Kartarpur Corridor Inauguration Live: कॉरिडोर को कम वक्त में तैयार करने के लिए मैं इमरान खान का धन्यवाद देता हूं: मोदी
Kartarpur Corridor Opening पिछले सत्तर वर्षों से भारतीय सिखों को जिसका बेसब्री से इंतजार था वो ख्वाहिश आज यानी 9 नवंबर को पूरी हो रही है. श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शनिवार) करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. करतारपुर कॉरिडोर भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाक स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए रवाना करेंगे तो वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इनका स्वागत करेंगे.
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करतारपुर साहिब दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का इंतजार खत्म
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करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह
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करतारपुर साहिब में मत्था टेक सकेंगे भारतीय सिख श्रद्धालु
पीएम मोदी आज सुबह सुल्तानपुर लोधी स्थित बेर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका. भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत आज से होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों मुल्कों के बीच बने इस नए गलियारे का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी इस गलियारे से जाने वाले पहले जत्थे को भी रवाना करेंगे.
#WATCH PM Modi speaking at the inauguration of the Integrated Check Post of #KartarpurCorridor https://t.co/HlpnpWrXvK
— ANI (@ANI) November 9, 2019
नई दिल्ली/इस्लामाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेरा बाबा नानक में कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को कम वक्त में तैयार करने के लिए मैं इमरान खान का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान के श्रमिक साथियों का भी आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इतनी तेजी से अपनी तरफ के कॉरिडोर को पूरा करने में मदद की। वे सुबह करीब 11 बजे डेरा बाबा नानक पहुंचे थे। यहां वे सिखों के पाकिस्तान स्थित तीर्थ स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब और भारत स्थित डेरा बाबा नानक साहिब को जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले वे पंजाब के सुल्तानपुर लोधी पहुंचे थे। यहां उन्होंने बेर साहिब गुरुद्वारे में माथा टेका। उधर, सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था भारत से पाकिस्तान स्थित करतारपुर कॉरिडोर पहुंचा।
Punjab: Prime Minister Narendra Modi arrives at Sultanpur Lodhi to pay obeisance at the Ber Sahib Gurudwara, Chief Minister Captain Amarinder Singh receives him. PM will inaugurate the Integrated Check Post of the #KartarpurCorridor at Dera Baba Nanak in Gurdaspur, today. pic.twitter.com/UZdXlAAucW
— ANI (@ANI) November 9, 2019
डेरा बाबा नानक में अकाली नेता सुखबीर बादल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, गुरदासपुर से सांसद सन्नी देयोल ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। यहां मोदी ने भजन-कीर्तन में हिस्सा लिया। उधर, पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर टर्मिनल पहुंचे, जहां से वे पहले जत्थे के साथ करतारपुर साहिब के दर्शन करने पाकिस्तान जाएंगे।
मोदी 1 बजे श्रद्धालुओं का जत्था रवाना करेंगे
मोदी पहले जत्थे में 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं को रवाना करेंगे और पाकिस्तान में उनका स्वागत इमरान करेंगे। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू जैसे वीआईपी भी शामिल हैं। पाकिस्तान सरकार ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर प्यार का गलियारा है। 12 नवंबर को सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव की 550वीं जयंती है। इससे 3 दिन पहले कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा। मोदी शनिवार को 12 बजे कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए बटाला पहुंचेंगे। इसके बाद वे यहां से 7 किलोमीटर दूर डेरा बाबा नानक साहिब पहुंचकर दोपहर एक बजे श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना करेंगे।
Punjab: Congress leader Navjot Singh Sidhu arrives at Integrated Check Post of the #KartarpurCorridor pic.twitter.com/JgNEckqK62
— ANI (@ANI) November 9, 2019
श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में 117 वीआईपी
