नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में जारी अंतर्कलह के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को दिल्ली में पहले प्रियंका गांधी और फिर राहुल गांधी से मुलाकात की। दो दिन से दिल्ली में डेरा डाले सिद्धू की मुलाकात मंगलवार को नहीं हो पाई थी। मीडिया में दिनभर अटकलों के बाद शाम को राहुल ने स्पष्ट किया कि आज सिद्धू से मीटिंग का शेड्यूल तय नहीं था। बुधवार शाम को राहुल गांधी से मिलने के बाद ये माना जा रहा है कि सिद्धू की बातों पर पार्टी ने गौर किया है और उनकी नाराजगी दूर हो गई है।
सिद्धू सोशल मीडिया के जरिये सीएम कैप्टन अमरिंदर पर लगातार निशाना साध रहे हैं। उधर, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस में सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। प्रियंका के साथ बातचीत के बाद सिद्धू इस पर राजी हो गए हैं। कांग्रेस जल्द इसका ऐलान कर सकती है।
सिद्धू-प्रियंका के बीच 4 घंटे की मीटिंग
सिद्धू -प्रियंका के बीच करीब चार घंटे मुलाकात चली। इस बैठक की डिटेल सामने नहीं आ पाई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- प्रियंकाजी के साथ लंबी बैठक चली।

बादल ने सिद्धू पर कसा तंज
प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सिद्धू पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘नवजोत सिंह एक मिसगाइडेड मिसाइल हैं, जो नियंत्रण में नहीं हैं, खुद सहित किसी भी दिशा में हिट कर सकते हैं।’ सिद्धू ने भी इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आपके भ्रष्ट व्यवसायों को तबाह करने के लिए गाइडेड और लक्ष्य केंद्रित हूं, जब तक पंजाब के खंडहरों पर बने आपके सुख विलास को पंजाब के गरीबों की सेवा के लिए एक पब्लिक स्कूल और सार्वजनिक अस्पताल में नहीं बदला जाता, मैं झुकूंगा नहीं।
गुटबाजी खत्म करने पैनल बनाया
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे, जय प्रकाश अग्रवाल और हरीश रावत हैं। यह कमेटी कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करके उनका फीडबैक लेगी। कांग्रेस के लिए पंजाब महत्वपूर्ण राज्य है, क्योंकि यह उन कुछ राज्यों में से है। जहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में है। अगर गुटबाजी बनी रही तो इसका असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
इसलिए बिगड़ी बात
- 2015 के गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद कोटकपूरा में धरने पर बैठे लोगों पर हुई फायरिंग को लेकर पंजाब सरकार ने SIT बनाई थी। पिछले महीने हाईकोर्ट ने इस SIT और उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस में खासी खींचतान शुरू हो गई। कांग्रेस के एक धड़े ने यह आरोप लगाया कि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में सही ढंग से केस को पेश नहीं किया, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू इस मसले को लेकर लगातार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते आ रहे हैं।
- पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा, सांसद रवनीत बिट्टू एकजुट हो गए। इसके बाद विधायक परगट सिंह, सुरजीत सिंह धीमान ने भी सरकार की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए।
- हाल ही में 26 मई को किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर एक ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान संगठनों से प्रदर्शन नहीं करने की अपील की थी, वहींं इसके उलट नवजोत सिद्धू ने पटियाला और अमृतसर स्थित अपने घर पर कृषि कानूनों के विरोध में काले झंडे फहराए थे।