संसद में मोदी की 1:35 घंटे की स्पीच:राहुल के झुग्गियों में फोटो सेशन, विरासत की राजनीति, अर्बन नक्सल; पढ़ें क्या-क्या कहा…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में भाषण दिया। 1:35 घंटे की स्पीच में उन्होंने नाम लिए बिना गांधी परिवार, केजरीवाल और विपक्ष के नेताओं के आरोपों के जवाब दिए।

पीएम ने गांधी परिवार का नाम लिए बिना कहा- कुछ लोग जाति जनगणना की बात कर रहे हैं। कोई बताए इस देश में कभी किसी SC या ST परिवार के तीन सांसद एक समय में हुए हैं। गांधी परिवार से इस समय तीन सांसद हैं। राहुल और प्रियंका लोकसभा में और सोनिया गांधी राज्यसभा में सांसद हैं।

पीएम ने राहुल का नाम लिए बिना कहा- गरीबों की झोपड़ी में फोटो सेशन कराने वालों को गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी। राहुल गांधी ने सोमवार को कहा था- राष्ट्रपति का भाषण बोरिंग था।

 

पीएम ने कहा- दिल्ली में आपको कई स्थान ऐसे मिलेंगे, जहां कुछ परिवारों ने अपने म्यूजियम बनाकर रखे हैं। हमने पीएम म्यूजियम बनाया। देश के पहले से लेकर मेरे पूर्व तक के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन और कार्य को दिखाया गया है।

 

राष्ट्रपति के खिलाफ बोलना विकृत मानसिकता

राष्ट्रपति जी के भाषण के बाद, एक महिला, एक गरीब का सम्मान न कर सकें आपकी मर्जी है, लेकिन क्या-क्या कहकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। मैं राजनीतिक हताशा समझ सकता हू्ं, लेकिन एक राष्ट्रपति के खिलाफ? क्या कारण है? आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़कर विमेन लेड डेवलपमेंट को लेकर आगे बढ़ रहा है। आधी आबादी को पूरा अवसर मिले तो भारत दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। ये मेरा विश्वास है। पिछले 10 साल में सेल्फ हेल्प ग्रुप में 10 करोड़ नई महिलाएं जुड़ी हैं, ये वंचित परिवारों से हैं, ग्रामीण बैकग्राउंड से हैं। उनका सामाजिक स्तर ऊपर उठा, सरकार ने इनकी मदद 20 लाख तक बढ़ा दी है।

राहुल का नाम लिए बिना जेएफके की फॉरगेटन क्राइसेस किताब पढ़ने की सला दी  

यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई, कुछ लोगों को लगता है कि जब तक फॉरेन पॉलिसी न बोलें, तब तक मेच्योर नहीं लगेंगे। ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर सच में इस सब्जेक्ट में रुचि है और उसे समझना है, आगे जाकर कुछ करना है। मैं ऐसे लोगों से कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें, तब कब कहां क्या बोलना है समझ आ जाएगी। जेएफके की फॉरगेटन क्राइसेस किताब है। इसे प्रसिद्ध फॉरेन पॉलिसी स्कॉलर ने लिखी, अहम घटनाओं का जिक्र किया है। इसमें पहले पीएम नेहरू और अमेरिका के राष्ट्रपति जॉनएफ केनेडी के बीच की चर्चाओं का जिक्र है। जब देश चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विदेश नीति के नाम पर खेल हो रहा था। जरा ये किताब पढ़िए।

राहुल ने जाति जनगणना की मांग की, मोदी ने पूछा- क्या कभी किसी SC-ST परिवार के तीन लोग एक साथ संसद में रहे सोमवार को राहुल गांधी ने अपने भाषण में एक बार फिर जाति जनगणना की मांग दोहराई थी। इसके जवाब में मोदी ने कहा- पिछले 30 साल से OBC समाज के सांसद एक होकर ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे। यह मांग हमने पूरी की। कोई मुझे बताए क्या एक ही समय में संसद में SC या ST वर्ग के एक ही परिवार के तीन सांसद हुए हैं क्या? PM ने यह तंज गांधी परिवार पर कसा। इस समय राहुल और प्रियंका लोकसभा में और उनकी मां सोनिया गांधी राज्यसभा में सांसद हैं।