श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब सरकार के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, गुरदासपुर से भाजपा सांसद सनी देओल शामिल हैं। इस जत्थे में 117 वीआईपी हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को पाकिस्तान सरकार खुली जीप में करतारपुर साहिब तक ले जाने की तैयारी में है। भारत ने सभी की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने को कहा है।
भारत में 7 हजार जवान, पाकिस्तान में रेंजर्स पर सुरक्षा का जिम्मा
कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए भारत में 7 हजार जवान तैनात किए गए हैं। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत में 100 सदस्यों वाला विशेष ‘पर्यटन पुलिस बल’ तैनात किया गया है। कॉरिडोर की सुरक्षा का जिम्मा पाकिस्तानी रेजरों पर है और पंजाब पुलिस उनके साथ कोऑर्डिनेशन करेगी।
Punjab: Prime Minister Narendra Modi arrives at Dera Baba Nanak; meets Former Chief Minister of Punjab, Parkash Singh Badal #Kartarpur pic.twitter.com/0XaoJi8oTq
— ANI (@ANI) November 9, 2019
करतारपुर कॉरिडोर: भारत-पाकिस्तान में सद्भाव का 5वां सबसे बड़ा कदम
सिंधु जल संधि: 1960 में नेहरू-अयूब में समझौता
– जल विवाद पर एक सफल उदाहरण है। कराची में 19 सितंबर, 1960 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। दोनों देशों में दो युद्धों के बावजूद ये संधि कायम है। सिंधु का इलाका करीब 11.2 लाख किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। पाक में 47%, भारत (39%), चीन (8%) और अफगानिस्तान (6%) में है।
समझौता एक्सप्रेस: 1976 में अटारी-वाघा के बीच चली ट्रेन
– दोनों देशों में सौहार्द बढ़ाने के लिए 22 जुलाई 1976 को अटारी-लाहौर के बीच शुरू की गई थी। समझौता एक्सप्रेस अटारी-वाघा के बीच 3 किमी का रास्ता तय करती है। इस ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड चेंज नहीं होते। शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों के ऊपर प्राथमिकता दी जाती है। फिलहाल ट्रेन बंद है।
मैत्री बस सेवा : करगिल युद्ध में भी बस बंद नहीं की
– 19 फरवरी 1999 को मैत्री बस की शुरुआत की गई। उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। वह पाकिस्तान भी गए थे। 1999 में जब करगिल हुआ, तो भी बस को बंद नहीं किया गया। हालांकि, 2001 में संसद पर हमले के इसे रद्द कर दिया गया। यह 2003 में फिर से चली। फिलहाल, बस सेवा है।
सीजफायर संधि : सीमा पर शांति के लिए बढ़ाए हाथ
– सीमा पर शांति के लिए दोनों देशों ने 2003 में युद्धविराम का ऐलान किया था। 25 नवंबर 2003 की आधी रात से युद्धविराम लागू हुआ था। अटल बिहारी वायपेयी की पहल के बाद एक औपचारिक युद्धविराम का ऐलान किया था। हालांकि, इसका उल्लंघन भी किया जा रहा है।
पाकिस्तान के वो 4 गुरुद्वारे जहां कण-कण में नानक
First 'Jatha' of Sikh pilgrims from India arrive in Pakistan through the #KartarpurCorridor. Prime Minister Narendra Modi will inaugurate the Integrated Check Post of the #KartarpurCorridor at Dera Baba Nanak in Gurdaspur, today. pic.twitter.com/iZQLLaTKA7
— ANI (@ANI) November 9, 2019
गुरुद्वारा ननकाना साहिब (लाहौर)
– लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दूर गुरु नानक जी का जन्म स्थान है। पहले इसे राय भोए दी तलवंडी के नाम से जानते थे। नानक जी के जन्म स्थान से जुड़ा होने से अब यह ननकाना साहिब बन गया है। गुरुद्वारा ननकाना साहिब लगभग 18,750 एकड़ में है। ये जमीन तलवंडी गांव के एक मुस्लिम मुखिया राय बुलार भट्टी ने दी थी।
करतारपुर साहिब (नारोवाल)
– सिखों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। गुरु नानक 4 यात्राओं को पूरा करने के बाद यहीं बसे थे। यहां उन्होंने हल चलाकर खेती की। गुरु जी अपने जीवन काल के अंतिम 18 वर्ष यहीं रहे और यहीं अंतिम समाधि ली। यहीं गुरु जी ने रावी नदी के किनारे ‘नाम जपो, किरत करो और वंड छको’ का उपदेश दिया था। लंगर की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। यह नारोवाल जिले में है।
गुरुद्वारा पंजा साहिब (रावलपिंडी)
– रावलपिंडी से 48 किलोमीटर दूर है। बताते हैं कि एक बार गुरु जी अंतरध्यान में थे, तभी वली कंधारी ने पहाड़ के ऊपर से एक विशाल पत्थर को गुरु जी पर फेंका। जब पत्थर उनकी तरफ आ रहा था, तभी गुरु जी ने अपना पंजा उठाया और वह पत्थर वहीं हवा में ही रुक गया। इस कारण गुरुद्वारे का नाम ‘पंजा साहिब’ पड़ा। आज भी पंजे के निशान ज्यों के त्यों है।
गुरुद्वारा चोआ साहिब (पंजाब प्रांत)
– यहां श्री गुरु नानक देव जी ठहरे थे, यह जगह 72 साल बाद 550वें प्रकाश पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए खोली गई है। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद है। इस गुरुद्वारा साहिब को महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाने का काम शुरू किया था, जो 1834 में बनकर पूरा हुआ। 72 वर्ष बंद रहे इस गुरुद्वारे में बनी भित्ति चित्रकला लगभग लुप्त हो चुकी है।