PM का राष्ट्र के नाम संबोधन:मोदी ने तीनों नए कृषि कानून वापस लिए; कहा- सरकार इन्हें नेक नीयत के साथ लाई थी

प्रधानमंत्री आज राष्ट्र के नाम संदेश दे रहे हैं। पीएमओ की तरफ से ट्वीट किया गया है कि आज गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व है। आज पीएम मोदी सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण करने यूपी के महोबा जाएंगे। फिर शाम को झांसी में राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व में सम्मिलित होंगे।

नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित किया। इस संबोधन में मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का बड़ा ऐलान किया। अपने 18 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए। सुबह 9 बजे शुरू हुआ उनका संबोधन कोरोना के दौर में देश के नाम 11वां संदेश था। प्रधानमंत्री के संबोधन को यहां देखा जा सकता है..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाएगा। कृषि में सुधार के लिए तीन कानून लाए गए थे, ताकि छोटे किसानों को और ताकत मिले। सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री मांग कर रहे थे। जब ये कानून लाए गए, तो संसद में चर्चा हुई। देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया। लेकिन हम कुछ किसानों को कृषि कानूनों के लाभ समझाने में असफल रहे। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पूरा सेवा भाव से जनता की सेवा करने में जुटी हुई है। इसी के परिणामस्‍वरूप देश सपनों को पूरा होते हुए देख रहा है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि उन्‍होंने किसानों की मुश्किलों और तकलीफों को बेहद करीब से महसूस किया है। किसानों की मौजूदा सभी परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्‍ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। ये सभी किसान कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए थे, जिन्‍हें आखिरकार केंद्र की मोदी सरकार ने मान लिया है।

मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है। आज गुरुनानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है। मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘कृषि में सुधार के लिए तीनों कानूनों का देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया। मैं सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं। साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था। हमने बातचीत का प्रयास किया। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया। पीएम मोदी ने कहा, हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया। साथ ही पीएम मोदी ने किसानों से अपील की, आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरुआत करते हैं। आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रद करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर दें।’

उन्‍होंने बताया, ‘ किसानों के लिए एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे। इसके साथ ही आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है। जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए।

किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने कहा- मैंने किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है। जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा का मौका दिया तो हमने किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। बहुत लोग अनजान हैं कि देश के 100 में से 80 किसान छोटे किसान हैं। उनके पास 2 हैक्टेयर से भी कम जमीन है। इनकी संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी जिंदगी का आधार यही छोटी सी जमीन का टुकड़ा है।

मोदी ने कहा कि ये किसान इसी जमीन से अपने परिवार का गुजारा करते हैं, इसलिए देश के छोटे किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए बाजार, बीमा, बीज और बचत पर चौतरफा काम किया। हमने किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ नीम कोटेड यूरिया और स्वाइल हेल्थ कार्ड जैसी सुविधा दी। इन प्रयासों से प्रोडक्शन बढ़ा। हमने फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा। बीते चार साल में एक लाख करोड़ से अधिक का मुआवजा किसान भाई-बहनों को मिला है।

हम छोटे किसानों के लिए बीमा और पेंशन की सुविधा भी लाए। हम उनकी सुविधाओं को ध्यान रखते हुए उनके खातों में सीधे एक लाख बासठ हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। उन्हें उनकी उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी कई कदम उठाए। इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया, एमएसपी बढ़ाई। इससे उपज कि पिछले कई रिकॉर्ड टूट गए है। देश की मंडियों को ईनाम योजना से जोड़कर किसानेां को अपनी उपज कहीं भी बेचने का प्लेटफॉर्म दिया। कृषि मंडियों पर करोड़ों रुपए खर्च किए। पहले के मुकाबले देश का कृषि बजट 5 गुना बढ़ गया है।

तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया
मोदी ने कहा कि किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए दस हजार एफपीओ किसान उद्पादक संगठन बनाने की भी प्लनिंग है, इस पर सात हजार करोड़ रुपए का फंड खर्च किए जा रहे हैं। हमने क्रॉप लोन बढ़ा दिया। यानी हमारी सरकार किसानों के हित में लगातार एक के बाद एक कदम उठाती जा रही है। पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। साथियों किसानों की इसी अभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे। देश के किसानों को खासकर छोटे किसानों को फायदा हो। यह मांग देश में लंबे समय से होती रही थी। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था। इस बार भी संसद में चर्चा हुई मंथन हुआ और यह कानून लाए गए। देश में अनेक किसान संगठनों ने इसका संमर्थन किया। मैं आज उन सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं। धन्यवाद करता हूं।

मोदी ने कहा- हम नेक नीयत से कानून लाए, लेकिन समझा नहीं पाए
हमारी सरकार किसानों के लिए खासकर छोटे किसानों के हित में पूरी सत्य निष्ठा से किसानों के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से यह कानून लेकर आई थी, लेकिन यह हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। बातचीत भी होती रही। हमने किसानों की बातों को समझने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें एतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई। साथियों मैं आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नही है। मैं आज यह पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला लेने का फैसला करता हूं। इसी महीने हम इसे वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे।

दिवाली पर 100 करोड़ वैक्सीनेशन पर बधाई दी थी
कोरोना काल के 20 महीने में मोदी 10 बार राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं। यह इस साल का उनका चौथा संबोधन है। दिवाली से पहले दिए 20 मिनट के संबोधन में मोदी का ज्यादातर फोकस कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज पूरे होने और महामारी से निपटने के तरीकों पर रहा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक संदेश भी दिया कि महामारी के वक्त जो सवाल उठे थे, देश ने उनके जवाब दे दिए हैं। साथ ही साथ उन्होंने अर्थव्यवस्था, किसानों और त्योहारों का भी जिक्र किया, तो मास्क को लेकर नया मंत्र भी दिया।

संसद सत्र में पूरी होगी प्रक्रिया
पीएम मोदी ने कहा, आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.

किसानों से की ये अपील
पीएम मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों से अपील की. पीएम मोदी ने कहा, मैं आंदोलन कर रहे किसानों से गुरु पर्व के मौके पर अपील करता हूं कि आप अपने अपने घर लौट जाएं. आप खेतों में लौटें, परिवार के बीच लौटें, आईए मिलकर एक नई शुरुआत करते हैं.

कोरोना के दौर में मोदी के पिछले संबोधन

तारीख घोषणा समय
19 मार्च 2020 जनता कर्फ्यू की घोषणा 29 मिनट
24 मार्च 2020 21 दिन का लॉकडाउन 29 मिनट
3 अप्रैल 2020 दीप जलाने की अपील 12 मिनट
14 अप्रैल 2020 लॉकडाउन-2 की घोषणा 25 मिनट
12 मई 2020 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा 33 मिनट
30 जून 2020 अन्न योजना नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा 16 मिनट
20 अक्टूबर 2020 जनता से अपील- जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं 12 मिनट
20 अप्रैल 2021 देश को लॉकडाउन से बचाने के लिए राज्यों को सलाह 19 मिनट
7 जून 2021 18+ वालों को फ्री वैक्सीन का ऐलान 32 मिनट
22 अक्टूबर 2021 कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज पूरे होने पर 20 मिनट

 

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