देश से बड़ा कुछ नहीं हो सकता

हमें और बढ़े लक्ष्य पार करके रहेंगे। ये तो अभी हमारी तीसरी ही टर्म है। हम देश की आवश्यकता के अनुसार आधुनिक भारत बनाने के लिए आने वाले अनेक वर्षों तक जुटे रहने वाले लोग हैं। मैं सभी दलों से आग्रह करता हूं कि अपनी अपनी राजनीतिक विचारधाराएं होंगे, लेकिन देश से बड़ा कुछ नहीं हो सकता है। मिलकर विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे। देश विकसित होगा, हमारे बाद की जो पीढ़ियां होंगी। कहेंगी कि 2025 में एक संसद थी, जिसका हर सांसद देश को विकसित बनाने के लिए काम कर रहा है।

हमने तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण का रास्ता चुना

पिछले 10 साल में हर सप्ताह एक नई यूनिवर्सिटी बनी है। हर दिन एक नई आईटीआई बनी। हर 2 दिन में एक नया कॉलेज खुला है। एससी-एसटी-ओबीसी युवाओं के लिए कितनी वृद्धि हुई है। हम हर योजना के पीछे लगे, 100 फीसदी लागू कर रहे हैं। एक रुपया और 15 पैसे वाला खेल नहीं चल सकता। कुछ लोगों ने तुष्टीकरण किया। एक को दो दूसरे को तरसाओ। हमने तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण का रास्ता चुना। हर समाज और हर वर्ग के लोगों को बिना भेदभाव उनके हक का देने का काम किया।

कल दिल्ली में वोटिंग, संसद से शीशमहल का जिक्र दिल्ली चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले बोल रहे पीएम ने कहा- पहले अखबारों की हैडिंग होती थी। इतने लाख के घोटाले, 10 साल हो गए ये घोटाले न होने से भी लाखों करोड़ रुपए बचे हैं। जो जनता की सेवा में लगे। हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया, देश बनाने में किया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट 1.80 लाख करोड़ था। आज 11 लाख करोड़ रुपया बजट है।

अमित शाह के अंबेडकर विवाद को खत्म करने की कोशिश शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा था- खड़गे जी दिनभर अंबेडकर-अंबेडकर करते हैं। इतना वे भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग मिलता। इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था। पीएम ने इसे डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की। पीएम ने कहा- जो संविधान की बात करते हैं, उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है। अंबेडकर ने पानी की योजनाओं को लेकर उनका विजन था। 100 से ज्यादा लटकी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया। नदियों को जोड़ने की वकालत अंबेडकर ने की, लेकिन दशकों तक कुछ नहीं हुआ। हमने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट शुरू कर दिया।

 

विकसित भारत 140 करोड़ देशवासियों का सपना

विकसित भारत का सपना सरकारी सपना नहीं, 140 करोड़ देशवासियों का सपना है। दुनिया में उदाहरण हैं। 20-25 साल के कालखंड में दुनिया के कई देश विकसित हुए। हमारे पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, डिमांड है तो हम क्यों नहीं बन सकते।

 

हम इलेक्ट्रिकल सामान एक्सपोर्ट कर रहे

2014 से पहले खिलौने जैसी चीजें इम्पोर्ट करते थे। आज छोटे उद्योग दुनिया में एक्सपोर्ट कर रहे हैं और खिलौने के आयात में कमी आई। खिलौनों के एक्सपोर्ट में 239 फीसदी की बढ़ोतरी आई है। इलेक्ट्रिकल सामान एक्सपोर्ट कर रहे हैं।

 

छोटे उद्योग आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक

एमएसएमई बहुत बड़ी संख्या में रोजगार लाता है। ये छोटे उद्योग आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक हैं। हमारा एमएसएमई सेक्टर योगदान दे रहा है। इन्हें सरलता, सहूलियत और संपर्क दे रहे हैं। मिशन मैन्युफैक्चिरिंग शुरू किया है। इसमें सुधार के लिए 2006 में इसके लिए एक क्राइटेरिया बना था। हमने 10 साल में इसे अपडेट करा। हर तरफ उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है। कोविड के समय एमएसएमई को विशेष बल दिया गया। हमने खिलौना उद्योग को बढ़ावा दिया, कपड़ा उद्योग को कैश फ्लो की कमी नहीं होने दी। बिना किसी गारंटी लोन दिया। नौकरियां बढ़ीं। छोटे उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज की दिशा में कदम उठाए।

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