते डूमवाली बॉर्डर पर पहुंची। बठिंडा प्रशासन द्वारा इनका डाटा कलेक्ट करने के बाद इन्हें यहां क्वारैंटाइन करने की बजाय उनके जिलों में भेज दिया। इसके साथ ही वहां के प्रशासन को सूचित कर दिया कि जिलों में कितने-कितने यात्री आ रहे हैं।
गुरदासपुर: विधायक से फोन पर संपर्क किया श्रीनगर में फंसे लोगों ने
पंजाब के करीब 150 लकड़ी कारीगर श्रीनगर के तराल डिग्री कॉलेज में फंसे हुए हैं। इनमें से अधिकतर जिला गुरदासपुर और शेष पठानकोट व अमृतसर से संबंधित हैं। इन्होंने विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा से फोन पर संपर्क कर उन्हें वापस लाने की गुहार लगाई गई है। विधायक ने मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के ध्यान में लाकर उन्हें जल्द वापस लाने का आश्वासन दिया है।
लुधियाना: राशन के लिए प्रदर्शन कर रही भीड़ में पथराव, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
लुधियाना के वार्ड-30 के पार्षद जसपाल सिंह ग्यासपुरा के दफ्तर के सामने राशन न मिलने से नाराज लोग रोज धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आज फिर सैकड़ों श्रमिकों ने नारे लगाए। इसी बीच कुछ युवकों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। उपद्रव की स्थिति काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें दबोच लिया। इसी बीच पार्षद जसपाल सिंह ग्यासपुरा मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को शांत कराया। उन्होंने कहा कि वह राशन के लिए सरकार से लड़ रहे हैं।
पठानकोट: रास्ता बंद होने पर लोगों ने की शिकायत, टीम ने आकर खुलवाया
सुजानपुर के मोहल्ला शहीद भगत सिंह नगर में बंद मुख्य सड़क को लेकर लोग गुस्सा गए। शहीद भगत सिंह नगर कंटेनमेंट एरिया से बाहर है और मोहल्ले में एक महिला की मृत्यु हुई है, वहीं शमशान जाने वाला दूसरा रास्ता काफी दूर है, इसलिए जिला प्रशासन इस रास्ते को तुरंत खोलने की मांग की। कंट्रोल रूम पठानकोट और डीएसपी धार सुखजिंदर सिंह को शिकायत की गई तो ड्यूटी मजिस्ट्रेट बलदेव सिंह ने आकर मौका देखा व रास्ता खोलने के आदेश दिए।