स्वतंत्रता दिवस पर 90 मिनट बोले मोदी:नेहरू से बात शुरू, नौजवानों पर खत्म; 100 लाख करोड़ की गति शक्ति योजना, बेटियों के लिए सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75वें स्वतंत्रता दिवस पर आठवीं बार लाल किले पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया जाएगा। साथ ही कहा कि 100 लाख करोड़ से भी ज्यादा की योजना लाखों नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर लेकर आने वाली है।

मोदी के भाषण की खास बातें

1. स्वतंत्रता सेनानियों और नेहरू को याद किया
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आजादी को जन आंदोलन बनाने वाले बापू हों या सब कुछ न्यौछावर करने वाले नेताजी हों, भगत सिंह, आजाद, बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां, झांसी की लक्ष्मी बाई या चित्तूर की रानी कनम्मा हों, देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू हों, सरदार पटेल हों, दिशा देने वाले अंबेडकर हों.. देश हर व्यक्ति और व्यक्तित्व को याद कर रहा है। देश सभी का ऋणी है।’

2. ओलिंपिक खिलाड़ियों के सम्मान में बजवाईं तालियां
मोदी ने कहा, ‘इस आयोजन में ओलिंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली युवा पीढ़ी एथलीट्स और हमारे खिलाड़ी मौजूद हैं। मैं देशवासियों को और हिंदुस्तान के कोने-कोने में मौजूद लोगों से कहना चाहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के सम्मान में कुछ पल तालियां बजाकर उनका सम्मान करें।

भारत के खेलों का सम्मान, भारत की युवा पीढ़ी का सम्मान, भारत को गौरव दिलाने वाले युवाओं का सम्मान, करोड़ों देशवासी आज तालियों की गड़गड़ाहट के साथ देश के जवानों का, युवा पीढ़ी का सम्मान कर रहे हैं। एथलीट्स पर विशेष तौर पर हम ये गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने दिल ही नहीं जीता, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।’

3. हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाएंगे
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। ये पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया। कल ही भारत ने एक भावुक निर्णय लिया है। अब से हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

जो लोग विभाजन के समय अमानवीय हालात से गुजरे, अत्याचार सहे, सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नसीब नहीं हुआ। उनका हमारी स्मृतियों में जीवित रहना जरूरी है। इस दिवस का तय होना, ऐसे लोगों को हर भारतवासी की तरफ से आदर पूर्वक श्रद्धांजलि है।’

4. कोरोना वैक्सीन में आत्मनिर्भर रहे
मोदी ने कहा, ‘प्रगति की तरफ बढ़ रहे देश के सामने कोरोना का कालखंड चुनौती के रूप में आया है। धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा भी गया है। हमारे सामने अनेक चुनौतियां थीं। हर क्षेत्र में हम देशवासियों ने असाधारण गति से काम किया है। हमारे उद्यमियों की मेहनत का परिणाम है कि भारत को वैक्सीन के लिए किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा।

पल भर सोचिए अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता। पोलियो की वैक्सीन पाने में हमारे कितने साल बीत गए। इतने बड़े संकट में, जब पूरी दुनिया में महामारी हो तो वैक्सीन कैसे मिलती। भारत को मिलती या नहीं, या कब मिलती। पर आज गर्व से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम हमारे देश में चल रहा है।

समृद्ध देशों के पास जो सुविधाएं हैं, हमारे पास वो नहीं हैं। दूसरी तरफ हमारे यहां जनसंख्या भी बहुत है। हमारी जीवनशैली भी कुछ अलग है। सामान्य प्रयासों के बाद भी कितने ही लोगों को हम बचा नहीं पाए। कितने ही बच्चों के सिर पर हाथ फेरने वाला चला गया। उसे दुलारने, उसकी जिद पूरी करने वाला चला गया। ये असहनीय पीड़ा और तकलीफ साथ रहने वाली है।’

5. नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये वो वक्त है, जब देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ता है। भारत की विकास यात्रा में वो समय आ गया है। 75 वर्ष के अवसर को हमें एक समारोह तक ही सीमित नहीं करना है। नए संकल्प को आधार बनाना है। नए संकल्पों को लेकर चल पड़ना है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा, जब आजादी की शताब्दी मनाएंगे। नए भारत के सृजन का अमृत काल है। हमारे संकल्पों की सिद्धि आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।

अमृत काल का लक्ष्य ऐसे भारत का निर्माण है, जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। ऐसे भारत का निर्माण, जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। जहां दुनिया का हर आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर हो, हम किसी से कम न हों। यही संकल्प है। लेकिन संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो। इसलिए हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा से सिद्ध करना है।’

6. नया मंत्र- सबका साथ-सबका विकास और अब सबका प्रयास
मोदी ने कहा, ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास। इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। आज लाल किले की प्राचीर से आह्वान कर रहा हूं। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 7 साल में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ों गरीबों के घरों तक पहुंचा है। उज्ज्वला योजना आयुष्मान भारत की ताकत देश जानता है।

सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है, निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। हम तेजी से आगे बढ़े, पर बात यहीं पूरी नहीं होती। हमें पूर्णता तक जाना है। शत-प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, बैंक अकाउंट हों, लाभार्थी को आयुष्मान कार्ड हो, उज्ज्वला योजना और गैस कनेक्शन हो, सरकार की बीमा, पेंशन, आवास योजना हो, सबसे हकदार लोग जुड़ें। शत प्रतिशत का मोड बनाकर चलना है। हमारे यहां कभी उन साथियों के बारे में नहीं सोचा गया, जो रेहड़ी लगाते हैं, ठेला चलाते हैं। हम इन लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ रहे हैं।’

7. गरीबों को मिलेगा पोषण युक्त चावल
प्रधानमंत्री ने गरीब बच्चों में कुपोषण पर चिंता जताते हुए कहा कि देश के हर गरीब तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है। गरीब बच्चों में कुपोषण और पौष्टिक पदार्थों की कमी, विकास में बाधा बनती है। तय किया है कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे पोषण युक्त करेगी। राशन दुकानों, मिड डे मील, 2024 तक हर योजना के तहत मिलने वाला चावल पोषण युक्त कर दिया जाएगा।

8. ऑक्सीजन प्लांट बढ़ाए जाएंगे
मोदी ने कहा कि सरकार ने मेडिकल शिक्षा में जरूरी सुधार किए, प्रिवेंटिव हेल्थ केयर में सुधार किया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के गांव-गांव तक क्वालिटी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दवा दी जा रही है। 75 हजार से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाए जा चुके हैं। अच्छे अस्पतालों और आधुनिक लैब के नेटवर्क पर काम किया जा रहा है। जल्द देश के हजारों अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट भी होंगे।

9. जो वर्ग पिछड़ा है, उसकी हैंड होल्डिंग करनी होगी
21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल समय की मांग है और जरूरी है। इसके लिए जो वर्ग पीछे है, जो क्षेत्र पीछे है, उनकी हैंड होल्डिंग करनी ही होगी। मूलभूत जरूरतों की चिंता के साथ ही, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण निश्चित किया जा रहा है। मेडिकल में ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है। ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार राज्यों को दे दिया गया है।

10. सौ लाख करोड़ की गति शक्ति योजना का ऐलान
प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश में जिस तरह से नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, उड़ान योजना जगहों को जोड़ रही है, ये अभूतपूर्व है। बेहतर कनेक्टिविटी लोगों के सपनों को नई उड़ान दे रही है। गति शक्ति का नेशनल मास्टर प्लान हम आपके सामने आएंगे। सौ लाख करोड़ से भी ज्यादा की योजना लाखों नौजवानों के लिए रोजगार लाएगी। गति शक्ति देश के लिए ऐसा नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर का मास्टर प्लान होगा। इकोनॉमी को इंटीग्रेटेड पाथवे देगा। गति शक्ति सभी रोड़ों को और कठिनाइयों को हटाएगी। सामान्य आदमी के ट्रेवल टाइम में कमी होगी, मैन्यूफैक्चरर्स को मदद होगी। अमृत काल के इस दशक में गति की शक्ति भारत के कायाकल्प का आधार बनेगी।

11. मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा
मोदी ने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने पहले स्वदेशी एयरक्राप्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को ट्रायल के लिए उतारा है। भारत आज अपना लड़ाकू विमान, सबमरीन बना रहा है। गगन यान भी अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए तैयार हो रहा है। ये स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग में हमारे सामर्थ्य को उजागर करता है। कोरोना के बाद उभरी नई आर्थिक परिस्थितियों में मेक इन इंडिया को स्थापित करने के लिए स्कीम बनी है। 7 साल पहले हम लगभग 8 बिलियन डॉलर के मोबाइल आयात करते थे। अब इंपोर्ट घटा है, आज हम 3 बिलियन डॉलर के मोबाइल एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं।

12. बेटियों के लिए खोले जाएंगे सभी सैनिक स्कूल
मोदी ने कहा कि खेल से लेकर हर जगह बेटियां कमाल कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपनी जगह लेने के लिए आतुर हैं। सड़क से लेकर वर्कप्लेस तक महिलाओं में सुरक्षा, सम्मान का भाव हो, इसके लिए शासन प्रशासन, पुलिस, नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभानी है। इस संकल्प को आजादी के 75 साल का संकल्प बनाना है। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया था। अब तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।

मोदी लाल किले पर हर बार अलग पगड़ी पहनकर आए
लाल किले पर तिरंगा फहराने के दौरान मोदी का पहनावा भी खास होता है। हर बार वे अलग तरह की पगड़ी पहने नजर आए हैं। इस बार उन्होंने केसरिया पगड़ी पहनी है। इसी तरह, हर बार उनके भाषण की लंबाई भी अलग-अलग रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 में 15 अगस्त को सातवीं बार लाल किले से झंडा फहराया था। इस दिन उन्होंने 86 मिनट तक देश को संबोधित किया था। यह उनकी तीसरी सबसे बड़ी स्पीच थी। इससे पहले 2019 में वे 93 मिनट बोले थे। वहीं, 2016 में 96 मिनट देश को संबोधित किया था। यही इनका अब तक का सबसे लंबा भाषण था। मोदी 2014 से 2020 तक 7 साल में लाल किले से 9 घंटे 24 मिनट बोल चुके हैं।

मोदी ने 2015 में जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था
प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में 86 मिनट तक अपनी बात देश के लोगों के सामने रखी थी और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था। नेहरू ने लाल किले से 1947 में 72 मिनट का भाषण दिया था।

मनमोहन ने लाल किले से 10 बार देश को संबोधित किया
उधर, मनमोहन सिंह ने लाल किले से 10 बार देश को संबोधित किया। उनका भाषण दो बार ही 50 मिनट का रहा। बाकी आठ बार भाषण का समय 32 से 45 मिनट के बीच ही रहा।

अटल बिहारी वाजपेयी ने 6 बार देश को संबोधित किया
अपने भाषणों के लिए मशहूर रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ज्यादा लंबे भाषण नहीं दिए। उन्होंने 6 बार लाल किले से देश को संबोधित किया। उन्होंने 1998 में 17 मिनट, 1999 में 27 मिनट, 2000 में 28 मिनट, 2001 में 31 मिनट, 2002 में 25 मिनट और 2003 में 30 मिनट का भाषण दिया।

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